Akhilesh Yadav की मस्जिद के अंदर वाली 'मीटिंग' में क्या हुआ?|News Ki Pat...

नीचे दी गई जानकारी से स्पष्ट होता है कि मस्जिद के अंदर 'मीटिंग' में क्या हुआ, उसे लेकर क्या विवाद पैदा हुआ:


🕌 मस्जिद में क्या हुआ?

  • कौन-कौन थे ज़िम्मेदार
    22 जुलाई 2025 को संसद भवन के पास स्थित एक मस्जिद में SP प्रमुख अखिलेश यादव, उनकी पत्नी डिंपल यादव, और कुछ SP सांसद पहुंचे, जिनमें रामपुर से सांसद और पूर्व इमाम मोहिबुल्ला नदवी भी शामिल थे। यह मस्जिद मोहिबुल्ला नदवी के आवास से सड़क पार पर स्थित है The Economic Times+9Dainik Bhaskar+9Live Hindustan+9Caravan Magazine

  • क्या हुआ — एक छोटी बैठक या दर्शन?
    संसद की कार्यवाही स्थगित होने पर अखिलेश ने मस्जिद दिखाई और कुछ समय वहां रुके– SP का कहना है कि यह किसी राजनीतिक बैठक का आयोजन नहीं था, बल्कि एक साधारण दर्शन और चर्चा थी, और इसे BJP द्वारा गलत तरीके से पेश किया गया Dainik Bhaskar


🔥 विवाद और BJP की तीखी प्रतिक्रिया

  • राजनीतिक आरोप
    BJP नेताओं ने आरोप लगाया कि SP ने मस्जिद को “अधिकारिक कार्यालय” बना रखा है, इसे “नमाज़वादी” राजनीति कहा गया, और SP पर धार्मिक स्थल का राजनीतिक उपयोग करने का आरोप लगाया गया Live Hindustan

  • डिंपल यादव का परिधान मुद्दा
    BJP ने डिंपल यादव के पहनावे पर भी आपत्ति जताई—कहा गया कि उन्होंने पारंपरिक टोपी नहीं पहनकर मुस्लिम भावनाओं को ठेस पहुंचाई The Economic Times+15Live Hindustan+15Navbharat Times+15Navbharat Times

  • SP का पलटवार
    अखिलेश यादव ने जवाब दिया कि उन्होंने केवल आस्था से जोड़ करने वाले कार्य किए, बीजेपी लोगों में दूरियाँ चाहती है लेकिन SP सभी धर्मों में आस्था रखता है The Economic Times+10Live Hindustan+10आज तक+10


🕊️ सारांश

पहलूविवरण
SP पक्षदर्शन/चर्चा हेतु गई, कोई राजनीतिक बैठक नहीं
BJP आरोपमस्जिद को SP कार्यालय बताया, धार्मिक माहौल का दुरुपयोग, डिंपल का गैर-पारंपरिक परिधान भी मुद्दा
SP का जवाबआस्था एकजुट करती है, BJP राजनीति के लिए विवाद फैला रही है

संक्षेप में, मस्जिद के अंदर SP सांसदों की उपस्थिति को BJP ने राजनीतिक बैठक मानकर बड़ा मुद्दा बनाया, जबकि SP ने इसे सिर्फ धार्मिक-संस्कृतिक मिलन और दर्शन कहा है।


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टीचर- इतने दिन कहां थे, स्कूल क्यों नहीं आए? गोलू- बर्ड फ्लू हो गया था मैम। टीचर- पर ये तो पक्षियों को होता है इंसानों को नहीं। गोलू- इंसान समझा ही कहां आपने...रोज तो मुर्गा बना देती हो..!!

 

😂🤣😂🤣टीचर- इतने दिन कहां थे, स्कूल क्यों नहीं आए?

गोलू- बर्ड फ्लू हो गया था मैम।

टीचर- पर ये तो पक्षियों को होता है इंसानों को नहीं।

गोलू- इंसान समझा ही कहां आपने...रोज तो मुर्गा बना देती हो..!!










पीएम मोदी की गुगली में फंसा 'इंडी'! | News Ki Pathshala | Sushant Sinha ...

  • "गुगली में फंसा इंडी"

    • टॉक में यह बताया गया कि कैसे केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी ने पार्लियामेंट मॉन्सून सत्र में विपक्ष के 'INDI गठबंधन' को अप्रत्याशित रणनीतियों और मुद्दों के माध्यम से अपेक्षा से कहीं अधिक मजबूती से घेरा।

    • ‘गुगली’ शब्द चौंकाने वाले तरीके से विपक्ष को फंसाने या उलझाने के लिए महाराष्ट्र और संसद में उठाए गए चालाक राजनैतिक कदमों का संकेत देता है।

  • मिडिया इकोसिस्टम पर प्रभाव

    • वीडियो में चर्चा है कि जन संचार माध्यम, विशेषकर समाचार चैनल और सोशल मीडिया, यह नक्सा रेखांकित कर रहे हैं कि कैसे केंद्र की रणनीति ने विपक्ष के आक्रमणों को बेअसर करके केंद्र को आगे रहने की स्थिति में रखा।

  • राजनैतिक संदेश और विपक्ष की प्रतिक्रिया

    • बताया गया कि विपक्ष ने इन चालों पर अपनी आपत्ति जताई, लेकिन यह स्पष्ट रूप से बैकफुट पर रहा, जिसका फायदा सरकार ने विपक्ष-विरोधी रुख को प्रदर्शित करने में उठाया

  • 'Child Scientist' Pooja जिन्होंने UP के एक छोटे से गांव से जापान तक की उ...

    🌟 ‘चाइल्ड साइंटिस्ट’ पूजा की कहानी

    "एक छोटे से गांव से जापान तक का सफर – प्रतिभा के आगे सीमाएं नहीं टिकतीं"

    उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव की रहने वाली पूजा, जिनका जीवन कभी स्कूल जाने भर की चुनौती से भरा था, आज दुनिया उन्हें एक 'चाइल्ड साइंटिस्ट' के रूप में जानती है। सीमित संसाधनों, बिजली की कमी और इंटरनेट जैसी सुविधाओं के बिना भी पूजा ने यह साबित कर दिखाया कि कड़ी मेहनत और जुनून से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।

    🔬 शुरुआत: विज्ञान के प्रति रुझान

    पूजा को बचपन से ही विज्ञान में गहरी रुचि थी। जब उनके गांव में बारिश के कारण बार-बार बाढ़ आ जाती थी, उन्होंने सोचना शुरू किया कि ऐसी समस्याओं का हल विज्ञान से कैसे निकाला जा सकता है।
    सिर्फ आठवीं कक्षा में पढ़ने के दौरान उन्होंने एक मॉडल तैयार किया — "बाढ़ के पानी का संरक्षण और उसका उपयोग कृषि के लिए कैसे किया जाए"।

    🏆 पहली उपलब्धि: राज्य स्तरीय साइंस फेयर

    अपने स्कूल की साइंस टीचर के सहयोग से पूजा ने अपने मॉडल को ज़िला स्तरीय साइंस फेयर में प्रस्तुत किया।
    वहाँ से उनका चयन राज्य स्तर पर हुआ और फिर राष्ट्रीय इनोवेशन प्रतियोगिता तक।
    उनका प्रोजेक्ट इतना व्यावहारिक और सुलभ था कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने उन्हें International Children's Science Exhibition के लिए जापान भेजने का निमंत्रण दिया।

    🇯🇵 जापान यात्रा: गांव से ग्लोबल मंच तक

    जापान के टोक्यो शहर में आयोजित इंटरनेशनल फोरम में पूजा ने अपने प्रोजेक्ट को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पेश किया।
    उनकी सरल लेकिन प्रभावी तकनीक को जापानी वैज्ञानिकों और नीति-निर्माताओं ने सराहा।
    पूजा वहां भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली सबसे कम उम्र की प्रतिभागी थीं।

    👨‍👩‍👧 गांव में जश्न: एक मिसाल बनी पूजा

    जब पूजा जापान से लौटीं तो उनके गांव में ढोल-नगाड़ों के साथ उनका स्वागत हुआ। गांव के लोग गर्व से उन्हें ‘हमारी बेटी, हमारा गौरव’ कहने लगे।
    सरकार की ओर से भी उन्हें स्कॉलरशिप और भविष्य में उच्च शिक्षा के लिए मदद का वादा मिला।


    🌱 प्रेरणा के सूत्र

    "बड़ी उपलब्धियों के लिए बड़ा शहर नहीं, बड़ा सपना चाहिए।"
    – पूजा, चाइल्ड साइंटिस्ट

     

    *मदद एक ऐसी घटना है* अगर करें तो लोग भूल जाते हैं.. और ना करें तो लोग याद रखते हैं..आप सभी से मेरा यह *अनुरोध* है चैनल की *पोस्ट ज्यादा से ज्यादा ग्रुपों में शेयर* करें और अपने *व्हाट्सएप स्टेटस* पर भी लगाये, जिससे यह परिवार और बड़ा हो सके और सभी परिवार के सदस्यों से, मेरी यह विनती है,कि जो भी पोस्ट आपको *अच्छी* लगती है उसे पर *इमोजी* (😊♥️🙏👍) जरूर दें, जिससे हमें *अंदाजा* लगाने में *आसानी* होगी, कि आपको किस प्रकार की *पोस्ट पसंद* है *धन्यवाद* ♥️🙏😊

     *मदद एक ऐसी घटना है*

    अगर करें तो लोग भूल जाते हैं..

    और ना करें तो लोग याद रखते हैं..

    दो तरह की *घड़ी* होती है

    एक *टाइम* बताती है,

    दूसरी *औकात* ...!

    व्यवहारिक नहीं अब दुनिया

    व्यवसायिक हो गई है,

    संबंध उनसे मधुर हैं

    जिनसे मुनाफा अधिक है!

    दो तरह की *घड़ी* होती है

    एक *टाइम* बताती है,

    दूसरी *औकात* ...!

    व्यवहारिक नहीं अब दुनिया

    व्यवसायिक हो गई है,

    संबंध उनसे मधुर हैं

    जिनसे मुनाफा अधिक है!

    *विरासत* में मिली है *वफादारी*,

    तभी तो *फितरत* में *मक्कारी* नहीं है,

    *खुदा* ने रोशन रखा है *चेहरा* हमारा,

    क्योंकि हमें *जलने की बीमारी* नहीं है!

    कश्ती है पुरानी मगर दरिया बदल गया,

    मेरी तलाश का भी तो जरिया बदल गया,

    न शक्ल बदली न ही बदला मेरा किरदार,

    बस लोगों के देखने का नजरिया बदल गया।

     *धैर्य रखें..*

    *आज* आप जिसे *जवाब* नहीं दे पा रहे हैं..

    उसका जवाब *समय* जरूर देगा..!!

    *हमारी बुराई मशहूर है जमाने में*

    *फिक्र वो करें जिनके गुनाह पर्दे में हैं..*


    : कदर

    आज के जमाने में लोग आपकी कदर तब करते हैं

    जब तक उनको आपकी जरूरत होती है

    लोग कहते हैं कि दर्द बताने से कम होते हैं मगर

    यहां जिसे अपने दर्द बताओ वही मजे लेता है।

    : मन होना चाहिए

    किसी को याद करने का,

    वक्त तो अपने आप ही

    मिल जाता है...

    दर्द भी वही देते हैं,

    जिन्हें हक दिया जाता है..

    वरना ग़ैर तो धक्का लगने

    पर माफ़ी माँग लिया करते हैं..!!

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     टूटी चीज़े हमेशा परेशान करती हैं,

    *जैसे दिल, नींद, भरोसा,*

    *और सबसे ज्यादा किसी से उम्मीद..!!*

    😶💯

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    'बड़ी अजीब सी मोहब्बत थी,

    पहले *पागल किया* फिर *पागल कहा,*

    फिर *पागल समझ* कर छोड़ दिया..!!

    😢💔

    "मुझमें कमियां तो लोग ऐसे ढूंढते हैं,

    जैसे उन्हें खुदा चाहिए था, और मैं,

    इंसान निकला"

    चाल

    सतरंज में अच्छी लगती है,

    रिश्तों में नहीं!

     बेवजह नहीं पड़ती है रिश्तों में दरार,

    कोई अपना ही ज़हर घोलता है अपनों में...


    — "Gulzar"

     वक्त आने पर खुलते हैं किरदार सारे...

    पहली नज़र में तो हर कोई वफ़ादार नज़र आता है!

     लड़ो अपने हक के लिए चाहे मुकाबले में

    आपका अपना खानदान ही क्यों ना हो

    बदतमीज़ होने का

    बहुत फायदा है

    फालतू लोग दोबारा

    मुंह नहीं लगाते

    अपने रवैये इतने बुरे ना रखें

    कि दूसरो के लगाए हुए स्टेटस

    आपको अपने लिए लगने लगें...!!

    दीया और बाती अपनी-अपनी जगह सही होते हैं,

    आग तो कोई और लगाता है। 😔

     *चार कदम चोर से, 14 कदम लतखोर से*

    *और 74 कदम चुगलखोर से दूरी बनाकर रखें। 😉*

     ख़फ़ा होकर कोई साथ न दे तो कोई बात नहीं..

    साथ रहकर कोई दग़ा दे बस ये बर्दाश्त नहीं..!

     

    किसी भी class में नहीं पढ़ाया जाता कि कैसे बोलना है

    लेकिन जिस प्रकार आप बोलते हैं

    वो तय करता है कि आप किस class के हैं !!!

     *दुनिया में अगर छोड़ने जैसा कुछ है*

    *तो सबसे पहले दूसरों से उम्मीद करना छोड़ दो...*

    : *प्यार..*

    किसी अजनबी से भी हो जाता है,

    *नफ़रत..*

    हमेशा जान-पहचान वालों से ही होती है..

    जिंदगी का आनंद अपने तरीके से ही लेना चाहिए

    *लोगों की खुशी के चक्कर में तो शेर को भी सर्कस में नाचना पड़ता है...!*

     

    सबक जिंदगी ने सिखाया मुझे,

    हर अपने ने रुलाया मुझे,

    कोई अपना,

    अपना नहीं होता

    ये भी एक अपने ने ही,

    सिखाया मुझे..!

     *ठोकर भी ज़रूरी है ज़िंदगी में*

    *इंसान संभलकर चलना सीख जाते हैं..*

     

    *बड़ी मशहूर कहावत है!!* 

    अंधे को जब दिखने लगता है

    तो वो सबसे पहले *वही लाठी फेंकता* है

    जिसने उसे ज़िन्दगी भर

    सहारा दिया..!!

     औरत

    नाजुक होती है और

    मर्द

    सख़्त,

    इसके बावजूद भी औरत

    मर्द का थप्पड़ सहन कर लेती है,

    जबकि मर्द उसकी ऊँची आवाज़

    भी बर्दाश्त नहीं कर सकता।।

    *क्यों* 

    करनी है तुम्हें

    किसी की बराबरी?


     *तुम* 

    उनसे आगे भी तो जा सकते हो..!

    *कितनी अजीब बात है ना* 

    कि लोग

    बात पकड़ कर,,

     *"इंसान को छोड़ देते हैं!!"*

    शहद जैसे...

    मीठे लोग ही...

    मधुमक्खी जैसे...

    डंक मारते हैं..!!

     तेरे बदलने का दुःख नहीं

     *मैं तो अपने यकीन पर*

    *शर्मिंदा हूँ।।*


    *वक़्त ऐसा चल रहा है*  

    *जहां तमाम अच्छी बातें,*  

    *हमदर्दियां, सच्ची मुहब्बतें और*  

    *इंसानियत सोशल मीडिया पर*  

    *मौजूद हैं लेकिन इंसान के*  

    *किरदार में नहीं।*

    लोगों की इच्छाएं भी अजीब होती हैं,

    पढ़ना प्राइवेट स्कूल में चाहते हैं।

    पर पढ़ाना सरकारी स्कूल में चाहते हैं...



    *बुराई वही करते हैं जो बराबरी नहीं कर सकते..*

    *कोई आपसे जलता है*

    *यह भी एक सफलता है

    *कीचड़ में कमल ही नहीं खिलते,*

    *सुअर भी पलते हैं।*

    *एक मर्द की कामयाबी के पीछे*

    *उसके बूढ़े बाप की जवानी होती है...!! 🙏*

    *वक़्त, दोस्त, और रिश्ते,*

    *वो चीज़ें हैं*

    *जो मिलती तो मुफ़्त में हैं*

    *मगर इनकी कीमत का*

    *पता तब चलता है*

    *जब ये कहीं खो जाते हैं...*

    *राज़ ज़िंदगी के..*


    *"शब्द भी एक भोजन है*

    *शब्द का भी एक स्वाद है*

    *बोलने से पहले चख लीजिए*

    *स्वयं को अच्छा ना लगे तो*

    *दूसरों को मत परोसिये*

    *"दूसरों के घर में जाकर हंगामा वही लोग करते हैं*

    *जिन्हें उनके घर में कोई इज्जत नहीं मिलती!"*

    *"ठण्ड में हाथ काम नहीं करते*

    *और*

    *घमंड में दिमाग काम नहीं करता!"*

    "आप किसी का अच्छा करते हो, करते रहो

    फिर होता यह है

    फिर वह आपको बेक़ूफ़ समझने लगता है!"

    *सिख नहीं पा रहा हु*

    *मीठे झूठ बोलने का हुनर*

    *कड़वे सच ने हमसे न जाने*

    *कितने लोग छीन लिए!*

    Pappu yaar main jo bhi kam karta hun Meri bhi bich Mein Jaati Hai kam ka to truck chalane ka

                      
     

    बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर बवाल ! | News Ki Pathshala | Sushant...

    🗳️ क्या चल रहा है बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन?

    • चुनाव आयोग ने 24 जून 2025 को Special Intensive Revision (SIR) प्रक्रिया शुरू की, जिसमें सभी मतदाताओं को फॉर्म भरना अनिवार्य किया गया। 25 जुलाई तक फॉर्म जमा करना है Navbharat Times+6Wikipedia+6NDTV India+6

    • अब तक लगभग 88% फॉर्म प्राप्त हो चुके हैं; इसमें मृतक, प्रवासियों और डुप्लिकेट नामों के 35 लाख से अधिक निस्तारण के संकेत हैं

    🔍 प्रमुख समस्याएं और आरोप-प्रत्यारोप

    1. 35 लाख नाम हटेंगे: इनमें से करीब 12.5 लाख मृतक, 17.4 लाख स्थाई तौर पर बाहर रहने वाले और 5.7 लाख डुप्लीकेट नाम शामिल हैं

      1. विदेशी प्रविष्टियाँ: नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार से आने वाले कई नाम पहचान में आए हैं; उन्हें हटाने की तैयारी है
      Navbharat Times+5NDTV India+5Live Hindustan+5
      1. दस्तावेजों की समस्या: आरंभ में केवल 11 दस्तावेज स्वीकार किए गए थे—आधार, वोटर आईडी, राशन कार्ड शामिल नहीं—जिससे दस्तावेजी कमी वाले लोग बाहर हो सकते थे
      Live Hindustan+3Wikipedia+3Navbharat Times+3
      1. क्षेत्रीय असमानता: पटना में आधार स्वीकार हो रहा है, लेकिन सीमांचल जैसे इलाकों में नहीं, जिससे प्रक्रिया में असमानता बनी हुई है
      Navbharat Times

    ⚖️ सुप्रीम कोर्ट का दिशा निर्देश

    10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वोटर आईडी, आधार और राशन कार्ड को प्रमाण के रूप में मान्यता दी जाए, ताकि वास्तविक मतदाता वंचित न हों The Times of India+15Wikipedia+15Navbharat Times+15

    🏛️ राजनीतिक बयानबाजी

    • कांग्रेस–राहुल गांधी: आरोप लगाए कि यह “चुनाव चोरी की चुपचाप तैयारी” है, महाराष्ट्र निर्माण जैसी साजिश The Times of India+2Navbharat Times+2Navbharat Times+2

    • तेजस्वी यादव (RJD): इसे basesless करार दिया और कहा कि यह राजनीतिक डर को दर्शाता है NDTV India+1Navbharat Times+1

    • NDA सहयोगी (JDU): प्रक्रिया को जल्दबाजी बताया, और कहा कि यह 1–2 साल में सही तरीके से होनी चाहिए थी Wikipedia+1Navbharat Times+1

    • बीजेपी (शहनवाज़ हुसैन): कहा कि सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा करना चाहिए, और विपक्ष इसे राजनीतिक बनाता है

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    Bijnor: सरकारी स्कूल की मुस्लिम प्रिंसिपल पर गंभीर आरोप "हिंदू बच्चों के...

    बिजनौर के एक सरकारी स्कूल में एक मुस्लिम प्रिंसिपल पर हिंदू छात्रों के साथ भेदभाव और उन्हें शौचालय साफ करवाने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। यह मामला बिजनौर जिले के चांदपुर कस्बे के कंपोजिट प्राथमिक स्कूल पतियापाड़ा का बताया जा रहा है।


    क्या है पूरा मामला?

    स्कूल की एक शिक्षामित्र, नुसरत जहां, ने प्रिंसिपल आयशा खातून पर आरोप लगाए हैं। नुसरत जहां का कहना है कि:

    • भेदभाव और प्रताड़ना: प्रिंसिपल आयशा खातून स्कूल में पढ़ने वाले हिंदू बच्चों के साथ खुलेआम भेदभाव करती हैं।

    • एडमिशन में रोक: प्रिंसिपल पर आरोप है कि वह हिंदू बच्चों को स्कूल में एडमिशन तक नहीं लेने देतीं।

    • सफाई करवाना: जो बच्चे पहले से पढ़ रहे हैं, उनसे शौचालय और क्लासरूम की सफाई कराई जाती है।

    • शिक्षामित्र पर हमला: जब नुसरत जहां ने प्रिंसिपल के इस व्यवहार का विरोध किया, तो आयशा खातून ने उनके साथ गाली-गलौज और मारपीट की। नुसरत जहां ने प्रिंसिपल पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप भी लगाया है।


    प्रशासन की कार्रवाई:

    इन गंभीर आरोपों के सामने आने के बाद, शिक्षा विभाग की टीम ने स्कूल में जांच-पड़ताल की है। शुरुआती जांच के बाद, सहायक अध्यापिका आयशा खातून को सस्पेंड कर दिया गया है और शिक्षामित्र नुसरत जहां का एक महीने का वेतन रोक दिया गया है। दोनों को अलग-अलग स्कूलों में भी संबद्ध कर दिया गया है।

    यह घटना शिक्षा के मंदिर में इस तरह के भेदभावपूर्ण व्यवहार पर गंभीर सवाल खड़े करती है और प्रशासन इस मामले की गहराई से जांच कर रहा है।

    Bijnor School Case: मुस्लिम प्रिंसिपल हिंदू छात्रों से साफ कराती थी टॉयल...

    बिजनौर के एक स्कूल में एक मुस्लिम प्रिंसिपल पर हिंदू छात्रों से शौचालय साफ करवाने का गंभीर आरोप लगा है। यह घटना बिजनौर जिले के चांदपुर कस्बे के एक कंपोजिट प्राथमिक स्कूल की बताई जा रही है।


    मामले की मुख्य बातें:

    • आरोप: स्कूल की एक शिक्षामित्र, नुसरत जहां ने आरोप लगाया है कि प्रिंसिपल आयशा खातून हिंदू छात्रों से शौचालय साफ करवाती थीं और उनके साथ भेदभाव करती थीं।

    • मारपीट का आरोप: नुसरत जहां ने यह भी आरोप लगाया है कि जब उन्होंने प्रिंसिपल के इस व्यवहार का विरोध किया, तो उनके साथ गाली-गलौज और मारपीट की गई। उन्होंने यह भी कहा कि प्रिंसिपल ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी।

    • प्रिंसिपल पर अन्य आरोप: नुसरत जहां ने प्रिंसिपल पर हिंदू बच्चों का स्कूल में नामांकन न करने देने और उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप भी लगाया है।

    • शिक्षा विभाग की कार्रवाई: इन गंभीर आरोपों के सामने आने के बाद शिक्षा विभाग की टीम ने स्कूल में जांच-पड़ताल की है और मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है।

    • विवाद: यह मामला सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है और इस पर काफी विवाद हो रहा है।

    यह घटना शिक्षा संस्थानों में बच्चों के साथ होने वाले किसी भी प्रकार के भेदभाव और अमानवीय व्यवहार के खिलाफ गंभीर सवाल खड़े करती है। शिक्षा विभाग द्वारा इस मामले की गहन जांच की जा रही है।

    News Ki Pathshala|Sushant Sinha:Rahul-Owaisi, Modi विरोधी गैंग की उड़ीं ...

    Guru Purnima 2025 : काशी में रचा अध्यात्मिक इतिहास, 151 मुस्लिम महिलाओं ...

    आप गुरु पूर्णिमा 2025 पर काशी में हुए एक आध्यात्मिक कार्यक्रम का जिक्र कर रहे हैं, जहाँ 151 मुस्लिम महिलाओं ने भाग लिया और 'गुरु दीक्षा' ली। यह अंतर-धार्मिक सद्भाव और भारतीय आध्यात्मिक परंपराओं के समावेशी स्वरूप को दर्शाता एक महत्वपूर्ण घटना है।

    यहाँ उस घटना से जुड़ी मुख्य बातें दी गई हैं:


    गुरु पूर्णिमा 2025: एक संक्षिप्त परिचय

    • गुरु पूर्णिमा हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो आध्यात्मिक और अकादमिक शिक्षकों (गुरुओं) के सम्मान में मनाया जाता है।

    • यह हिंदू कैलेंडर के आषाढ़ महीने की पहली पूर्णिमा को पड़ता है।

    • 2025 में, गुरु पूर्णिमा गुरुवार, 10 जुलाई को मनाई गई।

    • इसे व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, जो महर्षि वेद व्यास की जयंती का प्रतीक है, जिन्हें वेदों को संकलित करने और महाभारत लिखने का श्रेय दिया जाता है।

    • 'गुरु' शब्द संस्कृत के शब्दों 'गु' (अंधेरा) और 'रु' (हटाने वाला) से बना है, जिसका अर्थ है वह जो अज्ञान के अंधकार को दूर करता है।

    • यह दिन हिंदुओं, जैनियों और बौद्धों द्वारा मनाया जाता है, जिनमें से प्रत्येक धर्म की अपनी विशिष्ट परंपराएं हैं। उदाहरण के लिए, बौद्ध धर्म में, यह वह दिन है जब बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था।


    काशी में रचा आध्यात्मिक इतिहास: 151 मुस्लिम महिलाओं का 'गुरु दीक्षा'

    • गुरु पूर्णिमा के अवसर पर काशी के पातालपुरी मठ के रामानंदी संप्रदाय में सद्भाव का एक उल्लेखनीय प्रदर्शन देखने को मिला।

    • 151 मुस्लिम महिलाओं और पुरुषों ने अनुष्ठानों में भाग लिया और औपचारिक रूप से 'गुरु दीक्षा' स्वीकार की, जो रामपंथ भक्ति परंपरा में एक आध्यात्मिक दीक्षा है।

    • इसे एक ऐतिहासिक घटना के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि यह पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में मुस्लिम व्यक्तियों ने औपचारिक रूप से रामपंथ को अपनाया है, जो भगवान राम की पूजा में निहित है।

    • रिपोर्ट्स के अनुसार, मुस्लिम महिलाओं ने पातालपुरी मठ के प्रमुख जगद्गुरु बालक देवाचार्य जी महाराज की आरती की, जबकि मुस्लिम पुरुषों ने सम्मान व्यक्त किया।

    • भाग लेने वालों ने अपार खुशी व्यक्त की, कुछ ने कहा कि उनके पूर्वज रामपंथ के अनुयायी थे, और भले ही उनकी पूजा का तरीका बदल गया हो, उनकी पैतृक परंपरा, रक्त और संस्कृति वही है।

    • मुस्लिम महिला फाउंडेशन की प्रमुख नज़नीन अंसारी ने जोर दिया कि राम के सिद्धांतों का पालन करके वैश्विक शांति प्राप्त की जा सकती है और अज्ञान से ज्ञान की ओर मार्गदर्शन करने के लिए एक सच्चे गुरु का होना आवश्यक है।

    • आयोजकों ने बताया कि प्रतिभागियों ने स्वेच्छा से महीनों तक अध्ययन और आध्यात्मिक प्रशिक्षण लिया, और कोई बाहरी दबाव या आर्थिक प्रलोभन नहीं था।

    इस घटना को भारत के समावेशी लोकाचार और युगों पुरानी गुरु-शिष्य परंपरा का प्रमाण माना जा रहा है, जो धार्मिक और जातिगत बाधाओं को पार करती है।

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    *फ्री में क्यों* *चूहा* पिंजरे में इसलिए *फंसता* है क्योंकि वो समझ नहीं पाता है कि *पिंजरे में रखी रो

     *फ्री में क्यों*


    *चूहा* पिंजरे में इसलिए *फंसता* है क्योंकि वो समझ नहीं पाता है कि *

    पिंजरे में रखी रोटी* उसे *फ्री में क्यों* दी जा रही है।