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अधिकतर घरों में बच्चे यह दो प्रश्न अवश्य पूछते हैं जब दीपावली भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास से अयोध्या लौटने की खुशी में मनाई जाती है तो दीपावली पर लक्ष्मी पूजन क्यों होता है? राम और सीता की पूजा क्यों नही? दूसरा यह कि दीपावली पर लक्ष्मी जी के साथ गणेश जी की पूजा क्यों होती है, विष्णु भगवान की क्यों नहीं? इन प्रश्नों का उत्तर अधिकांशतः बच्चों को नहीं मिल पाता और जो मिलता है उससे बच्चे संतुष्ट नहीं हो पाते।आज की शब्दावली के अनुसार कुछ ‘लिबरर्ल्स लोग’ युवाओं और बच्चों के मस्तिष्क में यह प्रश्न डाल रहें हैं कि लक्ष्मी पूजन का औचित्य क्या है, जबकि दीपावली का उत्सव राम से जुड़ा हुआ है। कुल मिलाकर वह बच्चों का ब्रेनवॉश कर रहे हैं कि सनातन धर्म और सनातन त्यौहारों का आपस में कोई तारतम्य नहीं है।सनातन धर्म बेकार है।आप अपने बच्चों को इन प्रश्नों के सही उत्तर बतायें। दीपावली का उत्सव दो युग, सतयुग और त्रेता युग से जुड़ा हुआ है। सतयुग में समुद्र मंथन से माता लक्ष्मी उस दिन प्रगट हुई थी इसलिए लक्ष्मीजी का पूजन होता है। भगवान राम भी त्रेता युग में इसी दिन अयोध्या लौटे थे तो अयोध्या वासियों ने घर घर दीपमाला जलाकर उनका स्वागत किया था इसलिए इसका नाम दीपावली है।अत: इस पर्व के दो नाम है लक्ष्मी पूजन जो सतयुग से जुड़ा है दूजा दीपावली जो त्रेता युग प्रभु राम और दीपों से जुड़ा है। लक्ष्मी गणेश का आपस में क्या रिश्ता है और दीवाली पर इन दोनों की पूजा क्यों होती है? लक्ष्मी जी सागरमन्थन में मिलीं, भगवान विष्णु ने उनसे विवाह किया और उन्हें सृष्टि की धन और ऐश्वर्य की देवी बनाया गया। लक्ष्मी जी ने धन बाँटने के लिए कुबेर को अपने साथ रखा। कुबेर बड़े ही कंजूस थे, वे धन बाँटते ही नहीं थे।वे खुद धन के भंडारी बन कर बैठ गए। माता लक्ष्मी खिन्न हो गईं, उनकी सन्तानों को कृपा नहीं मिल रही थी। उन्होंने अपनी व्यथा भगवान विष्णु को बताई। भगवान विष्णु ने कहा कि तुम कुबेर के स्थान पर किसी अन्य को धन बाँटने का काम सौंप दो। माँ लक्ष्मी बोली कि यक्षों के राजा कुबेर मेरे परम भक्त हैं उन्हें बुरा लगेगा। तब भगवान विष्णु ने उन्हें गणेश जी की विशाल बुद्धि को प्रयोग करने की सलाह दी। माँ लक्ष्मी ने गणेश जी को भी कुबेर के साथ बैठा दिया। गणेश जी ठहरे महाबुद्धिमान। वे बोले, माँ, मैं जिसका भी नाम बताऊँगा , उस पर आप कृपा कर देना, कोई किंतु परन्तु नहीं। माँ लक्ष्मी ने हाँ कर दी।अब गणेश जी लोगों के सौभाग्य के विघ्न, रुकावट को दूर कर उनके लिए धनागमन के द्वार खोलने लगे।कुबेर भंडारी देखते रह गए, गणेश जी कुबेर के भंडार का द्वार खोलने वाले बन गए। गणेश जी की भक्तों के प्रति ममता कृपा देख माँ लक्ष्मी ने अपने मानस पुत्र श्रीगणेश को आशीर्वाद दिया कि जहाँ वे अपने पति नारायण के सँग ना हों, वहाँ उनका पुत्रवत गणेश उनके साथ रहें। दीवाली आती है कार्तिक अमावस्या को, भगवान विष्णु उस समय योगनिद्रा में होते हैं, वे जागते हैं ग्यारह दिन बाद देव उठनी एकादशी को। माँ लक्ष्मी को पृथ्वी भ्रमण करने आना होता है शरद पूर्णिमा से दीवाली के बीच के पन्द्रह दिनों में।इसलिए वे अपने सँग ले आती हैं अपने मानस पुत्र गणेश जी को। इसलिए दीवाली को लक्ष्मी गणेश की पूजा होती है। यह कैसी विडंबना है कि देश और हिंदुओ के सबसे बड़े त्यौहार का पाठ्यक्रम में कोई विस्तृत वर्णन नही है और जो वर्णन है वह अधूरा है।इस लेख को पढ़ कर स्वयं भी लाभान्वित हों और अपनी अगली पीढ़ी को भी बतायें। दूसरों के साथ साझा करना भी ना भूलेंI 🌹🌻🌹🌻🌹🌻🪷💕🩷💝💝❤🔥💖❣️💞🪯👩❤️👨Ⓜ️♏🕉️🕉️🕉️🕉️🙏🙏🙏🙏🙏🙏
अधिकतर घरों में बच्चे यह दो प्रश्न अवश्य पूछते हैं जब दीपावली भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास से अयोध्या लौटने की खुशी में मनाई जाती है तो दीपावली पर लक्ष्मी पूजन क्यों होता है? राम और सीता की पूजा क्यों नही?
दूसरा यह कि दीपावली पर लक्ष्मी जी के साथ गणेश जी की पूजा क्यों होती है, विष्णु भगवान की क्यों नहीं?
इन प्रश्नों का उत्तर अधिकांशतः बच्चों को नहीं मिल पाता और जो मिलता है उससे बच्चे संतुष्ट नहीं हो पाते।आज की शब्दावली के अनुसार कुछ ‘लिबरर्ल्स लोग’ युवाओं और बच्चों के मस्तिष्क में यह प्रश्न डाल रहें हैं कि लक्ष्मी पूजन का औचित्य क्या है, जबकि दीपावली का उत्सव राम से जुड़ा हुआ है। कुल मिलाकर वह बच्चों का ब्रेनवॉश कर रहे हैं कि सनातन धर्म और सनातन त्यौहारों का आपस में कोई तारतम्य नहीं है।सनातन धर्म बेकार है।आप अपने बच्चों को इन प्रश्नों के सही उत्तर बतायें।
दीपावली का उत्सव दो युग, सतयुग और त्रेता युग से जुड़ा हुआ है। सतयुग में समुद्र मंथन से माता लक्ष्मी उस दिन प्रगट हुई थी इसलिए लक्ष्मीजी का पूजन होता है। भगवान राम भी त्रेता युग में इसी दिन अयोध्या लौटे थे तो अयोध्या वासियों ने घर घर दीपमाला जलाकर उनका स्वागत किया था इसलिए इसका नाम दीपावली है।अत: इस पर्व के दो नाम है लक्ष्मी पूजन जो सतयुग से जुड़ा है दूजा दीपावली जो त्रेता युग प्रभु राम और दीपों से जुड़ा है।
लक्ष्मी गणेश का आपस में क्या रिश्ता है
और दीवाली पर इन दोनों की पूजा क्यों होती है?
लक्ष्मी जी सागरमन्थन में मिलीं, भगवान विष्णु ने उनसे विवाह किया और उन्हें सृष्टि की धन और ऐश्वर्य की देवी बनाया गया। लक्ष्मी जी ने धन बाँटने के लिए कुबेर को अपने साथ रखा। कुबेर बड़े ही कंजूस थे, वे धन बाँटते ही नहीं थे।वे खुद धन के भंडारी बन कर बैठ गए। माता लक्ष्मी खिन्न हो गईं, उनकी सन्तानों को कृपा नहीं मिल रही थी। उन्होंने अपनी व्यथा भगवान विष्णु को बताई। भगवान विष्णु ने कहा कि तुम कुबेर के स्थान पर किसी अन्य को धन बाँटने का काम सौंप दो। माँ लक्ष्मी बोली कि यक्षों के राजा कुबेर मेरे परम भक्त हैं उन्हें बुरा लगेगा।
तब भगवान विष्णु ने उन्हें गणेश जी की विशाल बुद्धि को प्रयोग करने की सलाह दी। माँ लक्ष्मी ने गणेश जी को भी कुबेर के साथ बैठा दिया। गणेश जी ठहरे महाबुद्धिमान। वे बोले, माँ, मैं जिसका भी नाम बताऊँगा , उस पर आप कृपा कर देना, कोई किंतु परन्तु नहीं। माँ लक्ष्मी ने हाँ कर दी।अब गणेश जी लोगों के सौभाग्य के विघ्न, रुकावट को दूर कर उनके लिए धनागमन के द्वार खोलने लगे।कुबेर भंडारी देखते रह गए, गणेश जी कुबेर के भंडार का द्वार खोलने वाले बन गए। गणेश जी की भक्तों के प्रति ममता कृपा देख माँ लक्ष्मी ने अपने मानस पुत्र श्रीगणेश को आशीर्वाद दिया कि जहाँ वे अपने पति नारायण के सँग ना हों, वहाँ उनका पुत्रवत गणेश उनके साथ रहें।
दीवाली आती है कार्तिक अमावस्या को, भगवान विष्णु उस समय योगनिद्रा में होते हैं, वे जागते हैं ग्यारह दिन बाद देव उठनी एकादशी को। माँ लक्ष्मी को पृथ्वी भ्रमण करने आना होता है शरद पूर्णिमा से दीवाली के बीच के पन्द्रह दिनों में।इसलिए वे अपने सँग ले आती हैं अपने मानस पुत्र गणेश जी को।
इसलिए दीवाली को लक्ष्मी गणेश की पूजा होती है।
यह कैसी विडंबना है कि देश और हिंदुओ के सबसे बड़े त्यौहार का पाठ्यक्रम में कोई विस्तृत वर्णन नही है और जो वर्णन है वह अधूरा है।इस लेख को पढ़ कर स्वयं भी लाभान्वित हों और अपनी अगली पीढ़ी को भी बतायें। दूसरों के साथ साझा करना भी ना भूलेंI
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MP Gwalior: रात में Pregnant गर्लफ्रेंड को Kidnap कर ले गया Boyfriend! स...
मामला क्या है (समाचार स्रोतों के आधार पर)
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मध्य प्रदेश, ग्वालियर जिले के तिघरा थाना क्षेत्र के गुर्जा गांव से एक गर्भवती महिला (नाम “रीना / अंजू”) की पत्नी (या प्रेमिका) को रात में अगवा किया गया। Dainik Bhaskar+3Live Hindustan+3Amar Ujala+3
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आरोपी योगेंद्र गुर्जर (उर्फ “योगी”) बताया जा रहा है, जो महिला के साथ पहले प्रेम संबंध में था। AajTak+4Amar Ujala+4AajTak+4
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आरोपी ने लगभग 20 हथियारबंद साथियों के साथ हमला किया, फायरिंग की और घर के अंदर घुसकर मारपीट की। Dainik Bhaskar+3Live Hindustan+3Amar Ujala+3
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महिला और उसके ससुराल वालों को धमकाया गया, महिलाओं को पीटा गया। AajTak+2Live Hindustan+2
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बाद में पुलिस और ग्रामीणों की सूचना पर, आरोपी डर के कारण महिला को जंगल में जंगल (लंका पहाड़) छोड़ कर भाग गए। AajTak+3Live Hindustan+3Amar Ujala+3
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महिला को सुरक्षित बरामद कर लिया गया और इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है। Dainik Bhaskar+3Live Hindustan+3Amar Ujala+3
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पुलिस ने इस मामले में 12 नामजद अभियुक्तों को एफआईआर में नामित किया है और उनकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। Amar Ujala+5Navbharat Times+5Navbharat Times+5
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर घर तिरंगा अभियान के तारतम्य में भारत की विशाल तिरंगा यात्रा गुरुवार को हुजूर विधानसभा में निकाली गई। आयोजक संस्था कर्मश्री के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के नेतृत्व में निकाली गई इस यात्रा में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल सहित 50 हजार बाइक पर सवार 1 लाख देशभक्त शामिल हुए। यात्रा में शामिल सभी जनप्रतिनिधियों और बाइक पर सवार देशभक्तों ने अपने हाथों में तिरंगा थामा हुआ था। सीएम और भाजपा प्रदेश अध्याक्ष आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा के साथ खुली जीप पर सवार होकर हाथों में तिरंगा लेकर कई किमी तक यात्रा के साथ चले।
AUGUST हजुर में निकली भारत की विशाल तिरंगा यात्रा
प्रदेश टुडे भेपाल, शुक्रवार, 15 अगस्त 2025
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर घर तिरंगा अभियान के तारतम्य में भारत की विशाल तिरंगा यात्रा गुरुवार को हुजूर विधानसभा में निकाली गई। आयोजक संस्था कर्मश्री के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के नेतृत्व में निकाली गई इस यात्रा में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल सहित 50 हजार बाइक पर सवार 1 लाख देशभक्त शामिल हुए। यात्रा में शामिल सभी जनप्रतिनिधियों और बाइक पर सवार देशभक्तों ने अपने हाथों में तिरंगा थामा हुआ था। सीएम और भाजपा प्रदेश अध्याक्ष आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा के साथ खुली जीप पर सवार होकर हाथों में तिरंगा लेकर कई किमी तक यात्रा के साथ चले।
35 किलोमीटर की यात्रा
सीएम के साथ रामेश्वर की यात्रा से तिरंगामय भोपाल
15 किमी तक तिरंगा यात्रा में चले सीएम डॉ यादव
कर्मश्री की तिरंगा यात्रा से तिरंगामय हुआ भोपाल
रामेश्वरजी की तिरंगा यात्रा में दिखा देशभको का जन्म रोलाव: मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव
मुख्यमंत्री ही मोहन यादव विधायक रामेश्वर तिरंगा कक में उमड़े जनसैलाब से अभिभूत नजर आए। उन्होंने अपने सबंधन में यात्रा की वयवस्थाकों और उमड़े जनसैलाब की जमकर नारीक की। सीएम डॉक्टर बाटा ने कहा कि जी ती विधानसभा में अलग ही माहौल कन हुआ है। जहां तक देखो वहां तक जनसैलाब ही जनसैलाब नजर आ रहा था। उन्होंने कहा कि अभी तक भोपाल में पानी का तालाब ही दिखता था। लेकिन आज यहां मनुष्यों का उताब नजर आ रहा है।
मुख्यमंत्री ने ली सेल्फी
तिरंगा यात्रा आयोजन स्थल पर मीडिया के लिए विशेष रूप से शकीरहने जबरिया यात्रियों का विशाल जनसमुदाय देखा तो अपने आप को सेल्फों लेने से नहीं रोक पाए। उन्होंने विधायक जमेर शर्मा के मिलकर तिरंगी रंग में रंगीदिशा जनसमुसामने मंथ पर खड़े होकर सेल्फी ली। मुख्यमंत्री डॉ बाद ने तिरंगा यास की भन्यता से अभिभूत होते हुए कहा कि मुझे विश्वास है कि यह निरंगा या एक नया रिकॉर्ड काम करने वाली है। भारत की भव्यतम रूप देने के लिए जबरदस्त तैयारिया की गई थी। यात्रा आरभ स्थल मुखर्जी नगर कोलारी सामाधान सात पडतात कृषि उपज मही देव खेही त पात्रा मार्ग की तिरंगे की चीम पर की विशाल तिरंगा य
हर घर में हर दिल में तिरंगा रहे हेमंत खंडेलवाल
तिरंगा यात्रा में शामिल देशाभतों को संबोधित करते हुए भादेशअध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर नागरिक को तिरंगा लगाने का अधिकार दिया है। उनकी अपील पर यहां ताखी लोग तिरंगा यात्रा में उमड़े हैं। हमें हर-घर पर तिरंगा और हर दिल में तिरंगा होने का संकल्प पूरा करना है। श्री खंडेलवाल ने भी इस तिरंगा यात्रा में उनों देशों को शुभकामनाएं दी।
11:30 बजे शुरू हुई और राजधानी के विभिन्न वर्गों से होते हुए लगभग 35 किमी का कष्ट उप दीनदयाल उपाध्याय कृषि उपज मंडी खेड़ी पहुंच कर समाप्त हुई। 1100 से अधिक स्थानों विधिन्न करें द्वारा स्वागत पंच बार गए थे। इन स्वागत मंत्री या लाखों लोग तिरंगा स के लिए उमड़ पड़े थे। पूरे मार्ग पर पुष्प सहित सभी तिला पात्रियों मंच से मुख्यमंत्री डॉ मोहन वादव, भानक अभ्यख हेमंत खतिवाल और केजक विधानश्वर हर्मा ने उपस्थित देशभकी के जनसैलाब को संबंधित भी करते हुए अपनी शुभका लाह की।
सीएम, प्रदेशाध्यक्ष सहित 50 हजार बाइक पर सवार 1 लाख देशभक्त हुए शामिल
प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प को साकार करने की यात्रा: रामेश्वर शर्मा
तिरंगा के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा ने छात्रा आरंभ स्थल पर उपस्थित जन समु को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने हर भारतीय को एक संकरा दिया है, हर घर पर तिरंगा लगाने का और शिरंगा यात्रा निकालने का। आज उनके संकल्प की प्रेरणा से हर पर सिध्या अभियान के तहत, ऑपरेशन सिंदूर पर यहां ऐतिहासिक शिरगा ग्राम निकाली जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी जी और गृह मंत्री अमित शाह जी ने देश को गर्व करने के कई अवसर दिए है।। देश का नेतृत्व आज सशक्त हाथों में है। मध्य प्रदेश में भी डॉक्टर मोहन यादा जी की सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्पों को पूरा करने का काम कर रही है। आज भोपाल कर हर नागरिक इस तिरंगा यात्रा में शामिल होने के लिए पूरे उत्साह के सब आया है।
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हिंदू लड़के से Nazia Khan की शादी की ख़बर से चिढ़े मुस्लिम, हिंदुओं ने द...
नाज़िया इलाही खान कौन हैं?
नाज़िया इलाही खान एक वकील और सामाजिक कार्यकर्ता हैं जो मुख्य रूप से इलाहाबाद (अब प्रयागराज) की रहने वाली हैं। वह मुस्लिम पर्सनल लॉ की जानकार मानी जाती हैं और कई सामाजिक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखती हैं। नाज़िया इलाही खान ने कई टीवी डिबेट्स में भी हिस्सा लिया है और वह "मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों" और "ट्रिपल तलाक" जैसे मुद्दों पर काफी मुखर रही हैं।
विवाद का कारण और सोशल मीडिया पर बहस
इस मामले में सबसे बड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब नाज़िया इलाही खान ने एक इंटरव्यू में कहा कि वह शादी के बाद 'पतिव्रता' बनकर रहेंगी। हिंदू धर्म में 'पतिव्रता' का अर्थ है एक ऐसी पत्नी जो अपने पति के प्रति पूरी तरह से समर्पित हो। इस शब्द के इस्तेमाल ने कुछ मुस्लिम धार्मिक नेताओं और समुदाय के एक वर्ग को नाराज़ कर दिया। उनका मानना है कि यह बयान इस्लाम की मान्यताओं के खिलाफ है।
सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर 'लव जिहाद' और 'घर वापसी' जैसे शब्दों का इस्तेमाल भी किया जा रहा है।
'लव जिहाद' के समर्थकों का कहना है कि यह शादी 'लव जिहाद' का जवाब है।
वहीं, कुछ मुस्लिम यूजर्स इसे 'धर्म से गद्दारी' बता रहे हैं और नाज़िया इलाही खान को ट्रोल कर रहे हैं।
दूसरी ओर, कई हिंदू यूजर्स ने नाज़िया इलाही खान के फैसले का खुलकर समर्थन किया है और उन्हें 'साहसी' बताया है।
धार्मिक नेताओं की राय
इस शादी को लेकर कुछ मुस्लिम धार्मिक नेताओं ने भी बयान दिए हैं। कुछ मौलवियों ने इसे 'हराम' (इस्लाम में वर्जित) बताया है। उनका कहना है कि एक मुस्लिम महिला किसी गैर-मुस्लिम पुरुष से शादी नहीं कर सकती। कुछ लोगों ने यह भी कहा है कि शरीयत के अनुसार ऐसी शादी मान्य नहीं है।
इसके उलट, कई उदारवादी विचारकों का कहना है कि यह एक व्यक्ति का निजी फैसला है और समाज या धर्म को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। वे भारत के संविधान द्वारा दी गई व्यक्तिगत स्वतंत्रता और धर्मनिरपेक्षता की दुहाई दे रहे हैं।
Umer Ahmed Ilyasi Ban On Terrorists Burying LIVE: मौलाना के 'ऐलान' से उछ...
उमर अहमद इलियासी के 'ऐलान' से क्यों मच गया है बवाल?
डॉ. उमर अहमद इलियासी के आतंकवादियों को दफनाने से रोकने वाले 'ऐलान' (फतवा) को कई लोग एक साहसिक और ऐतिहासिक कदम मान रहे हैं, लेकिन इसने कई मुस्लिम नेताओं और रूढ़िवादी मौलवियों के बीच एक बड़ी बहस छेड़ दी है। इस ऐलान के पीछे के तर्क और उस पर हुई प्रतिक्रियाओं को यहां और विस्तार से बताया गया है।
ऐलान का आधार और उसका महत्व
धर्म और आतंकवाद का अलगाव: इलियासी का मुख्य तर्क यह है कि इस्लाम एक शांतिप्रिय धर्म है और आतंकवाद का इस्लाम से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि जो लोग हिंसा और निर्दोषों की हत्या करते हैं, वे 'मुसलमान' नहीं हो सकते। उनका ऐलान इस धारणा को मजबूत करता है कि आतंकवादी न तो 'शहीद' हैं और न ही उन्हें धार्मिक सम्मान का अधिकार है।
सामुदायिक बहिष्कार: जनाजे की नमाज न पढ़ने और भारत की जमीन पर दफनाने की इजाजत न देने की बात कहकर, उन्होंने आतंकवादियों का मुस्लिम समुदाय से पूरी तरह से बहिष्कार करने की अपील की है। यह बहिष्कार एक शक्तिशाली सामाजिक और धार्मिक संदेश है, जिसका उद्देश्य युवाओं को आतंकवाद के रास्ते पर जाने से रोकना है।
इस्लाम की गलत व्याख्या का खंडन: इलियासी ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि इस्लाम का गलत इस्तेमाल करके युवाओं को गुमराह किया जाता है। उनका यह कदम उन कट्टरपंथी मौलवियों और संगठनों के दावों को सीधे तौर पर चुनौती देता है जो जिहाद की गलत परिभाषा देते हैं।
प्रतिक्रियाएं और विवाद
समर्थन: कई उदारवादी मुस्लिम बुद्धिजीवियों और आम लोगों ने इलियासी के इस कदम का स्वागत किया है। उनका मानना है कि यह सही समय पर उठाया गया एक जरूरी कदम है, जिससे मुस्लिम समुदाय की छवि सुधरेगी और वे राष्ट्रीय मुख्यधारा में और अधिक जुड़ेंगे।
विरोध और आलोचना: दूसरी तरफ, कुछ रूढ़िवादी मौलवी और इस्लामिक विद्वान इस 'ऐलान' की आलोचना कर रहे हैं। उनका मानना है कि किसी व्यक्ति की मौत के बाद उसके जनाजे की नमाज पढ़ने या न पढ़ने का फैसला लेना किसी एक मौलाना का अधिकार नहीं है। उनके अनुसार, यह फैसला धार्मिक सिद्धांतों के अनुसार ही होना चाहिए। कुछ लोगों ने यह भी कहा है कि इस तरह के ऐलान से समाज में और विभाजन पैदा हो सकता है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया: इस मुद्दे पर कई राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आई हैं। कुछ राजनेताओं ने इलियासी के बयान की सराहना की है, जबकि कुछ ने इसे राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश बताया है।
कुल मिलाकर, उमर अहमद इलियासी का यह 'ऐलान' आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक नई बहस का केंद्र बन गया है। यह दिखाता है कि भारत में मुस्लिम समुदाय के भीतर आतंकवाद को लेकर एक नई सोच और जागरूकता पैदा हो रही है।
अनीता मर्डर केस।।वासना।। छुट्टी पर आया पति,पत्नी निकली प्रेग्नेंट भाई बो...
यहाँ 'अनीता मर्डर केस' वीडियो का सारांश है:
यह वीडियो इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) ऑफिसर, चेतन प्रकाश गलाना की हत्या के मामले के बारे में है। 14 फरवरी, 2018 को, चेतन दो दिनों की छुट्टी पर घर आए और अपनी पत्नी अनीता से मिलने झालावाड़ जा रहे थे, लेकिन वह कभी नहीं पहुँचे। बाद में, उन्हें बेहोश हालत में पाया गया और अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया ।
जाँच में चेतन की पत्नी अनीता और उसके बचपन के दोस्त प्रवीण राठौर के बीच प्रेम संबंध का खुलासा हुआ। पुलिस ने यह भी पाया कि अनीता के फोन का डेटा डिलीट कर दिया गया था, लेकिन टेक्निकल एक्सपर्ट्स ने उसे वापस प्राप्त कर लिया, जिससे पता चला कि अनीता और प्रवीण के बीच लगातार बात होती थी।
एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) बनाई गई । प्रवीण और उसके साथियों ने खुलासा किया कि उन्होंने चेतन को मारने की साज़िश रची थी। प्रवीण ने एक ज़हर दिलवाया था, जिसका पोस्टमार्टम में पता नहीं चल सका। 14 फरवरी, 2018 को, प्रवीण और उसके साथियों ने चेतन को अगवा कर लिया और उन्हें ज़हरीले इंजेक्शन दिए ।
जाँच में यह भी पता चला कि अनीता प्रवीण के बच्चे की माँ बनने वाली थी। डीएनए टेस्ट की माँग के बाद अनीता ने प्रवीण के साथ मिलकर चेतन की हत्या की साज़िश रची।
अदालत ने मई 2025 में शाहरुख और प्रवीण को उम्रकैद की सज़ा सुनाई, जबकि अनीता और संतोष को 14 साल की सज़ा हुई ।
निकाह-हलाला से बचने का नया तरीका | Muslim What is Nikah halala | Sanatan...
यह वीडियो बताता है कि कुछ मुस्लिम महिलाएं निकाह हलाला से बचने के लिए हिंदू धर्म में परिवर्तित हो रही हैं और हिंदू पुरुषों से शादी कर रही हैं । इसे तीन तलाक और हलाला की समस्याओं का "हिंदू समाधान" बताया गया है ।
वीडियो में निम्नलिखित बातें बताई गई हैं:
मुस्लिम महिलाओं की दुर्दशा: वीडियो में कहा गया है कि तीन तलाक और हलाला मुस्लिम महिलाओं के लिए दुख का एक बड़ा कारण है, जो अक्सर उत्पीड़न और यौन शोषण का कारण बनता है । तीन तलाक के खिलाफ कानून होने के बावजूद, यह प्रथा जारी है, और कई महिलाओं को लगता है कि उनके पास कानूनी रूप से इसका मुकाबला करने के लिए संसाधन या समर्थन नहीं है ।
"हिंदू समाधान": कई मुस्लिम महिलाओं ने कथित तौर पर हलाला के खतरे से स्थायी रूप से बचने के लिए हिंदू पुरुषों से शादी करने का विकल्प चुना है । इस प्रवृत्ति को दर्शाने के लिए वीडियो 2024 के दो विशिष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता है:
बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश की शाहना: तीन तलाक दिए जाने और हलाला के लिए दबाव डाले जाने के बाद, वह बरेली के ओम प्रकाश से मिलीं और उन्हें प्यार हो गया । उन्होंने हिंदू धर्म अपना लिया, अपना नाम शारदा रखा और एक हिंदू समारोह में उनसे शादी कर ली । उन्होंने अपने नए धर्म में खुशी और सम्मान की भावना व्यक्त की ।
पूर्णिया, बिहार की नसीमा: उनके पति द्वारा तीन तलाक दिए जाने और उनके ससुराल वालों द्वारा हलाला के लिए दबाव डाले जाने के बाद, वह सोशल मीडिया पर बरेली के मनोज शर्मा से जुड़ीं । उन्होंने इस्लाम छोड़ दिया, हिंदू धर्म अपना लिया, मीनाक्षी बन गईं, और अपने परिवार की सहमति से उनसे शादी कर ली ।
निकाह हलाला की व्याख्या: वीडियो बताता है कि निकाह हलाला एक ऐसी प्रक्रिया है जहाँ तीन तलाक के बाद एक महिला को किसी दूसरे पुरुष से शादी करनी होती है, शादी को पूरा करना होता है, और फिर उस पुरुष द्वारा तलाक दिया जाना होता है ताकि वह अपने पहले पति से दोबारा शादी कर सके । वीडियो बताता है कि अक्सर इस प्रक्रिया का शोषण मौलवियों और रिश्तेदारों द्वारा किया जाता है, जो इन महिलाओं का यौन शोषण करते हैं और उनसे पैसे ऐंठते हैं
News Ki Pathshala | Sushant Sinha | क्या अमेरिका को बर्बाद कर देंगे ट्रं...
डोनाल्ड ट्रंप की कार्रवाइयां और भारत की प्रतिक्रिया
डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से हथियार और तेल खरीदने पर भारत के प्रति निराशा व्यक्त की है
उनका कहना है कि जब बाकी दुनिया यूक्रेन पर रूस के हमले को रोकने की कोशिश कर रही है, तो भारत और चीन रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं ।
ट्रंप ने भारत पर 25% का टैरिफ लगाने की घोषणा की है और रूस के साथ व्यापार करने पर दंड देने की धमकी दी है ।
इसे भारत पर दबाव बनाने और चल रही व्यापार सौदे की बातचीत का लाभ उठाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है
हालांकि, भारत ने इस दबाव के आगे नहीं झुका है, और अपने हितों पर अपना रुख कायम रखा है। भारत सरकार ने कहा है कि वह राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करेगी और अमेरिका के साथ समान शर्तों पर एक व्यापार समझौते को आगे बढ़ाएगी ।
स्थिति का विश्लेषण
वीडियो का सुझाव है कि ट्रंप की कार्रवाइयां उनकी निराशा का परिणाम हैं, खासकर इसलिए कि वे भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर दबाव बनाने में सफल नहीं रहे हैं ।
मेजबान ने उल्लेख किया है कि ट्रंप का यह दावा कि उन्होंने भारत के साथ युद्धविराम की मध्यस्थता की थी, झूठा साबित हो गया है ।
वीडियो राहुल गांधी के इस दावे को भी खारिज करता है कि पीएम मोदी ने ट्रंप की मांगों के आगे आत्मसमर्पण कर दिया है । मेजबान ने बताया कि अमेरिकी मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि ट्रंप ही मोदी के साथ बातचीत करना चाहते हैं, लेकिन मोदी व्यस्त हैं और उन्होंने उन्हें अभी तक समय नहीं दिया है।
ट्रंप की निराशा के कारण वीडियो में ट्रंप की बढ़ती निराशा के कई कारण बताए गए हैं:
रूस-यूक्रेन युद्ध को 24 घंटे में समाप्त करने का उनका दावा विफल हो गया है ।
भारत के साथ व्यापार समझौता अभी भी लंबित है ।
चीन ने अमेरिका पर जवाबी टैरिफ की घोषणा की है ।
उनके प्रयासों के बावजूद दो नए युद्ध शुरू हो गए हैं (ईरान-इज़राइल और कंबोडिया-थाईलैंड) ।
उनकी अनुमोदन रेटिंग अब तक के सबसे निचले स्तर पर है ।
उनके करीबी दोस्त एलोन मस्क ने उनसे दूरी बना ली है ।
वह "एपस्टीन फाइलों" को लेकर जांच का सामना कर रहे हैं ।
रूसी तेल पर भारत का रुख
अमेरिका और यूरोप के दबाव के बावजूद, भारत ने रूस से रियायती दर पर तेल खरीदना जारी रखा है ।
ऐसा करने से, भारत ने युद्ध के पहले वर्ष में करोड़ों रुपये बचाए ।
जून 2025 में, रूस से भारत का तेल आयात रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया, जो उसके कुल तेल आयात का 43% था, जबकि पहले यह 2% होता था ।
वीडियो अमेरिका के "दोहरे मानकों" पर भी प्रकाश डालता है, यह बताते हुए कि अमेरिका ने खुद तीसरे देशों के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से रूसी तेल खरीदा और अभी भी भारत की आलोचना कर रहा है ।
वीडियो यह कहकर समाप्त होता है कि यह एक "नए भारत" का संकेत है जो बाहरी दबाव के आगे नहीं झुकता है
MP Breaking News: बुरहानपुर में रईस खान ने हिंदू बेटी का गला काटा। Burha...
बुरहानपुर के नेपानगर तहसील के नावरा गांव में एक महिला की गला रेतकर हत्या कर दी गई। मृतका की पहचान भगवती धानुक के रूप में हुई है, जिसकी हत्या का आरोप उसके प्रेमी रईस खान पर लगा है।
पुलिस के अनुसार, भगवती पहले एक पुलिसकर्मी की पत्नी थी, लेकिन बाद में उसने अपने पति से दूरी बना ली और रईस खान के साथ रहने लगी थी। दोनों के बीच प्रेम संबंध थे, लेकिन अक्सर किसी न किसी बात को लेकर विवाद भी होता था। शुक्रवार की रात (1 अगस्त 2025) को भी दोनों के बीच तीखी बहस हुई, जिसके बाद रईस ने भगवती की गला रेतकर हत्या कर दी।
इस घटना के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी रईस खान को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधीक्षक (SP) देवेंद्र कुमार पाटीदार ने घटनास्थल का मुआयना किया और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इस मामले में हत्या और एससी/एसटी एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
कुछ रिपोर्ट्स में यह भी आरोप लगाया गया है कि आरोपी रईस खान, भगवती पर इस्लाम धर्म अपनाने और निकाह करने का दबाव बना रहा था और जब उसने इनकार किया, तो उसकी हत्या कर दी गई। इस घटना के बाद इलाके में तनाव है और हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन भी किया है।
AI university : यूपी में खुल गई वर्ल्ड लेवल की AI यूनिवर्सिटी, लेकिन एडम...
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में देश की पहली AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) यूनिवर्सिटी शुरू हो गई है। यह चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी का एक नया कैंपस है, जिसका उद्घाटन हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया है।
यह यूनिवर्सिटी AI-ऑगमेंटेड मल्टीडिसिप्लिनरी है, जिसका मतलब है कि यहाँ पढ़ाए जाने वाले सभी कोर्सेज में AI टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा। यूनिवर्सिटी का लक्ष्य सिर्फ डिग्री देना नहीं, बल्कि छात्रों को स्टार्टअप और इनोवेशन के लिए भी तैयार करना है।
यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जो आपको इस यूनिवर्सिटी के बारे में जाननी चाहिए:
कोर्स और टेक्नोलॉजी: इस यूनिवर्सिटी में सभी कोर्स AI आधारित तकनीक से संचालित होंगे। इसके पाठ्यक्रम को माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, और केपीएमजी जैसी 20 से ज़्यादा मल्टीनेशनल कंपनियों के सहयोग से तैयार किया गया है।
उद्देश्य: इस यूनिवर्सिटी का मुख्य उद्देश्य छात्रों को वैश्विक स्तर के कौशल (Global Level Skills) सिखाना है ताकि वे भविष्य में नई तकनीकों और रोज़गार के अवसरों के लिए तैयार हो सकें।
प्रवेश प्रक्रिया: एडमिशन की जानकारी के लिए अभी तक कोई विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन आप चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की आधिकारिक वेबसाइट पर नज़र रख सकते हैं। आमतौर पर यूनिवर्सिटी में प्रवेश के लिए एंट्रेंस एग्जाम या योग्यता के आधार पर छात्रों का चयन किया जाता है।
अगर आप AI से संबंधित किसी कोर्स में एडमिशन लेना चाहते हैं, तो आप चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की वेबसाइट देख सकते हैं। इसके अलावा, देश के कई अन्य संस्थान भी AI से जुड़े कोर्स ऑफर करते हैं, जैसे:
IIIT हैदराबाद (फाउंडेशन ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड मशीन लर्निंग)
यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद
ग्रेट लर्निंग इंस्टीट्यूट, गुड़गांव
आप अपनी रुचि और योग्यता के अनुसार इन संस्थानों के बारे में भी जानकारी जुटा सकते हैं।
Jabil made a big bang! High-tech factory in India | China lost its sleep...
जहाँ एक तरफ अमेरिका के साथ भारत के व्यापारिक संबंध में थोड़ी खींचतान है, वहीं भारत में हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग को लेकर एक बड़ी खबर आई है। अमेरिकी इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग दिग्गज जेबिल (Jabil) ने भारत में एक बड़ी और अत्याधुनिक फैक्ट्री लगाने की घोषणा की है। यह कदम भारत के 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' जैसे अभियानों को एक बड़ा बढ़ावा दे रहा है और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला (global supply chain) में भारत की स्थिति को मजबूत कर रहा है।
गुजरात में बड़ा निवेश:
जेबिल ने गुजरात के साणंद में ₹2,000 करोड़ से अधिक का निवेश करने की योजना बनाई है। यह फैक्ट्री सिलिकॉन फोटोनिक्स और अन्य एडवांस इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज (EMS) पर केंद्रित होगी। सिलिकॉन फोटोनिक्स एक ऐसी तकनीक है जो क्वांटम कंप्यूटिंग, 5G/6G दूरसंचार, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), रडार सिस्टम और एवियोनिक्स जैसी महत्वपूर्ण तकनीकों के लिए जरूरी है।
भारत को फायदा:
हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग हब: जेबिल का यह निवेश भारत को एक हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा, जो पहले चीन का गढ़ माना जाता था।
रोजगार के अवसर: इस फैक्ट्री से न केवल प्रत्यक्ष बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से भी बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा होंगे, खासकर हाई-स्किल्ड कर्मचारियों के लिए।
सप्लाई चेन का विविधीकरण: यह कदम कंपनियों को अपनी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को चीन से हटाकर भारत में लाने के लिए प्रोत्साहित करेगा, जिससे भारत की भू-राजनीतिक स्थिति भी मजबूत होगी।
PLI योजना की सफलता: जेबिल को सरकार की प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के तहत भी लाभ मिला है, जो इस बात का संकेत है कि सरकार की नीतियां विदेशी निवेश को आकर्षित करने में सफल हो रही हैं।
चीन पर असर:
जेबिल जैसी बड़ी कंपनियों का भारत में निवेश चीन के लिए चिंता का सबब बन सकता है। कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियां चीन पर अपनी निर्भरता कम करना चाहती हैं, और भारत उनके लिए एक आकर्षक विकल्प बनकर उभरा है। चूंकि जेबिल एप्पल के लिए एयरपॉड्स जैसे उत्पादों के पुर्जे बनाती है, इसलिए इसका भारत में विस्तार सीधे तौर पर चीन के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को चुनौती दे रहा है। एप्पल के अन्य सप्लायर भी भारत में निवेश बढ़ा रहे हैं, जो दर्शाता है कि भारत अब केवल असेंबली का केंद्र नहीं, बल्कि कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग का भी एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन रहा है।
News Ki Pathshala : Donald Trump ने 25% Tariff लगाया तो भारत ने खूब सुना...
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के सभी निर्यातों पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जो 1 अगस्त 2025 से प्रभावी हो गया है। इसके अलावा, उन्होंने रूस के साथ भारत के व्यापार को लेकर अतिरिक्त जुर्माने की भी बात कही है। ट्रंप ने भारत की अर्थव्यवस्था को "डेड इकॉनमी" कहकर संबोधित किया है, जिसके बाद भारत सरकार की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई है।
भारत सरकार ने इस बयान को खारिज करते हुए कहा है कि वह अपने किसानों, उद्यमियों और छोटे व मध्यम उद्योगों (MSMEs) के हितों की रक्षा करेगा। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने संसद में अपने बयान में कहा कि भारत किसी भी दबाव में आकर कोई समझौता नहीं करेगा और सिर्फ समानता के आधार पर ही व्यापार करेगा। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है।
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते को लेकर बातचीत चल रही थी। अमेरिका का आरोप है कि भारत की टैरिफ दरें बहुत ज्यादा हैं और वह रूस से सैन्य उपकरण और तेल खरीदना जारी रखे हुए है। वहीं, भारत का कहना है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा और अपनी संप्रभुता से समझौता नहीं करेगा। इस घटनाक्रम से दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में तनाव बढ़ गया है, हालांकि भारत ने अन्य देशों के साथ अपने व्यापार संबंधों को मजबूत करने की दिशा में भी कदम उठाए हैं।
Apna Indore: Indore में तो गजब हो गया, एक गलती और दुल्हन का भंडाफोड़ हो ...
अपना इंदौर: शादी के मंडप में एक गलती और दुल्हन का भंडाफोड़!
इंदौर में हाल ही में एक अजीबोगरीब घटना सामने आई, जहाँ शादी के मंडप में हुई एक छोटी सी गलती ने दुल्हन का भंडाफोड़ कर दिया। यह घटना तब सामने आई जब एक दुल्हन अपनी असल पहचान छिपाकर दूसरी शादी करने की कोशिश कर रही थी।
क्या था पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, एक महिला पहले से शादीशुदा थी और उसने अपने पहले पति से तलाक भी नहीं लिया था। इसके बावजूद वह अपनी पहचान छुपाकर इंदौर में दूसरी शादी करने की तैयारी कर रही थी। शादी की रस्में चल रही थीं और सब कुछ सामान्य लग रहा था।
कैसे हुआ भंडाफोड़?
कहते हैं, झूठ कभी छिपता नहीं। इस मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ। शादी के दौरान दुल्हन से एक छोटी सी गलती हो गई, जिसने उसकी पोल खोल दी। बताया जा रहा है कि मंडप में किसी रस्म के दौरान दुल्हन ने अपने पहले पति का नाम ले लिया या उससे जुड़ी कोई ऐसी बात कह दी जिससे वहां मौजूद लोगों को शक हो गया। यह भी हो सकता है कि उसकी किसी हरकत या बातचीत से उसके पहले रिश्ते का खुलासा हो गया हो।
शक गहराने पर परिवार के लोगों ने पूछताछ शुरू की और जल्द ही पता चला कि महिला पहले से शादीशुदा है और उसने अपने पिछले रिश्ते को छुपाया था। इस खुलासे से मंडप में हड़कंप मच गया और हंगामा खड़ा हो गया।
आगे क्या हुआ?
दुल्हन की सच्चाई सामने आने के बाद यह शादी रुक गई। दोनों पक्षों के परिवारों के बीच तीखी बहस हुई। पुलिस को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा। यह स्पष्ट नहीं है कि इस मामले में कोई कानूनी कार्रवाई की गई है या नहीं, लेकिन इस घटना ने निश्चित रूप से इंदौर में काफी चर्चा बटोरी है।
यह मामला एक बार फिर यह दिखाता है कि कैसे एक छोटी सी गलती भी बड़े राज को खोल सकती है।
Bhopal Bulldozer Action : यासीन के 100 करोड़ के साम्राज्य पर चला बुलडोजर...
भोपाल में ड्रग माफिया और यौन शोषण के आरोपी यासीन अहमद और उसके परिवार से जुड़ी लगभग 100 करोड़ रुपये की अवैध संपत्तियों पर जिला प्रशासन, पुलिस और नगर निगम की संयुक्त टीम ने बुलडोजर चला दिया है। यह कार्रवाई "लव-ड्रग्स जिहाद" के आरोपों से जुड़े एक बड़े सिंडिकेट का पर्दाफाश होने के बाद की गई है।
क्या है पूरा मामला?
हाल ही में भोपाल पुलिस क्राइम ब्रांच ने 25 वर्षीय यासीन अहमद और उसके चाचा शाहवार अहमद को MD ड्रग्स की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था। जांच के दौरान, पुलिस को यासीन के मोबाइल फोन से आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो मिले, जिनमें लड़कियों का यौन शोषण और उन्हें ड्रग्स की आपूर्ति के लिए ब्लैकमेल करने के संकेत मिले। पुलिस ने इस मामले में अवैध हथियारों की डीलिंग और "लव जिहाद" के एंगल की भी जांच की है।
किन संपत्तियों पर चला बुलडोजर?
प्रशासन ने कोकता बायपास पर स्थित अनंतपुरा और हठाईखेड़ा इलाकों में यासीन और उसके परिवार से जुड़ी छह से सात अवैध संपत्तियों को ध्वस्त किया। इनमें शामिल हैं:
दो फार्महाउस (एक 40 एकड़ का फार्महाउस, जिसके मालिक शकील अहमद थे)
एक कारखाना
एक गोदाम (40,000 वर्ग फुट का, शारीक अहमद का बताया जा रहा है)
एक मदरसा
एक मैरिज लॉन
एक बंगला
एक 5 एकड़ का पोल्ट्री फार्म
एक तीन मंजिला आवासीय भवन
बताया जा रहा है कि ये सभी संपत्तियां सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे करके बनाई गई थीं। इन संपत्तियों का अनुमानित मूल्य 50 से 100 करोड़ रुपये के बीच बताया जा रहा है।
कार्रवाई के दौरान क्या हुआ?
कार्रवाई के लिए लगभग 15 से 20 जेसीबी मशीनों और भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी। देर रात तक तोड़फोड़ की कार्रवाई जारी रही। पुलिस ने फार्महाउस से हार्ड डिस्क और कंप्यूटर भी जब्त किए हैं, जिनसे यौन उत्पीड़न के मामलों की जांच में मदद मिलने की उम्मीद है।
"मछली परिवार" से संबंध
यासीन अहमद, भोपाल के प्रसिद्ध मछली व्यापारी और भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के नेता शरीफ अहमद उर्फ मछली का भतीजा बताया जा रहा है। इस मामले के सामने आने के बाद शरीफ अहमद ने खुद को और अपने परिवार को आरोपों से दूर बताया है और निष्पक्ष जांच की मांग की है। यासीन, शाहवार और एक अन्य करीबी दोस्त जगदीश सिंह बैस उर्फ जग्गी फिलहाल जेल में हैं।
यह कार्रवाई मध्य प्रदेश सरकार की अवैध निर्माणों और माफिया के खिलाफ सख्त रुख को दर्शाती है, खासकर जब अपराधों में ड्रग्स और यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप शामिल हों।
Parliament Monsoon Session: 'Pakistan को बचाना चाहती है Congress' संसद म...
संसद के मॉनसून सत्र में "ऑपरेशन सिंदूर" और आतंकवाद पर बहस के दौरान, सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच तीखी जुबानी जंग देखने को मिली। गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर सहित भाजपा के नेताओं ने कांग्रेस पर पाकिस्तान को बचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
प्रमुख आरोप और बहस:
अमित शाह का बयान: गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में जोर देकर कहा कि "कांग्रेस पाकिस्तान को बचाना चाहती है।" उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम के एक बयान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने "ऑपरेशन सिंदूर" पर सवाल उठाए थे। शाह ने कहा कि चिदंबरम यह कहकर पाकिस्तान को "क्लीन चिट" दे रहे हैं कि हमलावर पाकिस्तान से नहीं आए होंगे, जबकि दुनिया पाकिस्तान की भूमिका को स्वीकार करती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस की नीतियों के कारण ही पाकिस्तान का जन्म हुआ और उसने सत्ता में रहते हुए कश्मीर के कुछ हिस्सों को पाकिस्तान को "सौंप" दिया।
एस. जयशंकर का निशाना: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने आतंकवादी हमलों को होने दिया और उसके बाद बातचीत फिर से शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने "भारत और पाकिस्तान को खुद ही एक-दूसरे से जोड़ दिया था" और सवाल किया कि दुनिया उन्हें गंभीरता से कैसे लेती। जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम में मध्यस्थता के दावे गलत थे और यह सैन्य-से-सैन्य जुड़ाव का परिणाम था, न कि किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप का।
"ऑपरेशन सिंदूर" पर बहस: "ऑपरेशन सिंदूर" (पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में सेना की कार्रवाई का कोडनेम) पर संसद के दोनों सदनों में जोरदार बहस हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लोकसभा में बोलते हुए "ऑपरेशन सिंदूर" की सराहना की और कहा कि यह तब तक जारी रहेगा जब तक पाकिस्तान भारत पर हमला करना बंद नहीं कर देता। उन्होंने कांग्रेस पर आतंकवाद से संबंधित कानूनों को "तुष्टीकरण" के लिए कमजोर करने का भी आरोप लगाया।
कांग्रेस का पलटवार: कांग्रेस ने पलटवार करते हुए "ऑपरेशन सिंदूर" जैसे सैन्य अभियानों को धार्मिक नाम दिए जाने पर सवाल उठाए। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने अमित शाह से तीखे सवाल पूछे। कांग्रेस ने यह भी मांग की कि प्रधानमंत्री ट्रंप के युद्धविराम के दावों पर स्पष्टीकरण दें।
कुल मिलाकर, संसद के मॉनसून सत्र में पाकिस्तान, आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला, जिसमें भाजपा ने कांग्रेस पर पाकिस्तान के प्रति नरम रुख रखने का आरोप लगाया।
UP के Mathura में Police ने शख्स के Private Part को किया चोटिल, CM Porta...
उत्तर प्रदेश के मथुरा में पुलिस द्वारा एक व्यक्ति के गुप्तांग (private part) को चोट पहुँचाने का गंभीर मामला सामने आया है। आरोप है कि यह घटना मुख्यमंत्री (CM) पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराने के प्रतिशोध में की गई।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, मथुरा के अडींग चौकी पर तैनात सब-इंस्पेक्टर कपिल नागर के खिलाफ एक व्यक्ति (बृज किशोर) ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप है कि शिकायत से नाराज होकर सब-इंस्पेक्टर ने पिता-पुत्र को चौकी बुलाया। वहाँ बातचीत के बहाने बृज किशोर को हिरासत में ले लिया गया और उसकी बेरहमी से पिटाई की गई। आरोप है कि मारपीट के दौरान उसके गुप्तांगों को निशाना बनाया गया, जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई। पीड़ित को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहाँ उसका इलाज चल रहा है।
इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हो गया है, जिसमें पीड़ित दर्द से कराहता और मदद की गुहार लगाता दिख रहा है, जिससे पूरे प्रदेश में आक्रोश फैल गया है। पीड़ित परिवार न्याय और मामले की जांच की मांग कर रहा है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं, जबकि आरोपी सब-इंस्पेक्टर ने सभी आरोपों को खारिज किया है। इस घटना को लेकर विपक्षी दलों ने भी सरकार और पुलिस पर निशाना साधा है।
यह मामला पुलिस की क्रूरता और सीएम पोर्टल पर शिकायत करने वाले नागरिकों के प्रति पुलिस के रवैये पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
News Ki Pathshala | Sushant Sinha: ट्रंप के टैरिफ पर भारत सरकार का तगड़ा...
ट्रंप के टैरिफ पर भारत सरकार का तगड़ा जवाब: 'न्यूज़ की पाठशाला'
सुशांत सिन्हा के कार्यक्रम "न्यूज़ की पाठशाला" ने हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय सामानों पर लगाए गए टैरिफ पर भारत सरकार के कड़े जवाब को विस्तार से कवर किया।
ट्रंप की घोषणा क्या है?
डोनाल्ड ट्रंप ने 1 अगस्त, 2025 से भारतीय आयात पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की है। उन्होंने यह भी कहा कि रूस से सैन्य उपकरण और ऊर्जा की लगातार खरीद के लिए भारत पर एक अतिरिक्त "जुर्माना" भी लगेगा। ट्रंप ने इस कदम के पीछे भारत के "बहुत अधिक टैरिफ" और "कठोर और आपत्तिजनक गैर-मौद्रिक व्यापार बाधाओं" को कारण बताया। उन्होंने यूक्रेन युद्ध के बीच रूस के साथ भारत के संबंधों की भी आलोचना की।
भारत सरकार की प्रतिक्रिया
भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने ट्रंप की घोषणा पर "संज्ञान" लिया है और इसके "निहितार्थों का अध्ययन" कर रहा है। भारत ने अपने राष्ट्रीय हित, विशेष रूप से अपने किसानों, उद्यमियों और MSMEs के हितों की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। भारत ने लगातार यह भी कहा है कि उसके कृषि और डेयरी क्षेत्र व्यापार सौदों के लिए खुले नहीं हैं और समय-सीमा व्यापार वार्ताओं को तय नहीं कर सकती है।
भारत पर संभावित प्रभाव
टैरिफ से अमेरिका को भारत के निर्यात पर असर पड़ने की आशंका है, जिसका अनुमान 2024 में लगभग $87 बिलियन है।
जो प्रमुख क्षेत्र जोखिम में हैं उनमें रत्न और आभूषण, फार्मास्यूटिकल्स, वस्त्र, परिधान, समुद्री उत्पाद, चमड़ा, ऑटोमोबाइल, ऑटो घटक, स्टील, एल्यूमीनियम, स्मार्टफोन और सौर मॉड्यूल शामिल हैं।
जबकि कुछ विशेषज्ञ GDP वृद्धि में संभावित कमी की चेतावनी देते हैं, अन्य का मानना है कि प्रभाव अस्थायी हो सकता है, जो एक व्यापार समझौते पर निर्भर करेगा।
रूस के साथ व्यापार के लिए अतिरिक्त जुर्माना अभी स्पष्ट नहीं है।
चल रही बातचीत
भारत और अमेरिका "निष्पक्ष, संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते" के लिए बातचीत में लगे हुए हैं। आगे की बातचीत के लिए अगस्त में एक अमेरिकी व्यापार टीम के भारत आने की उम्मीद है। ट्रंप ने खुद संकेत दिया है कि अमेरिका अभी भी भारत के साथ बातचीत कर रहा है।
सुशांत सिन्हा के कार्यक्रम ने निश्चित रूप से भारत सरकार के दृढ़ रुख और अमेरिकी टैरिफ के भारत की अर्थव्यवस्था और अमेरिका के साथ व्यापार संबंधों पर संभावित प्रभावों पर प्रकाश डाला होगा।