22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 पर्यटकों की मौत के बाद, पाकिस्तान की सेना में असंतोष और संकट की स्थिति उत्पन्न हुई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हमले के बाद पाकिस्तानी सेना के भीतर बड़े पैमाने पर इस्तीफे और अनुशासनहीनता की घटनाएं सामने आई हैं।
पाकिस्तानी सेना में इस्तीफे और अनुशासनहीनता
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पाकिस्तान की सेना में 4,500 सैनिकों और 250 अधिकारियों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। यह इस्तीफे भारत के संभावित सैन्य प्रतिशोध और युद्ध की आशंका के चलते हुए हैं। The Daily Guardian+1India+1
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एक गोपनीय सलाहकार पत्र में मेजर जनरल फैसल महमूद मलिक ने सैनिकों से मनोबल बनाए रखने की अपील की है, जो सेना में बढ़ते असंतोष और इस्तीफों की पुष्टि करता है। The Economic Times
पाकिस्तानी सेना की छवि और रणनीतिक स्थिति
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पाकिस्तानी रक्षा विशेषज्ञ आयशा सिद्दीका के अनुसार, पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव से पाकिस्तानी सेना को अपनी गिरती हुई छवि को सुधारने का अवसर मिल सकता है। हाल के वर्षों में सेना की लोकप्रियता में गिरावट आई थी, विशेषकर पंजाब प्रांत में, जो सेना के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। mint
भारत-पाकिस्तान संबंधों पर प्रभाव
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भारत ने इस हमले के बाद पाकिस्तान पर आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप लगाया है और सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है। इसके जवाब में, पाकिस्तान ने भारतीय उड़ानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है। Reuters
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दोनों देशों के बीच तनाव के चलते नियंत्रण रेखा (LoC) पर गोलीबारी की घटनाएं बढ़ गई हैं, जिससे क्षेत्र में अस्थिरता और बढ़ गई है।
निष्कर्ष
पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान की सेना में बढ़ते इस्तीफे और अनुशासनहीनता की घटनाएं इस बात का संकेत हैं कि सेना के भीतर गहरी असंतोष की भावना व्याप्त है। भारत के संभावित सैन्य प्रतिशोध और युद्ध की आशंका ने इस स्थिति को और गंभीर बना दिया है। यह घटनाक्रम भारत-पाकिस्तान संबंधों में नई चुनौतियां उत्पन्न कर रहा है और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा बन सकता है।
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