[24/07, 8:26 pm] null: सीख नहीं पाये हम मीठे

झूठ का हुनर.. कड़वे

सच ने कई रिश्ते छीन लिए

हमसे..

[24/07, 8:38 pm] null: कुछ लोग ज़िन्दगी में

सिर्फ ज़िन्दगी

हराम करने आते हैं.!

[24/07, 8:39 pm] null: धोखा ऐसे

ही नहीं मिलता

भला करना पड़ता है

लोगों का।

[24/07, 8:40 pm] null: मुँह पर

सच बोलने की आदत है

इसलिए

मैं बहुत बद्तमीज़ हूँ।

[24/07, 8:41 pm] null: सफर के मजे लो

मंजिल तो सब की मौत है।

[24/07, 8:42 pm] null: खुल के जीना है,

तो किसी पर मरना मत..!!

[24/07, 8:45 pm] null: शब्द से *खुशी* ,

शब्द से *ग़म* 

शब्द से *पीड़ा* ,

शब्द ही *मरहम* !

[26/07, 6:38 am] null: मंज़िल को खबर भी नहीं

कि सफर ने

क्या क्या छीना है हमसे..

[26/07, 6:41 am] null: सच्चे लोग दिल में उतनी जगह नहीं बना पाते, जितने मतलबी और चापलूस लोग बना लेते हैं..

[26/07, 6:42 am] null: लोग जब पूछते हैं

कि आप क्या काम करते हो,

असल में

वो हिसाब लगाते हैं

कि आपको,

कितनी इज्जत देनी है..!!

[26/07, 10:33 am] null: लगाव कैसा भी हो..! अंत में,

दुःख का कारण ही बनता है..!! 💯

[26/07, 10:34 am] null: कौन किसके साथ

कब तक रहता है,

ये उसकी ज़रूरतें तय करती हैं। 🤍

[26/07, 10:34 am] null: बातों से ज्यादा..... बर्ताव चुभता हैं!! 💔

[26/07, 10:35 am] null: कभी कभी हम वो भी खो देते हैं..!

जिसे हम बड़े हक़ से कहते हैं ये मेरा है..!!

[26/07, 10:36 am] null: कुछ भी एक जैसा नहीं रहता..

चाहे वो वक़्त हो या इंसान !!

[26/07, 10:37 am] null: चतुर युग... चल रहा है!

इसलिए ये विचार छोड़ दीजिए, कि

बिना स्वार्थ के लोग आप से रिश्ता रखेंगे...

[26/07, 10:38 am] null: देर से बनो पर,

जरूर कुछ बनो, क्योंकि लोग,

वक़्त के साथ ख़ैरियत नहीं

हैसियत पूछते हैं...

[26/07, 10:40 am] null: तमाशा ज़िन्दगीं का हुआ,

कलाकार सब अपने निकले..!! 💔😔

[26/07, 10:41 am] null: खुली किताब की तरह थे हम...

पर अफ़सोस अनपढ़ के हाथ लग गए।

[26/07, 10:42 am] null: *जिनको मैंने सुख में बुलाया वो मेरे अपने थे...*

*और जो मेरे दुख में आये उनका मैं अपना था..!!*

[26/07, 10:43 am] null: *𝗗𝗼𝘂𝗯𝗹𝗲 𝗧𝗮𝗽 ❤️ 𝗜𝗳 𝗬𝗼𝘂 𝗟𝗶𝗸𝗲 𝗣𝗼𝘀𝘁*

[26/07, 8:18 pm] null: "समझदारी इसी में है...

कि हर समझदार को समझने दो...

कि, उससे ज़्यादा समझदार

कोई नहीं है।"

[26/07, 8:21 pm] null: लॉयल्टी जैसा कुछ नहीं होता है पार्थ

ऑप्शन अधिक मिलने पर कपड़े पसंद करना

भी मुश्किल हो जाता है..।

[26/07, 8:23 pm] null: *सबको पसंद आ जाऊँ,*

*पैसा थोड़ी हूँ...!! 🥺💯*

[26/07, 9:31 pm] null: *𝗗𝗼𝘂𝗯𝗹𝗲 𝗧𝗮𝗽 ❤️ 𝗜𝗳 𝗬𝗼𝘂 𝗟𝗶𝗸𝗲 𝗣𝗼𝘀𝘁*

News Ki Pathshala | Sushant Sinha: भारत- UK के बीच फ्री Trade Deal साइन ...

गुरुवार, 24 जुलाई 2025 को भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) के बीच एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता (FTA), जिसे औपचारिक रूप से व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (CETA) कहा जाता है, पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान लंदन में हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर दोनों मौजूद थे। इस समझौते पर भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और यूके के व्यापार सचिव जोनाथन रेनॉल्ड्स ने हस्ताक्षर किए।

सुशांत सिन्हा के "न्यूज़ की पाठशाला" ने इस समझौते की संभावनाओं और संभावित लाभों पर पहले ही प्रकाश डाला था। FTA का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देना है, जिसका लक्ष्य 2030 तक इसे दोगुना कर $112-$120 बिलियन तक पहुंचाना है।


भारत-यूके FTA के मुख्य बिंदु:

  • भारतीय निर्यात के लिए शुल्क-मुक्त पहुँच: यूके को भारत के लगभग 99% निर्यात पर अब शुल्क-मुक्त पहुँच मिलेगी। इसमें कपड़ा, चमड़ा, जूते, रत्न और आभूषण, इंजीनियरिंग उत्पाद, और हल्दी, इलायची, काली मिर्च, आम का गूदा और दालें जैसे कृषि उत्पाद शामिल हैं। इससे भारत के श्रम-प्रधान क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण अवसर खुलने की उम्मीद है।

  • यूके के आयात पर भारत में कम टैरिफ: यूके के सामान पर भारत में औसतन टैरिफ 15% से घटाकर 3% किया जाएगा। इससे ब्रिटिश उत्पाद जैसे सॉफ्ट ड्रिंक, सौंदर्य प्रसाधन, चिकित्सा उपकरण और कुछ ऑटोमोबाइल भारतीय उपभोक्ताओं के लिए सस्ते हो जाएंगे।

  • स्कॉच व्हिस्की और ऑटोमोबाइल पर कम शुल्क: ब्रिटिश व्हिस्की पर आयात शुल्क तुरंत 150% से घटाकर 75% किया जाएगा, और एक दशक में इसे और घटाकर 40% कर दिया जाएगा। ऑटोमोबाइल पर टैरिफ भी निर्दिष्ट कोटे के तहत 100% से अधिक से घटाकर 10% तक किया जाएगा।

  • पेशेवरों के लिए लाभ: यह समझौता पेशेवरों की आवाजाही को आसान बनाता है, जिसमें स्वतंत्र पेशेवर, व्यावसायिक आगंतुक और इंट्रा-कॉर्पोरेट हस्तांतरित शामिल हैं। एक बड़ी सफलता डबल कॉन्ट्रिब्यूशन कन्वेंशन एग्रीमेंट (सामाजिक सुरक्षा समझौता) है, जो यूके में अस्थायी रूप से (तीन साल तक) काम करने वाले भारतीय पेशेवरों को दोहरा सामाजिक सुरक्षा योगदान देने से छूट देगा।

  • सेवाओं के लिए बढ़ी हुई बाजार पहुँच: यह समझौता भारतीय फर्मों और फ्रीलांसरों के लिए आर्थिक आवश्यकता परीक्षण के बिना 36 सेवा क्षेत्रों तक पहुँच प्रदान करता है, और भारतीय पेशेवरों को स्थानीय कार्यालय की आवश्यकता के बिना दो साल तक 35 यूके क्षेत्रों में काम करने की अनुमति देता है।

बिल्कुल, आइए भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के कुछ और महत्वपूर्ण पहलुओं और यह भारतीय व्यवसायों को कैसे प्रभावित करेगा, इस पर गहराई से नज़र डालते हैं:


FTA के प्रमुख लाभ और प्रभाव

यह समझौता केवल टैरिफ कटौती तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह व्यापार और निवेश के लिए एक व्यापक ढांचा तैयार करता है।

1. निर्यातकों के लिए नए अवसर

  • श्रम-गहन क्षेत्र: भारतीय कपड़ा, चमड़ा, जूते, रत्न और आभूषण जैसे श्रम-गहन क्षेत्रों को यूके में शुल्क-मुक्त पहुंच मिलने से भारी बढ़ावा मिलेगा। इससे इन उद्योगों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

  • कृषि और समुद्री उत्पाद: भारतीय झींगा, टूना, मछली का भोजन और चारा जैसे समुद्री उत्पादों पर यूके में शुल्क समाप्त होने से मछुआरों और तटीय राज्यों को बहुत फायदा होगा। इसी तरह, हल्दी, इलायची, काली मिर्च, आम का गूदा, दालें, बाजरा, जैविक जड़ी-बूटियां, चाय और कॉफी जैसे कृषि उत्पादों के लिए भी नए बाजार खुलेंगे। अनुमान है कि अगले 3 साल में कृषि निर्यात में 20-50% तक की बढ़ोतरी हो सकती है।

  • विनिर्माण और इंजीनियरिंग: भारत के इंजीनियरिंग सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्यूटिकल्स, रसायन, प्लास्टिक और खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जो भारत के विनिर्माण भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।

  • जेनेरिक दवाएं: भारतीय जेनेरिक दवाओं की प्रतिस्पर्धात्मकता में एफटीए के तहत शून्य शुल्क प्रावधानों से यूके के बाजार में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है, जो यूरोप में भारत का सबसे बड़ा दवा निर्यात गंतव्य बना हुआ है।

2. उपभोक्ताओं के लिए सस्ते उत्पाद

  • भारत में ब्रिटिश व्हिस्की, कारें, सॉफ्ट ड्रिंक्स, सौंदर्य प्रसाधन, और चिकित्सा उपकरण जैसे उत्पादों पर आयात शुल्क में कमी आएगी, जिससे ये भारतीय उपभोक्ताओं के लिए सस्ते हो जाएंगे।

  • ब्रिटेन में निर्मित मोबाइल, लैपटॉप और अन्य गैजेट्स पर भी कर कम होने की संभावना है, जिससे वे भारत में अधिक किफायती हो सकते हैं।

3. पेशेवरों और सेवाओं के लिए अवसर

  • आसान आवाजाही: यह समझौता भारतीय पेशेवरों, योग प्रशिक्षकों, शास्त्रीय संगीतकारों और बावर्ची जैसे कुशल व्यक्तियों के लिए यूके में अपनी सेवाएं प्रदान करना आसान बनाएगा।

  • सामाजिक सुरक्षा समझौता: डबल कॉन्ट्रिब्यूशन कन्वेंशन एग्रीमेंट भारतीय पेशेवरों को यूके में अस्थायी रूप से काम करते समय (तीन साल तक) दोहरा सामाजिक सुरक्षा योगदान देने से छूट देगा, जो एक बड़ा वित्तीय लाभ है।

  • सेवा क्षेत्र में पहुँच: भारतीय आईटी, वित्तीय सेवाओं, शिक्षा और कानूनी सेवाओं को ब्रिटिश बाजारों तक बेहतर पहुंच से लाभ होगा, जिससे इस क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

4. निवेश और भू-राजनीतिक लाभ

  • विदेशी निवेश में वृद्धि: ब्रिटिश कंपनियों के लिए भारत में व्यापार करना आसान होने से विनिर्माण, खुदरा, शिक्षा और वित्तीय सेवा क्षेत्रों में निवेश बढ़ेगा। इससे 'मेक इन इंडिया' पहल को भी बढ़ावा मिलेगा।

  • आपूर्ति श्रृंखला का लचीलापन: यह समझौता गैर-टैरिफ बाधाओं को समाप्त करने का लक्ष्य रखता है, जिससे वस्तुओं और सेवाओं का मुक्त प्रवाह हो सके। यह आपूर्ति श्रृंखला के लचीलेपन को बढ़ाने और दोनों देशों के बीच व्यापार दक्षता में सुधार के लिए महत्वपूर्ण है।

  • कूटनीतिक संबंध: FTA के बाद भारत और ब्रिटेन के बीच भू-राजनीतिक और कूटनीतिक संबंध बढ़ने की संभावनाएं हैं। दोनों ही देश आगे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ा सकते हैं।

5. संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा

  • भारत ने डेयरी उत्पाद, सेब, जई और खाद्य तेलों जैसे कुछ संवेदनशील क्षेत्रों पर कोई शुल्क रियायत नहीं दी है, जिससे घरेलू किसानों और उद्योगों के हितों की रक्षा होगी।


चुनौतियां और आगे की राह

हालांकि यह समझौता बड़े पैमाने पर लाभप्रद है, फिर भी कुछ चुनौतियाँ मौजूद हैं:

  • अंतिम अनुमोदन: समझौते को पूरी तरह से लागू होने से पहले ब्रिटिश संसद द्वारा अनुमोदित किया जाना बाकी है, जिसमें कुछ समय लग सकता है।

  • प्रतियोगिता: कुछ भारतीय उद्योगों को ब्रिटिश उत्पादों से बढ़ती प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां टैरिफ में महत्वपूर्ण कमी आई है।

  • क्रियान्वयन: समझौते के प्रावधानों का सुचारू और प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण होगा।

कुल मिलाकर, भारत-यूके FTA दोनों देशों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की अपार संभावनाएं रखता है।

वो हँसते हुए स्कूल टूर पर आई थी… सोचा था आज बुज़ुर्गों से मिलकर कुछ सीखने को मिलेगा। पर जैसे ही वृद्धाश्रम के आंगन में पहुंची — वो चेहरा देखा… और उसकी रूह कांप गई। वो उसकी अपनी दादी थीं… जिन्हें वो बरसों से सिर्फ फ़ोटो में देखती आ रही थी। जिसे कभी गोद में झुलाया था, जिसके लिए रात-रात भर जाग कर लोरी गाई थी… वही दादी अब एक कोने में अकेली, चुपचाप तकिये में मुँह छुपाकर रो रही थीं। 👵 जिसे उम्र के इस मोड़ पर सबसे ज़्यादा अपने चाहिए थे… उन्हें ही अपनों ने छोड़ दिया था। वो बच्ची वहाँ खेलने आई थी, पर लौटते वक्त उसके चेहरे पर मुस्कान नहीं, आँखों में गीली सी कहानी थी। हम बड़ी-बड़ी मंज़िलों की तरफ भागते रहे… और पीछे छूटती रहीं वो दादी–नानी जो हमें चलना सिखा रही थीं। 👉 क्या वाकई ये तरक़्क़ी है? या हमने अपनों को खोने का नाम तरक़्क़ी रख लिया है? 📞 आज घर एक फ़ोन कीजिए, हो सकता है आपकी माँ… या दादी… बस उसी फ़ोन की आवाज़ सुनने को जी रही हों। --- #DilSe #FamilyMatters #RespectElders #GrandmotherLove #EmotionalPost #ViralFeelings #HeartTouching #MaaKiMaa #OldAgeHome #HumanityStillLives

 वो हँसते हुए स्कूल टूर पर आई थी…

सोचा था आज बुज़ुर्गों से मिलकर कुछ सीखने को मिलेगा।

पर जैसे ही वृद्धाश्रम के आंगन में पहुंची —

वो चेहरा देखा… और उसकी रूह कांप गई।

वो उसकी अपनी दादी थीं…

जिन्हें वो बरसों से सिर्फ फ़ोटो में देखती आ रही थी।


जिसे कभी गोद में झुलाया था,

जिसके लिए रात-रात भर जाग कर लोरी गाई थी…

वही दादी अब एक कोने में अकेली,

चुपचाप तकिये में मुँह छुपाकर रो रही थीं।


👵 जिसे उम्र के इस मोड़ पर सबसे ज़्यादा अपने चाहिए थे…

उन्हें ही अपनों ने छोड़ दिया था।


वो बच्ची वहाँ खेलने आई थी,

पर लौटते वक्त उसके चेहरे पर मुस्कान नहीं,

आँखों में गीली सी कहानी थी।


हम बड़ी-बड़ी मंज़िलों की तरफ भागते रहे…

और पीछे छूटती रहीं वो दादी–नानी जो हमें चलना सिखा रही थीं।


👉 क्या वाकई ये तरक़्क़ी है?

या हमने अपनों को खोने का नाम तरक़्क़ी रख लिया है?


📞 आज घर एक फ़ोन कीजिए,

हो सकता है आपकी माँ… या दादी…

बस उसी फ़ोन की आवाज़ सुनने को जी रही हों।


---


#DilSe #FamilyMatters #RespectElders #GrandmotherLove #EmotionalPost #ViralFeelings #HeartTouching #MaaKiMaa #OldAgeHome #HumanityStillLives


DasTak: Conversion Factory का खुलासा, 100+ लड़कियों को आतंकी बनाने की सा...

नीचे “DasTak: Conversion Factory” के ज़रिए खुलासा की गई जानकारी का विश्लेषण प्रस्तुत है — विशेष रूप से उस कथित ‘कॉनवर्ज़न फैक्ट्री’ (Conversion Factory) की, जिसमें 100+ लड़कियों को इस्लाम में जबरन धर्मांतरण और आतंकवादी गतिविधियों के लिए तैयार किया गया।


⚠️ मुख्य खुलासे: क्या हुआ according to police investigation?

1. UP ATS द्वारा Operation Asmita के तहत बड़ा घोटाला उजागर

  • Chhangur Baba (जमालुद्दीन) नामक व्यक्ति के नेतृत्व में एक व्यापक नेटवर्क का खुलासा हुआ, जिसने लगभग 40 से अधिक हिंदू महिलाओं और लड़कियों को लक्ष्य बनाया।

  • इस गैंग पर विदेशों (कनाडा, यूएसए, यूएई, लंदन) से 100 करोड़ रुपये से अधिक फंडिंग की बात सामने आई, जिसका उद्देश्य कथित तौर पर तैनाती और इंडोक्ट्रिनेशन था। Reddit

2. Inter-state “love jihad” रैकेट

  • Agra में मार्च 2025 में दो बहनों की गुमशुदगी की प्राथमिकी के बाद 10 लोगों को 6 राज्यों से गिरफ्तार किया गया। आरोप है कि यह नेटवर्क प्रेम-प्रसंग (“love jihad”) के बहाने ब्रेनवॉश करके लड़कियों को धर्मांतरित करता था। The Times of India+3India Today+3The Times of India+3

  • नेटवर्क के गतिविधियों में सोशल मीडिया, YouTube चैनल, नकली पहचान, सुरक्षित घर और SIM‑फोन व्यवस्था शामिल थी। इसके अलावा हिंदू परिवारों के दलित और पिछड़े वर्ग की लड़कियों को विशेष रूप से निशाना बनाया गया। India TodayIndia TodayOrganiserThe Times of India

3. Minor Dalit लड़की का मामला (Prayagraj से Kerala)

  • 15 वर्षीय दलित लड़की को बहला-फुसलाकर Kerala ले जाया गया, वहाँ धर्मांतरण और आतंक गतिविधियों में शामिल होने की प्रक्रिया शुरू की गई।

  • पुलिस ने दो आरोपियों—Darkhsha Bano (19) और Mohammad Kaif (25)—को गिरफ्तार किया। लड़की ने भागकर अपनी माँ को फोन किया और वापस आकर सुरक्षा केंद्र (One Stop Centre) में रखी गई। Times Now Navbharat+1The Times of India+1The Times of India+3The Week+3The Times of India+3


📋 तथ्यों की सारांश तालिका

पहलूविवरण
नेटवर्क की पहचानChhangur Baba के नेतृत्व में एक संगठित “conversion factory”
शिकारदलित/पिछड़ी वर्ग की नाबालिग और वयस्क हिंदू लड़कियाँ
तरीकाप्रेम-प्रसंग, झूठे दोस्त, ब्रेनवॉशिंग, fake identity, हिंड-हिंन्दुओं के बीच radicalisation
फंडिंगविदेशी स्रोत जैसे Canada, USA, UAE, London; ISIS/LeT समर्थित प्रारूप Wikipedia+1Times Now Navbharat+1The Times of India+3India Today+3India Today+3
उद्देश्यधर्मांतरण + आतंकवादी गतिविधियों में शामिल करना
कदमFBI-style logistics: नए फोन/SIM, safe houses, कानूनी सलाह
क़ानूनी कार्रवाईUttar Pradesh में anti-conversion law (2020 Ordinance, 2024 update); अलग-अलग राज्यों में भी एंटी–conversion विधेयक WikipediaOpIndiaThe Times of India

🧠 क्या ये “धर्मांतरण फैक्ट्री” है?

  • Chhangur Baba case में स्पष्ट रूप से एक चार-स्तरीय प्रणाली सामने आई — recruitment, funding, logistics, indoctrination।

  • आरोपपत्र में दर्ज फंडिंग और कैस्ट-आधारित “conversion rate list” इस संगठन को एक “conversion factory” जैसा स्वरूप देती है। Reddit+1The Times of India+1

  • हालांकि, अभी गिरफ्तारी और प्रारंभिक पूछताछ के चरण में हैं; कोर्ट में chargesheet के बाद ही इसे आधिकारिक रूप से “factory” कहा जाएगा।


🏛️ संदेह और आलोचना

  • कुछ सूत्रों और सोशल मीडिया पर अत्यंत संगठित और भयावह कथन भी मिलते हैं जैसे “rate‑card jihad”“rape‑mafia”. इन पर ठोस प्रमाण सार्वजनिक अभी सीमित हैं — Reddit जैसी जगहों पर अधिकतर आरोप प्रवचन-स्तर के होते हैं। RedditReddit

  • मीडिया स्रोतों में भी कुछ अतिशयोक्ति मिल सकती है। पुलिस और STF/ATS की जांच अभी जारी है, और मामले की गहराई अभी न्यायालय के समक्ष खुलनी बाकी है।


✅ निष्कर्ष

  • DasTak की इस रिपोर्ट के अनुसार, UP पुलिस ने एक संगठित अंतर-राज्यीय धार्मिक conversion और radicalisation नेटवर्क का खुलासा किया है।

  • इसने लगभग 40 से ऊपर लड़कियों को निशाना बनाया, और विदेशी फंडिंग के माध्यम से मुसलिम धरमांतरण का मॉडल तैयार किया।

  • “100+ लड़कियों को आतंकी बनाने की साजिश” की श्रेणी में यह आरोप गंभीर हैं, पर यह कहना कि यह एक “कारखाना” है—वास्तविकता में जांच, chargesheet और अदालत के निष्कर्षों के बाद ही निश्चित हो पाएगा।

यदि आप चाहें तो मैं आपको मुख्य आरोपी विवरण, कानून की स्थिति, या जुड़े संगठन जैसे PFI/SDPI/LeT के बारे में विस्तार से बता सकता हूँ।


संबंधित समाचार स्रोत
10 arrested from six states for running inter-state religious conversion, radicalisation racket
The Times of India
4 days ago
2 more aides of Chhangur Baba held
The Times of India
4 days ago
Agra cops arrest 2 in Barrackpore over religious conversion
The Times of India
6 days ago

यह 'द दस्तक: कन्वर्जन फैक्ट्री' (DasTak: Conversion Factory) से जुड़ा मामला एक बड़ा धर्मांतरण रैकेट है, जिसका खुलासा उत्तर प्रदेश पुलिस और एटीएस (एंटी-टेररिज्म स्क्वाड) ने किया है। इस मामले में छंगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन मुख्य आरोपी बताया जा रहा है।

यहाँ इस मामले से जुड़े कुछ प्रमुख बिंदु दिए गए हैं:

  • धर्मांतरण और आतंकी साजिश: आरोप है कि इस गिरोह ने 100 से अधिक हिंदू लड़कियों का जबरन धर्मांतरण कराया और उन्हें आतंकवादी बनाने की भी साजिश रच रहा था। कुछ रिपोर्ट्स में 1500 से अधिक लड़कियों के धर्मांतरण और 3000 का लक्ष्य सऊदी अरब में तय किए जाने का भी जिक्र है।

  • मुख्य आरोपी और सहयोगी:

    • छंगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन: इसे पूरे रैकेट का सरगना बताया जा रहा है। उस पर आरोप है कि उसने अपनी कोठी में तहखाने बना रखे थे, जहां लड़कियों को कैद कर जबरन धर्मांतरण और निकाह करवाया जाता था।

    • अब्दुल रहमान: यह कलीमुद्दीन सिद्दीकी का राइट हैंड बताया जा रहा है, जो अवैध धर्मांतरण का दोषी है और जेल में उम्र कैद की सजा काट रहा है। अब्दुल रहमान पर हिंदू लड़कियों को आतंकी बनाने के लिए धर्मांतरण का सिंडिकेट चलाने का आरोप है।

    • नीतू उर्फ नसरीन: इसे रैकेट की मुख्य सहयोगी माना जाता है। छंगुर बाबा की अवैध कोठी नीतू के नाम पर खरीदी गई थी। उसने एटीएस की पूछताछ में विदेशी फंडिंग के बारे में कई राज उगले हैं।

    • पीयूष पवार उर्फ मोहम्मद अली: आगरा से गिरफ्तार किया गया, जिसने खुद धर्म परिवर्तन किया और दूसरों के धर्मांतरण में भी सहयोग करता था।

  • विदेशी फंडिंग और संपत्ति: जांच में पता चला है कि इस धर्मांतरण रैकेट को विदेश से भारी फंडिंग मिल रही थी। छंगुर बाबा ने इस पैसे से करोड़ों की संपत्तियाँ खरीदी थीं, जिनमें लोनावाला, पुणे और बलरामपुर में भी प्रॉपर्टी शामिल हैं। कई संपत्तियां दूसरों के नाम पर थीं। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) भी मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला के एंगल से जांच कर रही है और छंगुर गैंग की संपत्तियों की जांच की जा रही है।

  • धर्मांतरण का तरीका: लड़कियों को धोखे से फंसाया जाता था, जबरन धर्म बदलवाया जाता था, और कुछ मामलों में उन्हें सऊदी के शेखों को बेचने की साजिश भी रची जाती थी। विरोध करने पर मारपीट, कैद, और ब्लैकमेलिंग की भी खबरें हैं।

  • आईएसआई (ISI) और डार्क वेब कनेक्शन: कुछ गिरफ्तार आरोपियों, जैसे रहमान कुरैशी, का पाकिस्तान से कनेक्शन सामने आ सकता है। पुलिस को रहमान के लैपटॉप से कई अहम सबूत मिले हैं। यह भी पता चला है कि गिरोह डार्क वेब और विदेशी इन्फ्लुएंसर का इस्तेमाल करता था। इस मामले में आईएसआईएस (ISIS) और लश्कर (Lashkar) से कनेक्शन की भी जांच हो रही है।

  • कानूनी कार्रवाई: उत्तर प्रदेश पुलिस और एटीएस इस मामले में लगातार गिरफ्तारियां कर रही है। छंगुर बाबा की अवैध कोठी को ध्वस्त कर दिया गया है और उस पर वसूली का नोटिस भी जारी किया गया है। जांच एजेंसियां छंगुर गैंग के 18 लोगों की लिस्ट बनाकर उनकी संपत्तियों की तफ्तीश कर रही हैं।

यह मामला एक गंभीर धर्मांतरण और संभावित आतंकी साजिश का खुलासा करता है, जिसमें विदेशी फंडिंग और बड़े नेटवर्क की संलिप्तता सामने आ रही है। जांच अभी जारी है और कई चौंकाने वाले खुलासे होने की उम्मीद है।

Sau Baat Ki Ek Baat : America का Hamtramck में Muslim Refugees ने पूरी C...

Sau Baat Ki Ek Baat: अमेरिका के Hamtramck में Muslim Refugees ने पूरी community identity और शहर की राजनीति ही बदल दी — यहाँ की कहानी बिलकुल दुनिया‑भर के लिए मिसाल बन चुकी है।


🕌 क्या है खास Hamtramck में?

  • पहली मुस्लिम बहुलता वाला शहर
    Hamtramck, Michigan, डिट्रॉइट से घिरा एक छोटा सा शहर, 2013 में अमेरिका का पहला Muslim-majority शहर बना RNS+14Daily Trust+14The Express Tribune+14The Washington Post+8Wikipedia+8Governing+8

  • पहली मुस्लिम‐बहुलता वाली सिटी काउंसिल और मेयर
    2015 में यहाँ पहली बार Muslim‑बहुल सिटी काउंसिल चुनी गई, और 2021 में Amer Ghalib, एक यमनी‑अमेरिकन, पहले मुस्लिम मेयर बने — शहर की सैकड़ों वर्षों पुरानी Polish‑अमेरिकन सरकार का अंत हुआ WikipediaNew York Post+5CNN+5Wikipedia+5

  • विविधता की मिसाल
    “The world in two square miles” के नाम से मशहूर इसे कहा जाता है — 30 से ज़्यादा भाषाएं बोली जाती हैं, और लगभग 50‑60% जनसंख्या मुस्लिम समुदाय की है, जिसमें Bangladeshi, Yemeni और Bosnian प्रवासी शामिल हैं wshu.org+3Wikipedia+3Daily Trust+3


👨‍👩‍👧‍👦 शरणार्थियों की बदलती तस्वीर

  • सिरियाई और अन्य मुस्लिम शरणार्थी स्वागत
    2015 में Hamtramck ने 30‑से अधिक सिरियाई मुस्लिम पारिवारिक शरणार्थियों को अपनाया। अत्याधिक vetting प्रक्रिया के बाद उन्हें यहां बसाया गया, और स्थानीय समुदाय ने उन्हें घर, कार, कपड़े और रोज़गार प्रदान कर कर मानवता का सबूत पेश किया timesofindia.indiatimes.com+14The Express Tribune+14Daily Trust+14

  • समुदाय वर्धन और एकता
    शरणार्थी समुदाय को आर्थिक और सामाजिक रूप से जोड़ा गया। स्थानीय निकायों और स्वयंसेवकों ने स्कूल दाखिलों, नौकरी, भाषा सीखने में मदद दी; interfaith groups के साथ मिलकर यह एक समावेशी मॉडल बन गया Detroit Metro TimesFOX 2 Detroit


🌟 ‘Sau Baat Ki Ek Baat’ में सारांश

✔️ पहलूविवरण
समुदाय निर्माणमुस्लिम शरणार्थियों ने Hamtramck में अपनी पहचान बनाई: व्यापार, मस्जिद, सामाजिक संस्थाएँ
राजनीतिक इनक्लूज़नमुस्लिम बहुल सिटी काउंसिल और मेयर के रूप में स्थानीय लोकतंत्र में भागीदारी
समावेश और समरसताधार्मिक विविधता के बावजूद चर्च, मस्जिद और synagogues के बीच एकता बनी रही
अमेरिकन फैब्रिक की मिसालHamtramck ने दिखाया कि कैसे शरणार्थी और प्रवासी समुदाय अमेरिका में न केवल बस सकते हैं, बल्कि शहर की सूरत ही बदल सकते हैं

🙌 निष्कर्ष

Hamtramck की कहानी यह बताती है कि जब शरणार्थी समाज को सम्मान, समर्थन और सरकारी लोकतंत्र में हिस्सा मिले — तब वह सिर्फ ज़िंदा नहीं रहते — बल्कि अपने आने वाले पीढ़ियों के लिए समाज की दिशा भी बदल देते हैं। यही है उन “100 बातों” को समेट देने वाली एक बात — छोटे शहर में बड़ी परिवर्तन की ताकत।

अगर आप चाहें तो Hamtramck की सामाजिक, धार्मिक या राजनीतिक संरचना में कोई विशेष पहलू और विस्तार से जान सकते हैं।

Desh mein Nasha Mukti abhiyan ke tahat sabko jagruk Kiya Gaya





 

Akhilesh Yadav की मस्जिद के अंदर वाली 'मीटिंग' में क्या हुआ?|News Ki Pat...

नीचे दी गई जानकारी से स्पष्ट होता है कि मस्जिद के अंदर 'मीटिंग' में क्या हुआ, उसे लेकर क्या विवाद पैदा हुआ:


🕌 मस्जिद में क्या हुआ?

  • कौन-कौन थे ज़िम्मेदार
    22 जुलाई 2025 को संसद भवन के पास स्थित एक मस्जिद में SP प्रमुख अखिलेश यादव, उनकी पत्नी डिंपल यादव, और कुछ SP सांसद पहुंचे, जिनमें रामपुर से सांसद और पूर्व इमाम मोहिबुल्ला नदवी भी शामिल थे। यह मस्जिद मोहिबुल्ला नदवी के आवास से सड़क पार पर स्थित है The Economic Times+9Dainik Bhaskar+9Live Hindustan+9Caravan Magazine

  • क्या हुआ — एक छोटी बैठक या दर्शन?
    संसद की कार्यवाही स्थगित होने पर अखिलेश ने मस्जिद दिखाई और कुछ समय वहां रुके– SP का कहना है कि यह किसी राजनीतिक बैठक का आयोजन नहीं था, बल्कि एक साधारण दर्शन और चर्चा थी, और इसे BJP द्वारा गलत तरीके से पेश किया गया Dainik Bhaskar


🔥 विवाद और BJP की तीखी प्रतिक्रिया

  • राजनीतिक आरोप
    BJP नेताओं ने आरोप लगाया कि SP ने मस्जिद को “अधिकारिक कार्यालय” बना रखा है, इसे “नमाज़वादी” राजनीति कहा गया, और SP पर धार्मिक स्थल का राजनीतिक उपयोग करने का आरोप लगाया गया Live Hindustan

  • डिंपल यादव का परिधान मुद्दा
    BJP ने डिंपल यादव के पहनावे पर भी आपत्ति जताई—कहा गया कि उन्होंने पारंपरिक टोपी नहीं पहनकर मुस्लिम भावनाओं को ठेस पहुंचाई The Economic Times+15Live Hindustan+15Navbharat Times+15Navbharat Times

  • SP का पलटवार
    अखिलेश यादव ने जवाब दिया कि उन्होंने केवल आस्था से जोड़ करने वाले कार्य किए, बीजेपी लोगों में दूरियाँ चाहती है लेकिन SP सभी धर्मों में आस्था रखता है The Economic Times+10Live Hindustan+10आज तक+10


🕊️ सारांश

पहलूविवरण
SP पक्षदर्शन/चर्चा हेतु गई, कोई राजनीतिक बैठक नहीं
BJP आरोपमस्जिद को SP कार्यालय बताया, धार्मिक माहौल का दुरुपयोग, डिंपल का गैर-पारंपरिक परिधान भी मुद्दा
SP का जवाबआस्था एकजुट करती है, BJP राजनीति के लिए विवाद फैला रही है

संक्षेप में, मस्जिद के अंदर SP सांसदों की उपस्थिति को BJP ने राजनीतिक बैठक मानकर बड़ा मुद्दा बनाया, जबकि SP ने इसे सिर्फ धार्मिक-संस्कृतिक मिलन और दर्शन कहा है।


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