🔴 हालिया घटनाक्रम: रोहिंग्या शरणार्थियों के खिलाफ कार्रवाई
1. नई दिल्ली में हिरासत और निर्वासन
6 मई 2025 को, नई दिल्ली में कम से कम 40 रोहिंग्या शरणार्थियों को हिरासत में लिया गया। 8 मई को, भारतीय नौसेना ने इन्हें म्यांमार की समुद्री सीमा के पास समुद्र में उतार दिया, जहां उन्हें केवल लाइफ जैकेट प्रदान की गईं। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) ने इस घटना को अंतरराष्ट्रीय कानून के "नॉन-रिफाउलमेंट" सिद्धांत का उल्लंघन बताया है, जो किसी व्यक्ति को ऐसे देश में वापस भेजने से रोकता है जहां उसे उत्पीड़न का खतरा हो ।
2. मेघालय में अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई
मेघालय सरकार ने अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या प्रवासियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए विशेष टास्क फोर्स का गठन किया है। यह कदम केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों के तहत उठाया गया है, जिसमें सभी राज्यों को 30 दिनों के भीतर अवैध प्रवासियों की पहचान और निर्वासन की प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया गया है ।The Times of India
3. राजस्थान में गलत पहचान के आरोप
जयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस विधायक रफीक खान ने आरोप लगाया कि राजस्थान सरकार और पुलिस ने "बांग्लादेशी रोहिंग्या" के नाम पर कई स्थानीय लोगों को गलत तरीके से हिरासत में लिया है। उन्होंने दावा किया कि लगभग 2,000 से 2,500 लोगों को पहचान पत्र या पासपोर्ट न होने के कारण हिरासत में लिया गया, जबकि उनमें से कई स्थानीय निवासी हैं ।The Times of India
⚖️ कानूनी और मानवाधिकार चिंताएं
-
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय: 8 मई 2025 को, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि देश में निवास का अधिकार केवल भारतीय नागरिकों के लिए है, और रोहिंग्या मुसलमानों को यह अधिकार नहीं है। अदालत ने दिल्ली में रोहिंग्या शरणार्थियों के संभावित निर्वासन में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया ।The Economic Times
-
मानवाधिकार संगठनों की प्रतिक्रिया: Fortify Rights और Refugees International जैसे संगठनों ने भारत में रोहिंग्या शरणार्थियों की मनमानी गिरफ्तारी, हिरासत और निर्वासन की निंदा की है। उन्होंने भारत सरकार से अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दायित्वों का पालन करने और रोहिंग्या शरणार्थियों को सुरक्षा प्रदान करने की अपील की है ।Fortify Rights
🌍 अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय निकायों ने भारत में रोहिंग्या शरणार्थियों के साथ हो रहे व्यवहार पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने भारत से आग्रह किया है कि वह अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करे और शरणार्थियों को सुरक्षित आश्रय प्रदान करे।
यदि आप इस विषय पर और जानकारी चाहते हैं या किसी विशेष पहलू पर चर्चा करना चाहते हैं, तो कृपया बताएं।