⁠⁠⁠⁠⁠ "चेहरों के लिए आईने कुर्बान किये है​;​​ इस शौक में अपने बड़े नुकसान किये है​;​​ महफ़िल में मुझे गालियाँ देकर है बहुत खुश​;​​ जिस शख्स पर मैंने बड़े एहसान किये है।

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"चेहरों के लिए आईने कुर्बान किये है​;​​
इस शौक में अपने बड़े नुकसान किये है​;​​
महफ़िल में मुझे गालियाँ देकर है बहुत खुश​;​​
जिस शख्स पर मैंने बड़े एहसान किये है।