नीचे दी गई जानकारी से स्पष्ट होता है कि मस्जिद के अंदर 'मीटिंग' में क्या हुआ, उसे लेकर क्या विवाद पैदा हुआ:
🕌 मस्जिद में क्या हुआ?
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कौन-कौन थे ज़िम्मेदार
22 जुलाई 2025 को संसद भवन के पास स्थित एक मस्जिद में SP प्रमुख अखिलेश यादव, उनकी पत्नी डिंपल यादव, और कुछ SP सांसद पहुंचे, जिनमें रामपुर से सांसद और पूर्व इमाम मोहिबुल्ला नदवी भी शामिल थे। यह मस्जिद मोहिबुल्ला नदवी के आवास से सड़क पार पर स्थित है The Economic Times+9Dainik Bhaskar+9Live Hindustan+9Caravan Magazine। -
क्या हुआ — एक छोटी बैठक या दर्शन?
संसद की कार्यवाही स्थगित होने पर अखिलेश ने मस्जिद दिखाई और कुछ समय वहां रुके– SP का कहना है कि यह किसी राजनीतिक बैठक का आयोजन नहीं था, बल्कि एक साधारण दर्शन और चर्चा थी, और इसे BJP द्वारा गलत तरीके से पेश किया गया Dainik Bhaskar।
🔥 विवाद और BJP की तीखी प्रतिक्रिया
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राजनीतिक आरोप
BJP नेताओं ने आरोप लगाया कि SP ने मस्जिद को “अधिकारिक कार्यालय” बना रखा है, इसे “नमाज़वादी” राजनीति कहा गया, और SP पर धार्मिक स्थल का राजनीतिक उपयोग करने का आरोप लगाया गया Live Hindustan। -
डिंपल यादव का परिधान मुद्दा
BJP ने डिंपल यादव के पहनावे पर भी आपत्ति जताई—कहा गया कि उन्होंने पारंपरिक टोपी नहीं पहनकर मुस्लिम भावनाओं को ठेस पहुंचाई The Economic Times+15Live Hindustan+15Navbharat Times+15Navbharat Times। -
SP का पलटवार
अखिलेश यादव ने जवाब दिया कि उन्होंने केवल आस्था से जोड़ करने वाले कार्य किए, बीजेपी लोगों में दूरियाँ चाहती है लेकिन SP सभी धर्मों में आस्था रखता है The Economic Times+10Live Hindustan+10आज तक+10।
🕊️ सारांश
पहलू | विवरण |
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SP पक्ष | दर्शन/चर्चा हेतु गई, कोई राजनीतिक बैठक नहीं |
BJP आरोप | मस्जिद को SP कार्यालय बताया, धार्मिक माहौल का दुरुपयोग, डिंपल का गैर-पारंपरिक परिधान भी मुद्दा |
SP का जवाब | आस्था एकजुट करती है, BJP राजनीति के लिए विवाद फैला रही है |
संक्षेप में, मस्जिद के अंदर SP सांसदों की उपस्थिति को BJP ने राजनीतिक बैठक मानकर बड़ा मुद्दा बनाया, जबकि SP ने इसे सिर्फ धार्मिक-संस्कृतिक मिलन और दर्शन कहा है।