मोहम्मद जुबैर, जो कि ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक और एक प्रमुख फैक्ट-चेकर हैं, उनके खिलाफ हाल के वर्षों में कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें धार्मिक भावनाओं को आहत करने और विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप शामिल हैं।ABP Live+1thewirehindi.com+1
गिरफ्तारी और कानूनी कार्यवाही
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गिरफ्तारी का कारण: 27 जून 2022 को, दिल्ली पुलिस ने मोहम्मद जुबैर को 2018 के एक ट्वीट के सिलसिले में गिरफ्तार किया, जिसमें उन्होंने एक फिल्म के दृश्य की तस्वीर साझा की थी। इस ट्वीट को कुछ लोगों ने धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला माना। आज तक
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सीतापुर मामला: उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में, जुबैर के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें आरोप था कि उन्होंने हिंदू शेर सेना के महंत बजरंग मुनि, यति नरसिंहानंद सरस्वती और स्वामी आनंद स्वरूप को "हेट मोंगर्स" (नफरत फैलाने वाला) कहकर अपमानित किया। इस मामले में उन्हें सीतापुर ले जाया गया और वहां की अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया। thewirehindi.com+5BBC+5Jansatta+5
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लखीमपुर खीरी मामला: लखीमपुर खीरी पुलिस ने भी जुबैर के खिलाफ एक वारंट जारी किया, जिसे सीतापुर जेल में तामील कराया गया। इसके चलते उनकी रिहाई फिलहाल संभव नहीं है। NewsBytes+1ऑपइंडिया+1
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
मोहम्मद जुबैर के खिलाफ दर्ज मामलों की अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने निंदा की है। उनका कहना है कि जुबैर को बार-बार गिरफ्तारी और जमानत के चक्र में फंसाया जा रहा है, जिससे उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रभाव पड़ रहा है। thewirehindi.com
निष्कर्ष
मोहम्मद जुबैर के खिलाफ दर्ज मामलों और उनकी गिरफ्तारी को लेकर देश-विदेश में विभिन्न प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। जहां कुछ लोग इसे कानून का पालन मानते हैं, वहीं अन्य इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला मानते हैं। यह मामला भारतीय लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धार्मिक सहिष्णुता के बीच संतुलन की आवश्यकता को उजागर करता है।