कांग्रेस नेता नीरजा अंबेकर की रहस्यमयी मौत को लेकर तीन साल बाद बड़ा खुलासा सामने आया है। अब तक जिस मामले को सामान्य परिस्थितियों में हुई मौत माना जा रहा था, उस पर नए तथ्यों ने बदले की साजिश की आशंका को जन्म दे दिया है।
सूत्रों के अनुसार, हाल ही में सामने आए दस्तावेज़ों और गवाहों के बयानों के आधार पर जांच एजेंसियों ने पुराने केस फाइल को दोबारा खंगालना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि नीरजा अंबेकर के कुछ राजनीतिक और व्यक्तिगत विवाद उस समय दबा दिए गए थे, जिनका सीधा संबंध उनकी मौत से हो सकता है।
परिवार का आरोप है कि शुरुआत से ही मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हुई और कई अहम सबूतों को नजरअंदाज किया गया। अब तीन साल बाद नए सिरे से जांच शुरू होने से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है।
फिलहाल जांच एजेंसियां सभी पहलुओं की बारीकी से जांच कर रही हैं। आने वाले दिनों में इस मामले में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।