News Ki Pathshala | Sushant Sinha : ट्रंप के जले पर नमक...रूस के साथ डील...

ज़रूर, 'न्यूज की पाठशाला' में सुशांत सिन्हा द्वारा किए गए विश्लेषण पर और जानकारी यहां दी गई है:

सुशांत सिन्हा ने अपने कार्यक्रम में डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ और भारत के रूस के साथ संबंधों पर विस्तार से चर्चा की। उनका विश्लेषण इन प्रमुख बिंदुओं पर केंद्रित है:

1. ट्रंप की टैरिफ नीति और भारत का रुख

  • बढ़ते टैरिफ: ट्रंप प्रशासन ने भारत से आयात होने वाले सामानों पर 25% का अतिरिक्त टैरिफ लगाया है, जिससे कुल टैरिफ बढ़कर 50% हो गया है। यह टैरिफ दो चरणों में लागू किया गया है।

  • कारण: अमेरिका ने इसका मुख्य कारण भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल और अन्य सामानों की खरीद को बताया है। ट्रंप का आरोप है कि भारत इस व्यापार से रूस-यूक्रेन युद्ध में रूस की आर्थिक मदद कर रहा है।

  • भारत का जवाब: भारत सरकार ने इस कदम को 'अन्यायपूर्ण, अनुचित और अतार्किक' बताया है। विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि भारत अपनी आर्थिक संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा। भारत ने जोर देकर कहा है कि उसकी विदेश नीति किसी भी बाहरी दबाव से प्रभावित नहीं होगी।

  • आर्थिक प्रभाव: कार्यक्रम में बताया गया है कि इस टैरिफ से सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक असर पड़ेगा। भारत से आने वाली दवाएं, ज्वेलरी और अन्य सामान अमेरिका में महंगे हो जाएंगे, जिससे अमेरिकी उपभोक्ताओं और व्यवसायों को नुकसान होगा।

2. भारत-रूस के मजबूत होते संबंध

  • रणनीतिक साझेदारी: ट्रंप की धमकी के बावजूद भारत ने रूस के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत किया है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने रूस जाकर वहां के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सुरक्षा वार्ता पर सहमति बनी।

  • नए समझौते: भारत और रूस ने दुर्लभ खनिजों की खोज, खनन और औद्योगिक सहयोग पर भी काम करने का फैसला किया है। इसमें कोयले से गैस बनाना, आधुनिक कारखानों का निर्माण और रेलवे जैसे क्षेत्रों में सहयोग शामिल है।

  • सैन्य डील: भारत ने रूस से S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की बाकी बची दो यूनिट भी जल्द से जल्द देने का अनुरोध किया है। यह कदम भारत की रक्षा जरूरतों को दर्शाता है और यह भी साफ करता है कि भारत अपनी सैन्य तैयारियों के लिए रूस पर भरोसा करता है।

3. ट्रंप का दोहरा रवैया और वैश्विक राजनीति

  • दोहरे मापदंड: सुशांत सिन्हा ने अपने कार्यक्रम में ट्रंप के दोहरे रवैये पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने बताया कि ट्रंप जहां भारत को रूस से व्यापार बंद करने के लिए दबाव डाल रहे हैं, वहीं अमेरिका खुद भी रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, पैलेडियम और फर्टिलाइजर जैसी चीजें खरीद रहा है।

  • अमेरिका पर दबाव: अमेरिका के भीतर भी ट्रंप की इस नीति का विरोध हो रहा है। अमेरिकी थिंक टैंकों और विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की टैरिफ नीतियां अमेरिका की अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचाएंगी और दुनिया भर में व्यापारिक तनाव को बढ़ाएंगी।

  • चीन का समर्थन: कार्यक्रम में एक दिलचस्प बात यह भी बताई गई कि चीन ने भी भारत पर लगाए गए टैरिफ का विरोध करते हुए भारत के समर्थन में बयान दिया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि वैश्विक भू-राजनीति में बड़े बदलाव हो रहे हैं और देश अपने हितों को ध्यान में रखकर गठबंधन बना रहे हैं।

कुल मिलाकर, सुशांत सिन्हा ने अपने विश्लेषण में यह दिखाया कि ट्रंप की टैरिफ धमकी के बावजूद भारत अपनी स्वतंत्र विदेश नीति पर कायम है और रूस के साथ अपने संबंधों को मजबूत कर रहा है। भारत के इस मजबूत रुख ने ट्रंप को कूटनीतिक रूप से एक तरह से मुश्किल में डाल दिया है