रत ने हाल ही में तुर्की के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाते हैं। इन कार्रवाइयों के पीछे मुख्य कारण तुर्की का पाकिस्तान के प्रति समर्थन और भारत विरोधी रुख है।
🇮🇳 भारत की प्रमुख कार्रवाइयाँ तुर्की के खिलाफ:
1. BRICS सदस्यता में बाधा
तुर्की ने BRICS समूह (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) की सदस्यता के लिए आवेदन किया था। हालांकि, भारत ने तुर्की के पाकिस्तान के साथ घनिष्ठ संबंधों के कारण इस आवेदन का विरोध किया, जिससे तुर्की की सदस्यता की संभावना समाप्त हो गई।
2. रक्षा निर्यात पर प्रतिबंध
तुर्की ने भारत को हथियार और रक्षा उपकरणों के निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह निर्णय भारत द्वारा एक तुर्की शिपबिल्डिंग अनुबंध को रद्द करने के बाद लिया गया। EURASIAN TIMES
3. व्यापारिक बहिष्कार और 'बॉयकॉट तुर्की' अभियान
भारत में व्यापारी और उपभोक्ता तुर्की के उत्पादों का बहिष्कार कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, पुणे और उदयपुर में व्यापारियों ने तुर्की से आयातित सेब और संगमरमर का बहिष्कार किया है, जिससे इन उत्पादों की मांग में गिरावट आई है। The Times of India
4. पर्यटन और यात्रा पर प्रभाव
भारत में ऑनलाइन यात्रा प्लेटफार्मों ने तुर्की की यात्रा के खिलाफ सलाह जारी की है। यह कदम तुर्की के पाकिस्तान के समर्थन और भारत विरोधी बयानों के बाद उठाया गया है। Business Standard
🔍 निष्कर्ष
भारत और तुर्की के बीच बढ़ते तनाव के कारण भारत ने तुर्की के खिलाफ कई रणनीतिक और आर्थिक कदम उठाए हैं। इनमें BRICS सदस्यता में बाधा, रक्षा निर्यात पर प्रतिबंध, व्यापारिक बहिष्कार और पर्यटन पर प्रभाव शामिल हैं। इन कार्रवाइयों का उद्देश्य तुर्की को उसके भारत विरोधी रुख के लिए जवाब देना है।
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