*मदद एक ऐसी घटना है*
अगर करें तो लोग भूल जाते हैं..
और ना करें तो लोग याद रखते हैं..
दो तरह की *घड़ी* होती है
एक *टाइम* बताती है,
दूसरी *औकात* ...!
व्यवहारिक नहीं अब दुनिया
व्यवसायिक हो गई है,
संबंध उनसे मधुर हैं
जिनसे मुनाफा अधिक है!
दो तरह की *घड़ी* होती है
एक *टाइम* बताती है,
दूसरी *औकात* ...!
व्यवहारिक नहीं अब दुनिया
व्यवसायिक हो गई है,
संबंध उनसे मधुर हैं
जिनसे मुनाफा अधिक है!
*विरासत* में मिली है *वफादारी*,
तभी तो *फितरत* में *मक्कारी* नहीं है,
*खुदा* ने रोशन रखा है *चेहरा* हमारा,
क्योंकि हमें *जलने की बीमारी* नहीं है!
कश्ती है पुरानी मगर दरिया बदल गया,
मेरी तलाश का भी तो जरिया बदल गया,
न शक्ल बदली न ही बदला मेरा किरदार,
बस लोगों के देखने का नजरिया बदल गया।
*धैर्य रखें..*
*आज* आप जिसे *जवाब* नहीं दे पा रहे हैं..
उसका जवाब *समय* जरूर देगा..!!
*हमारी बुराई मशहूर है जमाने में*
*फिक्र वो करें जिनके गुनाह पर्दे में हैं..*
: कदर
आज के जमाने में लोग आपकी कदर तब करते हैं
जब तक उनको आपकी जरूरत होती है
लोग कहते हैं कि दर्द बताने से कम होते हैं मगर
यहां जिसे अपने दर्द बताओ वही मजे लेता है।
: मन होना चाहिए
किसी को याद करने का,
वक्त तो अपने आप ही
मिल जाता है...
दर्द भी वही देते हैं,
जिन्हें हक दिया जाता है..
वरना ग़ैर तो धक्का लगने
पर माफ़ी माँग लिया करते हैं..!!
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टूटी चीज़े हमेशा परेशान करती हैं,
*जैसे दिल, नींद, भरोसा,*
*और सबसे ज्यादा किसी से उम्मीद..!!*
😶💯
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'बड़ी अजीब सी मोहब्बत थी,
पहले *पागल किया* फिर *पागल कहा,*
फिर *पागल समझ* कर छोड़ दिया..!!
😢💔
"मुझमें कमियां तो लोग ऐसे ढूंढते हैं,
जैसे उन्हें खुदा चाहिए था, और मैं,
इंसान निकला"
चाल
सतरंज में अच्छी लगती है,
रिश्तों में नहीं!
बेवजह नहीं पड़ती है रिश्तों में दरार,
कोई अपना ही ज़हर घोलता है अपनों में...
— "Gulzar"
वक्त आने पर खुलते हैं किरदार सारे...
पहली नज़र में तो हर कोई वफ़ादार नज़र आता है!
लड़ो अपने हक के लिए चाहे मुकाबले में
आपका अपना खानदान ही क्यों ना हो
बदतमीज़ होने का
बहुत फायदा है
फालतू लोग दोबारा
मुंह नहीं लगाते
अपने रवैये इतने बुरे ना रखें
कि दूसरो के लगाए हुए स्टेटस
आपको अपने लिए लगने लगें...!!
दीया और बाती अपनी-अपनी जगह सही होते हैं,
आग तो कोई और लगाता है। 😔
*चार कदम चोर से, 14 कदम लतखोर से*
*और 74 कदम चुगलखोर से दूरी बनाकर रखें। 😉*
ख़फ़ा होकर कोई साथ न दे तो कोई बात नहीं..
साथ रहकर कोई दग़ा दे बस ये बर्दाश्त नहीं..!
किसी भी class में नहीं पढ़ाया जाता कि कैसे बोलना है
लेकिन जिस प्रकार आप बोलते हैं
वो तय करता है कि आप किस class के हैं !!!
*दुनिया में अगर छोड़ने जैसा कुछ है*
*तो सबसे पहले दूसरों से उम्मीद करना छोड़ दो...*
: *प्यार..*
किसी अजनबी से भी हो जाता है,
*नफ़रत..*
हमेशा जान-पहचान वालों से ही होती है..
जिंदगी का आनंद अपने तरीके से ही लेना चाहिए
*लोगों की खुशी के चक्कर में तो शेर को भी सर्कस में नाचना पड़ता है...!*
सबक जिंदगी ने सिखाया मुझे,
हर अपने ने रुलाया मुझे,
कोई अपना,
अपना नहीं होता
ये भी एक अपने ने ही,
सिखाया मुझे..!
*ठोकर भी ज़रूरी है ज़िंदगी में*
*इंसान संभलकर चलना सीख जाते हैं..*
*बड़ी मशहूर कहावत है!!*
अंधे को जब दिखने लगता है
तो वो सबसे पहले *वही लाठी फेंकता* है
जिसने उसे ज़िन्दगी भर
सहारा दिया..!!
औरत
नाजुक होती है और
मर्द
सख़्त,
इसके बावजूद भी औरत
मर्द का थप्पड़ सहन कर लेती है,
जबकि मर्द उसकी ऊँची आवाज़
भी बर्दाश्त नहीं कर सकता।।
*क्यों*
करनी है तुम्हें
किसी की बराबरी?
*तुम*
उनसे आगे भी तो जा सकते हो..!
*कितनी अजीब बात है ना*
कि लोग
बात पकड़ कर,,
*"इंसान को छोड़ देते हैं!!"*
शहद जैसे...
मीठे लोग ही...
मधुमक्खी जैसे...
डंक मारते हैं..!!
तेरे बदलने का दुःख नहीं
*मैं तो अपने यकीन पर*
*शर्मिंदा हूँ।।*
*वक़्त ऐसा चल रहा है*
*जहां तमाम अच्छी बातें,*
*हमदर्दियां, सच्ची मुहब्बतें और*
*इंसानियत सोशल मीडिया पर*
*मौजूद हैं लेकिन इंसान के*
*किरदार में नहीं।*
लोगों की इच्छाएं भी अजीब होती हैं,
पढ़ना प्राइवेट स्कूल में चाहते हैं।
पर पढ़ाना सरकारी स्कूल में चाहते हैं...
*बुराई वही करते हैं जो बराबरी नहीं कर सकते..*
*कोई आपसे जलता है*
*यह भी एक सफलता है
*कीचड़ में कमल ही नहीं खिलते,*
*सुअर भी पलते हैं।*
*एक मर्द की कामयाबी के पीछे*
*उसके बूढ़े बाप की जवानी होती है...!! 🙏*
*वक़्त, दोस्त, और रिश्ते,*
*वो चीज़ें हैं*
*जो मिलती तो मुफ़्त में हैं*
*मगर इनकी कीमत का*
*पता तब चलता है*
*जब ये कहीं खो जाते हैं...*
*राज़ ज़िंदगी के..*
*"शब्द भी एक भोजन है*
*शब्द का भी एक स्वाद है*
*बोलने से पहले चख लीजिए*
*स्वयं को अच्छा ना लगे तो*
*दूसरों को मत परोसिये*
*"दूसरों के घर में जाकर हंगामा वही लोग करते हैं*
*जिन्हें उनके घर में कोई इज्जत नहीं मिलती!"*
*"ठण्ड में हाथ काम नहीं करते*
*और*
*घमंड में दिमाग काम नहीं करता!"*
"आप किसी का अच्छा करते हो, करते रहो
फिर होता यह है
फिर वह आपको बेक़ूफ़ समझने लगता है!"
*सिख नहीं पा रहा हु*
*मीठे झूठ बोलने का हुनर*
*कड़वे सच ने हमसे न जाने*
*कितने लोग छीन लिए!*