Jabil made a big bang! High-tech factory in India | China lost its sleep...


जहाँ एक तरफ अमेरिका के साथ भारत के व्यापारिक संबंध में थोड़ी खींचतान है, वहीं भारत में हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग को लेकर एक बड़ी खबर आई है। अमेरिकी इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग दिग्गज जेबिल (Jabil) ने भारत में एक बड़ी और अत्याधुनिक फैक्ट्री लगाने की घोषणा की है। यह कदम भारत के 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' जैसे अभियानों को एक बड़ा बढ़ावा दे रहा है और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला (global supply chain) में भारत की स्थिति को मजबूत कर रहा है।

गुजरात में बड़ा निवेश:

जेबिल ने गुजरात के साणंद में ₹2,000 करोड़ से अधिक का निवेश करने की योजना बनाई है। यह फैक्ट्री सिलिकॉन फोटोनिक्स और अन्य एडवांस इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज (EMS) पर केंद्रित होगी। सिलिकॉन फोटोनिक्स एक ऐसी तकनीक है जो क्वांटम कंप्यूटिंग, 5G/6G दूरसंचार, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), रडार सिस्टम और एवियोनिक्स जैसी महत्वपूर्ण तकनीकों के लिए जरूरी है।

भारत को फायदा:

  • हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग हब: जेबिल का यह निवेश भारत को एक हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा, जो पहले चीन का गढ़ माना जाता था।

  • रोजगार के अवसर: इस फैक्ट्री से न केवल प्रत्यक्ष बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से भी बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा होंगे, खासकर हाई-स्किल्ड कर्मचारियों के लिए।

  • सप्लाई चेन का विविधीकरण: यह कदम कंपनियों को अपनी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को चीन से हटाकर भारत में लाने के लिए प्रोत्साहित करेगा, जिससे भारत की भू-राजनीतिक स्थिति भी मजबूत होगी।

  • PLI योजना की सफलता: जेबिल को सरकार की प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के तहत भी लाभ मिला है, जो इस बात का संकेत है कि सरकार की नीतियां विदेशी निवेश को आकर्षित करने में सफल हो रही हैं।

चीन पर असर:

जेबिल जैसी बड़ी कंपनियों का भारत में निवेश चीन के लिए चिंता का सबब बन सकता है। कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियां चीन पर अपनी निर्भरता कम करना चाहती हैं, और भारत उनके लिए एक आकर्षक विकल्प बनकर उभरा है। चूंकि जेबिल एप्पल के लिए एयरपॉड्स जैसे उत्पादों के पुर्जे बनाती है, इसलिए इसका भारत में विस्तार सीधे तौर पर चीन के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को चुनौती दे रहा है। एप्पल के अन्य सप्लायर भी भारत में निवेश बढ़ा रहे हैं, जो दर्शाता है कि भारत अब केवल असेंबली का केंद्र नहीं, बल्कि कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग का भी एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन रहा है।