पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में 11 मार्च 2025 को बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के आतंकवादियों ने क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर हमला किया। आतंकवादियों ने रेल की पटरियों को बम से उड़ाकर ट्रेन को रोका और गोलीबारी शुरू कर दी।
ट्रेन में लगभग 400 यात्री सवार थे, जिनमें से 104 यात्रियों को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने अब तक सुरक्षित बचा लिया है। बचाए गए यात्रियों में 58 पुरुष, 31 महिलाएं और 15 बच्चे शामिल हैं। हालांकि, दर्जनों यात्री अभी भी बंधक हैं।
इस हमले में कम से कम 20 लोग मारे गए हैं, जबकि कुछ रिपोर्टों में यह संख्या अधिक बताई गई है। सुरक्षा बलों की कार्रवाई में अब तक 27 आतंकवादी मारे गए हैं।
BLA ने बलूच राजनीतिक कैदियों, कार्यकर्ताओं और लापता व्यक्तियों की रिहाई की मांग की है, अन्यथा उन्होंने बंधकों को मारने की धमकी दी है। सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ जारी है, और क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई
है।
पाकिस्तान की आज़ादी के बाद से ट्रेन हाइजैकिंग की घटनाएं अत्यंत दुर्लभ रही हैं। हालांकि, विभाजन के समय 1947 में कुछ प्रमुख ट्रेन हमले हुए थे, जिन्हें हाइजैकिंग नहीं कहा जा सकता, लेकिन वे महत्वपूर्ण हैं:
1. कामोके ट्रेन नरसंहार (24 सितंबर 1947): पश्चिम पंजाब से हिंदू और सिख शरणार्थियों को ले जा रही एक ट्रेन पर कामोके में मुस्लिम भीड़ ने हमला किया था। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले में 408 लोग मारे गए और 587 घायल हुए थे।
2. 1947 रावलपिंडी नरसंहार: मार्च 1947 में रावलपिंडी डिवीजन के ग्रामीण इलाकों में हिंदू और सिख समुदायों पर हमले हुए थे। 7 मार्च को, टैक्सिला में एक ट्रेन पर भीड़ ने हमला किया, जिसमें 22 हिंदू और सिख यात्री मारे गए थे।
हाल ही में, 11 मार्च 2025 को बलूचिस्तान प्रांत में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन का अपहरण किया था। यह घटना पाकिस्तान में ट्रेन हाइजैकिंग की दुर्लभ घटनाओं में से एक है।
इन घटनाओं के अलावा, पाकिस्तान में ट्रेन हाइजैकिंग की घटनाएं अत्यंत कम या लगभग नगण्य रही हैं।