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Sasanasabha (2023) New Released Hindi Dubbed Movie | Indra Sena, Aishwar...
Sasanasabha (2023) New Released Hindi Dubbed Movie | Indra Sena, Aishwar...
Sasanasabha (2023) New Released Hindi Dubbed Movie | Indra Sena, Aishwar...
रिश्ते-नाते:प्रेम के साथ ख़ूबियां मिलेंगी तो रिश्ता और मज़बूत बनेगा
रिश्ते
-
नाते
:
प्रेम
के
साथ
ख़ूबियां
मिलेंगी
तो
रिश्ता
और
मज़बूत
बनेगा
किसी
भी
रिश्ते
को
बनाने
से
ज़्यादा
मुश्किल
होता
है
संभालना
और
निभाना।
इसके
लिए
प्रेम
तो
चाहिए
,
साथ
ही
भावनात्मक
परिपक्वता
भी
चाहिए।
इस
परिपक्वता
के
साथ
वो
ख़ूबियां
आती
हैं
जो
हर
रिश्ते
में
होनी
ही
चाहिए।
माना
जाता
है
कि
सफल
और
मज़बूत
रिश्ते
के
लिए
दो
लोगों
की
पसंद
-
नापसंद
और
व्यवहार
मिलना
ज़रूरी
है।
इसके
बलबूते
पर
रिश्ता
निभाने
में
आसानी
होती
है
और
आपसी
प्रेम
बना
रहता
है।
रिश्तों
के
निबाह
में
इनकी
मौजूदगी
ज़रूरी
है
,
लेकिन
इनसे
कहीं
ज़्यादा
ज़रूरी
है
इमोशनल
मैच्योरिटी
यानी
कि
भावनात्मक
परिपक्वता।
इसका
मतलब
है
भावनाओं
और
व्यवहार
को
समझना
,
संतुलित
रखना
और
सही
तरीक़े
से
प्रतिक्रिया
देना।
यह
वो
ख़ूबियां
सिखाता
है
जो
किसी
भी
रिश्ते
को
मज़बूत
बनाने
के
लिए
ज़रूरी
हैं।
रिश्ते
में
इनकी
मौजूदगी
ज़रूरी
है
...
सुरक्षा
ये
वो
अहसास
है
जो
रिश्ते
में
महत्वपूर्ण
भूमिका
निभाता
है।
अगर
आपने
कोई
ज़िम्मेदारी
साथी
के
हाथ
सौंपी
है
और
आप
जानते
हैं
कि
वो
उसे
किसी
भी
सूरत
में
पूरा
करेंगे
,
तो
यह
सुरक्षा
का
एहसास
है।
साथी
की
मौजूदगी
सुरक्षा
महसूस
कराती
है।
विश्वास
और
समर्पण
विश्वास
हर
रिश्ते
की
नींव
है।
अगर
आप
मुश्किल
में
हैं
तो
उससे
बाहर
निकालने
के
लिए
आपका
साथी
साथ
होगा
,
यह
विश्वास
है।
और
यह
दोतरफ़ा
होना
चाहिए।
वहीं
अपनी
इच्छा
या
पसंद
का
समर्पण
कर
साथी
की
ज़रूरत
या
पसंद
को
महत्व
देना
भी
रिश्ते
में
ज़रूरी
है।
ये
दोनों
गुण
रिश्ते
की
ज़रूरतों
को
समझने
और
उन्हें
पूरा
करने
में
मदद
करते
हैं।
सम्मान
रिश्ते
में
प्यार
जितना
ही
ज़रूरी
है
सम्मान।
आप
अपने
साथी
से
कैसे
बात
करते
हैं
,
उसकी
ज़रूरतों
को
ध्यान
में
रखते
हैं
और
उन्हें
सुनते
हैं
,
ये
सब
व्यवहार
में
नज़र
आता
है।
आपके
किसी
शब्द
या
बात
से
साथी
की
भावनाओं
को
ठेस
न
पहुंचे
,
इसका
ध्यान
रखना
भी
सम्मान
है।
भावनात्मक
परिपक्वता
का
यह
गुण
एक
-
दूसरे
की
राय
व
दृष्टिकोण
समझने
में
सक्षम
बनाता
है
,
जिससे
दूसरा
व्यक्ति
सम्मानित
और
मूल्यवान
महसूस
करता
है।
साझेदारी
जब
एक
टीम
साथ
मिलकर
काम
करती
है
,
तो
हर
सदस्य
में
एक
दूसरे
से
अलग
गुण
होते
हैं।
इसी
तरह
रिश्तों
में
भी
टीमवर्क
ज़रूरी
है।
अगर
एक
साथी
किसी
परिस्थिति
में
कमज़ोर
पड़ता
है
तो
उसे
संभालने
के
लिए
दूसरा
साथी
मौजूद
होता
है।
एक
-
दूसरे
को
सहारा
देने
के
साथ
कठिन
रास्तों
को
पार
करने
,
मुश्किलों
से
लड़ने
के
लिए
और
एक
-
दूसरे
को
संभालने
के
लिए
साझेदारी
ज़रूरी
है।
भावनात्मक
समर्थन
जब
आप
किसी
मुश्किल
में
हों
या
कोई
चिंता
परेशान
कर
रही
हो
तो
ऐसे
मौक़े
पर
भावनात्मक
सहारे
की
ज़रूरत
होती
है
जो
आपको
अपने
साथी
से
मिलना
चाहिए।
यह
गुण
रिश्ते
में
महसूस
होने
वाले
अकेलेपन
को
दूर
करता
है।
स्वतंत्रता
हर
व्यक्ति
को
निजी
समय
की
आवश्यकता
होती
है।
अपने
साथी
को
उसके
अनुसार
जीने
की
स्वतंत्रता
देना
भी
रिश्ते
में
ज़रूरी
है।
अगर
स्वतंत्रता
नहीं
तो
रिश्ते
में
घुटन
महसूस
होने
लगती
है।
इन्हें
रिश्तों
में
ऐसे
विकसित
करें
...
भावनाओं
का
सम्मान
करें
साथी
को
अपनी
बात
रखने
की
आज़ादी
दी
है
तो
उन्हें
सही
या
ग़लत
आंकने
के
बजाय
केवल
सुनें।
उन्हें
भावनात्मक
रूप
से
सहारा
दें
और
हल
निकालने
की
कोशिश
करें।
स्वीकारें
कि
भावनाएं
महत्वपूर्ण
हैं
हमें
यह
समझने
की
ज़रूरत
है
कि
हमारी
भावनाओं
को
समझना
,
स्वीकार
करना
और
व्यक्त
करना
महत्वपूर्ण
है।
हमारी
भावनात्मक
स्थिति
हमारी
निर्णय
लेने
की
क्षमता
को
प्रभावित
करती
है
जो
अंततः
हमारे
भविष्य
को
आकार
देने
में
महत्वपूर्ण
भूमिका
निभाती
है।
समानुभूति
का
अभ्यास
करें
दूसरों
यानी
साथी
या
क़रीबी
की
भावनाओं
को
समझने
और
उनका
सम्मान
करने
का
प्रयास
करें।
अभ्यास
से
उनकी
भावनाओं
और
संवेदनाओं
के
बारे
में
अपनी
समझ
बढ़ाएं
,
मज़बूत
संबंधों
और
सार्थक
रिश्तों
को
बढ़ावा
दें।
सक्रिय
रहें
संबंधों
में
सक्रिय
भागीदारी
करेंं।
सक्रियता
रिश्तों
को
आवश्यक
पोषण
देने
का
काम
करती
है।
संवेदनशीलता
को
प्रोत्साहित
करें
साथी
को
अपने
दिल
की
बात
कहने
की
आज़ादी
दें
और
सशक्त
बनाएं।
उन्हें
अपनी
भावनाओं
को
प्रभावी
ढंग
से
साझा
करने
का
माहौल
दें।
उनकी
ग़लतियों
और
असफलताओं
को
सुधार
के
अवसर
के
रूप
में
स्वीकार
करें।
बराबरी
का
दर्जा
दें
दोनों
की
काबिलियत
एक
-
दूसरे
से
अलग
हो
सकती
है।
इस
आधार
पर
एक
-
दूसरे
को
छोटा
महसूस
कराने
या
कमियां
गिनाने
से
बचें।
अगर
व्यक्तिगत
फ़ैसले
लेने
हैं
तब
भी
उनसे
पूछें
कि
उनकी
इस
मामले
में
क्या
राय
है।
इससे
उनको
सम्मान
और
अहमियत
महसूस
होगी।
ध्यान
दें
और
सुनें
अपने
साथी
या
क़रीबी
पर
ध्यान
देने
और
उन्हें
सुनने
का
समय
निकालें
,
ताकि
आप
उनको
यह
एहसास
करा
सकें
कि
वे
आपके
लिए
महत्वपूर्ण
हैं।
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