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मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के खालवा क्षेत्र में एक 45 वर्षीय आदिवासी महिला के साथ हुई बर्बरता ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। यह घटना 23 मई 2025 की रात की है, जब महिला एक शादी समारोह में शामिल होने के बाद अपने परिचितों के साथ हरि पालवी के घर गई थी। वहां हरि और उसके साथी सुनील धुर्वे ने मिलकर महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया और अत्यंत क्रूरता से उसे प्रताड़ित किया।

घटना का विवरण:

  • बलात्कार और अत्याचार: बलात्कार के बाद, हरि ने महिला के शरीर में हाथ डालकर उसकी आंतें बाहर निकाल दीं। पुलिस के अनुसार, उसने आंतों को वापस डालने की कोशिश भी की, लेकिन असफल रहा। इस अत्याचार के कारण महिला की अत्यधिक रक्तस्राव से मृत्यु हो गई। www.ndtv.com

  • पोस्टमार्टम रिपोर्ट: पोस्टमार्टम में खुलासा हुआ कि महिला की आंतें 176 सेंटीमीटर तक बाहर आ गई थीं, जबकि गर्भाशय को कोई नुकसान नहीं पहुंचा था। यह इंगित करता है कि अत्यधिक हिंसा के कारण आंतरिक अंगों को गंभीर क्षति हुई थी। India Today

  • आरोपी और गिरफ्तारी: पुलिस ने हरि पालवी (40) और सुनील धुर्वे (35) को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी और पीड़िता कुरकू आदिवासी समुदाय से संबंधित हैं। उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 66 (मृत्यु का कारण बनाना), 70(1) (सामूहिक बलात्कार) और 103(1) (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है। www.ndtv.com+2Daijiworld+2Hindustan Times+2

सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया:

इस घटना ने राज्य में महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस पार्टी ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और मुख्यमंत्री मोहन यादव के इस्तीफे की मांग की है। महिला कांग्रेस अध्यक्ष विभा पटेल के नेतृत्व में भोपाल में विरोध प्रदर्शन भी किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री का पुतला जलाया गया। The Times of India

यह घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि समाज में महिलाओं, विशेषकर आदिवासी महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के प्रति हमारी जिम्मेदारी को भी रेखांकित करती है। आवश्यक है कि दोषियों को कठोरतम सजा दी जाए और ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।


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