नीचे Sonam Raghuvanshi के गाज़ीपुर पहुंचने के किस्से की दो मुख्य रिपोर्ट हैं, जो मीडिया और पुलिस जांच के आधार पर सामने आई हैं:
🌐 1. Sonam खुद को याद नहीं रख पाई
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द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, Sonam ने यूपी पुलिस से कहा कि उसे नहीं पता कि वो गाज़ीपुर कैसे पहुंची थी क्योंकि “उसको नशीला पदार्थ दिया गया था” और वह बेहोश थी। पुलिस ने लेकिन ढाबे के आसपास कोई ऐसा सबूत नहीं पाया कि कोई उसे वहां लाया था; CCTV फुटेज से पाया गया कि वह पूरी तरह अपनी मर्ज़ी से वहीं आई थी timesofindia.indiatimes.com+15jansatta.com+15youtube.com+15.
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मेघालय पुलिस का कहना है कि Sonam ने दावा किया कि उसे अगवा किया गया और नशे का सेवन कराकर छोडा गया था, लेकिन UP पुलिस के अनुसार वह “मुझे कुछ याद नहीं है” जैसी बातें कर रही थी jansatta.com.
🚌 2. गाज़ीपुर तक बस yatra—एक चश्मदीद गवाह की कहानी
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गाज़ीपुर की रहने वाली Ujala Yadav ने बताया कि 8 जून की रात वह वाराणसी कैंट रोडवेज बस स्टैंड (बस नंबर प्लेटफ़ॉर्म 5) पर गोरखपुर जाने वाली बस में बैठी थीं। करीब 10 मिनट बाद Sonam भी उसी बस में आई और उनसे गोरखपुर जाने का रास्ता और वक्त पूछने लगी indiatoday.in+3ndtv.in+3navbharattimes.indiatimes.com+3.
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यात्रा के दौरान उसने अन्य यात्रियों से मोबाइल मांगकर फोन करता दिखा, और Ujala को सलाह दी कि ‘सोशल मीडिया मत देखो, चीजों में न उलझो’ navbharattimes.indiatimes.com+8hindustantimes.com+8navbharattimes.indiatimes.com+8.
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बस सैदपुर के पास रुकी, जहाँ Sonam उतरी और फिर अगली सुबह Ujala को पता चला कि वही बुर्क़ा पहने आरोपी है youtube.com+2ndtv.in+2navbharattimes.indiatimes.com+2.
🧩 इन दोनों पहलुओं का मिलान
पहलू | विवरण |
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Sonam का दावा | नशा कराकर उसे वहां छोड़ा गया था, खुद याद नहीं है। |
Ghazipur पहुंचने का सबूत | Ujala के साथ यात्रा, बस में मिली हुई बातचीत, और खुद कंट्रोल सीमित लग रही थी—सामान्य परिस्थिति में आवाजाही करती दिखी। |
दोनों बयान सत्य निष्कर्ष पर ले जा रहे हैं कि Sonam सचमुच उस समय मानसिक और भौतिक रूप से अस्थिर और भ्रमित अवस्था में थी—उसको खुद नहीं याद कि कैसे आई, मगर CCTV और चश्मदीद गवाह स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि वह बहुत ही सामान्य अंदाज़ में वाराणसी से गोरखपुर (और संभवतः गाज़ीपुर) की बस में अकेले यात्री बनकर सवार थी।
✅ कुल मिलाकर:
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Sonam ने कहा कि उसे नशा देकर बेहोश कर गाज़ीपुर पहुँचा दिया गया।
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लेकिन Ujala Yadav ने उसे वाराणसी से बस में शरीक देखा—जहाँ वह खुद आवाजाही कर रही थी, बातचीत कर रही थी।
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पुलिस और मीडिया की जांच में ये विरोधाभास सामने आया, जो केस को और पेचीदा बना देता है।
इससे साफ है कि गाज़ीपुर तक Sonam पहुँची थी ज़ाहिर तौर पर बस से—यानी खुद सक्रिय रूप से यात्रा करके, जबकि उसकी याददाश्त में कोई स्पष्टता न होने का दावा भी जारी है।
अगर आप चाहें तो इन अंशों की पूरी ख़बरों की लिंक भेज सकता हूँ या वीडियो क्लिप (जैसे YouTube) दिखा सकता हूँ।