नाज़िया इलाही खान कौन हैं?
नाज़िया इलाही खान एक वकील और सामाजिक कार्यकर्ता हैं जो मुख्य रूप से इलाहाबाद (अब प्रयागराज) की रहने वाली हैं। वह मुस्लिम पर्सनल लॉ की जानकार मानी जाती हैं और कई सामाजिक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखती हैं। नाज़िया इलाही खान ने कई टीवी डिबेट्स में भी हिस्सा लिया है और वह "मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों" और "ट्रिपल तलाक" जैसे मुद्दों पर काफी मुखर रही हैं।
विवाद का कारण और सोशल मीडिया पर बहस
इस मामले में सबसे बड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब नाज़िया इलाही खान ने एक इंटरव्यू में कहा कि वह शादी के बाद 'पतिव्रता' बनकर रहेंगी। हिंदू धर्म में 'पतिव्रता' का अर्थ है एक ऐसी पत्नी जो अपने पति के प्रति पूरी तरह से समर्पित हो। इस शब्द के इस्तेमाल ने कुछ मुस्लिम धार्मिक नेताओं और समुदाय के एक वर्ग को नाराज़ कर दिया। उनका मानना है कि यह बयान इस्लाम की मान्यताओं के खिलाफ है।
सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर 'लव जिहाद' और 'घर वापसी' जैसे शब्दों का इस्तेमाल भी किया जा रहा है।
'लव जिहाद' के समर्थकों का कहना है कि यह शादी 'लव जिहाद' का जवाब है।
वहीं, कुछ मुस्लिम यूजर्स इसे 'धर्म से गद्दारी' बता रहे हैं और नाज़िया इलाही खान को ट्रोल कर रहे हैं।
दूसरी ओर, कई हिंदू यूजर्स ने नाज़िया इलाही खान के फैसले का खुलकर समर्थन किया है और उन्हें 'साहसी' बताया है।
धार्मिक नेताओं की राय
इस शादी को लेकर कुछ मुस्लिम धार्मिक नेताओं ने भी बयान दिए हैं। कुछ मौलवियों ने इसे 'हराम' (इस्लाम में वर्जित) बताया है। उनका कहना है कि एक मुस्लिम महिला किसी गैर-मुस्लिम पुरुष से शादी नहीं कर सकती। कुछ लोगों ने यह भी कहा है कि शरीयत के अनुसार ऐसी शादी मान्य नहीं है।
इसके उलट, कई उदारवादी विचारकों का कहना है कि यह एक व्यक्ति का निजी फैसला है और समाज या धर्म को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। वे भारत के संविधान द्वारा दी गई व्यक्तिगत स्वतंत्रता और धर्मनिरपेक्षता की दुहाई दे रहे हैं।