एक संत की कथा में एक बालिका खड़ी हो गई। चेहरे पर झलकता आक्रोश... संत ने पूछा - बोलो बेटी क्या बात है? बालिका ने कहा- महाराज हमारे समाज में लड़कों को हर प्रकार की आजादी होती है। वह कुछ भी करे, कहीं भी जाए उस पर कोई खास टोका टाकी नहीं होती। इसके विपरीत लड़कियों को बात बात पर टोका जाता है। यह मत करो, यहाँ मत जाओ, घर जल्दी आ जाओ आदि। संत मुस्कुराए और कहा... बेटी तुमने कभी लोहे की दुकान के बाहर पड़े लोहे के गार्डर देखे हैं? ये गार्डर सर्दी, गर्मी, बरसात, रात दिन इसी प्रकार पड़े रहते हैं। इसके बावजूद इनका कुछ नहीं बिगड़ता और इनकी कीमत पर भी कोई अन्तर नहीं पड़ता। लड़कों के लिए कुछ इसी प्रकार की सोच है समाज में। अब तुम चलो एक ज्वेलरी शॉप में। एक बड़ी तिजोरी, उसमें एक छोटी तिजोरी। उसमें रखी छोटी सुन्दर सी डिब्बी में रेशम पर नज़ाकत से रखा चमचमाता हीरा। क्योंकि जौहरी जानता है कि अगर हीरे में जरा भी खरोंच आ गई तो उसकी कोई कीमत नहीं रहेगी। समाज में बेटियों की अहमियत भी कुछ इसी प्रकार की है। पूरे घर को रोशन करती झिलमिलाते हीरे की तरह। जरा सी खरोंच से उसके और उसके परिवार के पास कुछ नहीं बचता। बस यही अन्तर है लड़कियों और लड़कों में। पूरी सभा में चुप्पी छा गई। उस बेटी के साथ पूरी सभा की आँखों में छाई नमी साफ-साफ बता रही थी लोहे और हीरे में

एक संत की कथा में एक बालिका खड़ी हो गई।  चेहरे पर झलकता आक्रोश... संत ने पूछा - बोलो बेटी क्या बात है? बालिका ने कहा- महाराज हमारे समाज...

केवल स्टूडेंट के लिए -: 🚶🏻🚶🏻 अगर प्रशन पेपर मुश्किल लगे, या समझ में ना आये तो"... एक गहरी सांस लो"....और जोर से चिल्लाओ, "कमीनों, फेल ही करना है तो परिक्षा ही क्यों लेते हो। 😂😂😂😜😉.......!!! एग्जाम के पावन मौके पर अर्ज़ है"... पढ़ना लिखना त्याग दे नकल से रख आस"..... ओढ़ रजाई सो जा बेटा रब करेगा पास"... पर्ची वाले बाबा की जय".... 😂😂😂😜😉.......!!! निगाहें आज भी उस शख्स को शिद्दत से तलाश करतीहैं जिसने कहा था, "बस दसवी कर लो, आगे पढ़ाई आसान है"। 😂😂😂😜😉.......!!! बहुत दर्द होता है जब अध्यापिका बोलती है"... कि तुम्हारा और तुम्हारे आगे वाले का जवाब एक है। तब दिल से आवाज आती है, "तो साला सवाल भी तो एक ही था"। 😂😂😂😜😉.......!!! अगर एक अकेला टीचर सारे विषय (Subject) नहीं पढ़ा सकता तो".. ऐसी उम्मीद क्यों करते हैं कि एक विद्यार्थी सारे विषय (Subject) पढ़े। "जागो बच्चों जागो" 😂😂😂😜😉.......!!! हर युग में ऐसा होता है"... हर स्टूडेंट इश्क में खोता है"... पढ़ाई रह जाती है सिर्फ दिखावे की".... और फिर हाल-ए-दिल"... मार्कशीट पर बयाँ होता है। 😂😂😂😜😉.......!!! हर तरफ पढ़ाई का साया है"... हर पेपर में जीरो आया है"... हम तो यूहीं चले जाते हैं बिना मुंह धोये ही".... और लोग कहते हैं".... 'साला रात भर पढ़कर आया है।' 😂😂😂😜😉.......!!! जब Question पेपर हो आउट ऑफ़ कंट्रोल".... आंसर शीट को करके फोल्ड"... एयरोप्लेन बना के बोल".... भैया "आल इज़ फेल।" 😂😂😂😜😉.......!!! पढ़ाई सिर्फ दो वजह से होती है"...? एक शौक से और दूसरा खौफ़ से। फालतू के शौक हम रखते नहीं"..... और खौफ़ तो हमें किसी के बाप का भी नहीं।

 केवल स्टूडेंट के लिए -: 🚶🏻🚶🏻 अगर प्रशन पेपर मुश्किल लगे,  या समझ में ना आये तो"... एक गहरी सांस लो"....और जोर से ...

*🙏😔औरत का सफर☺🙏* 😔बाबुल का घर छोड़ कर पिया के घर आती है.. ☺एक लड़की जब शादी कर औरत बन जाती है.. 😔अपनों से नाता तोड़कर किसी गैर को अपनाती है.. ☺अपनी ख्वाहिशों को जलाकर किसी और के सपने सजाती है.. ☺सुबह सवेरे जागकर सबके लिए चाय बनाती है.. 😊नहा धोकर फिर सबके लिए नाश्ता बनाती है.. ☺पति को विदा कर बच्चों का टिफिन सजाती है.. 😔झाडू पोछा निपटा कर कपड़ों पर जुट जाती है.. 😔पता ही नही चलता कब सुबह से दोपहर हो जाती है.. ☺फिर से सबका खाना बनाने किचन में जुट जाती है.. ☺सास ससुर को खाना परोस स्कूल से बच्चों को लाती है.. 😊बच्चों संग हंसते हंसते खाना खाती और खिलाती है.. ☺फिर बच्चों को टयूशन छोड़,थैला थाम बाजार जाती है.. ☺घर के अनगिनत काम कुछ देर में निपटाकर आती है.. 😔पता ही नही चलता कब दोपहर से शाम हो जाती है.. 😔सास ससुर की चाय बनाकर फिर से चौके में जुट जाती है.. ☺खाना पीना निपटाकर फिर बर्तनों पर जुट जाती है.. 😔सबको सुलाकर सुबह उठने को फिर से वो सो जाती है.. 😏हैरान हूं दोस्तों ये देखकर सौलह घंटे ड्यूटी बजाती है.. 😳फिर भी एक पैसे की पगार नही पाती है.. 😳ना जाने क्यूं दुनिया उस औरत का मजाक उडाती है.. 😳ना जाने क्यूं दुनिया उस औरत पर चुटकुले बनाती है.. 😏जो पत्नी मां बहन बेटी ना जाने कितने रिश्ते निभाती है.. 😔सबके आंसू पोंछती है लेकिन खुद के आंसू छुपाती है.. *🙏नमन है मेरा घर की उस लक्ष्मी को जो घर को स्वर्ग बनाती है..☺* *☺ड़ोली में बैठकर आती है और अर्थी पर लेटकर जाती 👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻✍🏻✍🏻 अच्छी लगी हो तो share Plz 💐💐

*🙏😔औरत का सफर☺🙏* 😔बाबुल का घर छोड़ कर पिया के घर आती है.. ☺एक लड़की जब शादी कर औरत बन जाती है.. 😔अपनों से नाता तोड़कर किसी ग...

शादीशुदा पुरुष की वेदना:- ******************************** ब्याऔ नहीं करने थो, कर गये। नाहक में,  आफत में पर गये।। बनीं  बेड़ियाँ    सात   भाँवरें, सपने  पके  बेर से  झर  गये।।            जान मान  आफत  लाबे खाँ,            दूल्हा बनकेँ   उनके घर गये।            गऊ  कह केँ  दै दई  शेरनी,            ससुर असुर बन हमें अखर गये।। ऐसें   खर्चा   करत  भुमानीं, जैसें बाप  कमा कें  धर गये। क्रीम  पाउडर  में  गये  रुपैया, घर के सब हालात बिगर गये।।             मजा मौज सब भूल गये हैं,             ऐंसौ लगत जेल में भर गये।             दद्दा  हाल  देख केँ  बोले,            "काये"बेटा ठीक  सुधर गये।। ****************************** एक अज्ञात बुन्देल खंडी रचनाकारi

शादीशुदा पुरुष की वेदना:- ******************************** ब्याऔ नहीं करने थो, कर गये। नाहक में,  आफत में पर गये।। बनीं  बेड़ियाँ    स...