हाल ही में, सैकड़ों विदेशी हिंदू प्रतिनिधियों ने इज़राइल का दौरा किया, जिससे दोनों प्राचीन सभ्यताओं—हिंदू और यहूदी—के बीच गहरे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों पर प्रकाश डाला गया।
🇮🇱 इज़राइल में हिंदू प्रतिनिधियों का स्वागत
इज़राइल-इंडिया फ्रेंडशिप क्लब द्वारा आयोजित एक विशेष मिशन के तहत, भारत और यूके से आए हिंदू प्रतिनिधियों ने यरुशलम के पवित्र स्थलों का दौरा किया और यहूदी समुदाय के साथ एकजुटता व्यक्त की। इस मिशन के आयोजक डैन ने कहा:
“हालांकि हम हजारों मील दूर हैं, लेकिन हिंदू और यहूदी दोनों ही प्राचीन, शांतिप्रिय और मानवता के लिए योगदान देने वाले समुदाय हैं।” The Times of India
प्रतिनिधियों ने यरुशलम के वेस्टर्न वॉल (कोटेल) पर प्रार्थना की, जिससे दोनों धर्मों के बीच आध्यात्मिक संबंध और गहरे हुए।
🤝 हिंदू-यहूदी संबंधों की मजबूती
इज़राइल में भारत की पूर्व राजनयिक होदया अवज़ादा ने कहा:
“भारतीय हिंदू यहूदियों की तरह महसूस करते हैं और इज़राइल की ओर देखते हैं।” The Jewish Chronicle
यह बयान दोनों समुदायों के बीच साझा मूल्यों और अनुभवों को दर्शाता है।
🌍 सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सहयोग
इज़राइल में साई संगठन और सिवानंद योग वेदांत केंद्र जैसे हिंदू संगठनों की उपस्थिति दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करती है।
🔗 निष्कर्ष
विदेशी हिंदू प्रतिनिधियों की इज़राइल यात्रा ने दोनों प्राचीन सभ्यताओं के बीच गहरे संबंधों को उजागर किया है। यह यात्रा न केवल सांस्कृतिक और धार्मिक एकता का प्रतीक है, बल्कि वैश्विक स्तर पर शांति और सहयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।
यदि आप इस विषय पर और जानकारी चाहते हैं या किसी विशेष पहलू पर चर्चा करना चाहते हैं, तो कृपया बताएं।