News Ki Pathshala | Sushant Sinha | क्या अमेरिका को बर्बाद कर देंगे ट्रं...

डोनाल्ड ट्रंप की कार्रवाइयां और भारत की प्रतिक्रिया

  • डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से हथियार और तेल खरीदने पर भारत के प्रति निराशा व्यक्त की है 

  • उनका कहना है कि जब बाकी दुनिया यूक्रेन पर रूस के हमले को रोकने की कोशिश कर रही है, तो भारत और चीन रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं ।

  • ट्रंप ने भारत पर 25% का टैरिफ लगाने की घोषणा की है और रूस के साथ व्यापार करने पर दंड देने की धमकी दी है ।

  • इसे भारत पर दबाव बनाने और चल रही व्यापार सौदे की बातचीत का लाभ उठाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है

  • हालांकि, भारत ने इस दबाव के आगे नहीं झुका है, और अपने हितों पर अपना रुख कायम रखा है। भारत सरकार ने कहा है कि वह राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करेगी और अमेरिका के साथ समान शर्तों पर एक व्यापार समझौते को आगे बढ़ाएगी ।

स्थिति का विश्लेषण

  • वीडियो का सुझाव है कि ट्रंप की कार्रवाइयां उनकी निराशा का परिणाम हैं, खासकर इसलिए कि वे भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर दबाव बनाने में सफल नहीं रहे हैं ।

  • मेजबान ने उल्लेख किया है कि ट्रंप का यह दावा कि उन्होंने भारत के साथ युद्धविराम की मध्यस्थता की थी, झूठा साबित हो गया है ।

  • वीडियो राहुल गांधी के इस दावे को भी खारिज करता है कि पीएम मोदी ने ट्रंप की मांगों के आगे आत्मसमर्पण कर दिया है । मेजबान ने बताया कि अमेरिकी मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि ट्रंप ही मोदी के साथ बातचीत करना चाहते हैं, लेकिन मोदी व्यस्त हैं और उन्होंने उन्हें अभी तक समय नहीं दिया है।

ट्रंप की निराशा के कारण वीडियो में ट्रंप की बढ़ती निराशा के कई कारण बताए गए हैं:

  • रूस-यूक्रेन युद्ध को 24 घंटे में समाप्त करने का उनका दावा विफल हो गया है ।

  • भारत के साथ व्यापार समझौता अभी भी लंबित है ।

  • चीन ने अमेरिका पर जवाबी टैरिफ की घोषणा की है ।

  • उनके प्रयासों के बावजूद दो नए युद्ध शुरू हो गए हैं (ईरान-इज़राइल और कंबोडिया-थाईलैंड) ।

  • उनकी अनुमोदन रेटिंग अब तक के सबसे निचले स्तर पर है ।

  • उनके करीबी दोस्त एलोन मस्क ने उनसे दूरी बना ली है ।

  • वह "एपस्टीन फाइलों" को लेकर जांच का सामना कर रहे हैं ।

रूसी तेल पर भारत का रुख

  • अमेरिका और यूरोप के दबाव के बावजूद, भारत ने रूस से रियायती दर पर तेल खरीदना जारी रखा है ।

  • ऐसा करने से, भारत ने युद्ध के पहले वर्ष में करोड़ों रुपये बचाए ।

  • जून 2025 में, रूस से भारत का तेल आयात रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया, जो उसके कुल तेल आयात का 43% था, जबकि पहले यह 2% होता था ।

  • वीडियो अमेरिका के "दोहरे मानकों" पर भी प्रकाश डालता है, यह बताते हुए कि अमेरिका ने खुद तीसरे देशों के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से रूसी तेल खरीदा और अभी भी भारत की आलोचना कर रहा है ।

  • वीडियो यह कहकर समाप्त होता है कि यह एक "नए भारत" का संकेत है जो बाहरी दबाव के आगे नहीं झुकता है