News Ki Pathshala | Sushant Sinha: भारत- UK के बीच फ्री Trade Deal साइन ...

गुरुवार, 24 जुलाई 2025 को भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) के बीच एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता (FTA), जिसे औपचारिक रूप से व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (CETA) कहा जाता है, पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान लंदन में हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर दोनों मौजूद थे। इस समझौते पर भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और यूके के व्यापार सचिव जोनाथन रेनॉल्ड्स ने हस्ताक्षर किए।

सुशांत सिन्हा के "न्यूज़ की पाठशाला" ने इस समझौते की संभावनाओं और संभावित लाभों पर पहले ही प्रकाश डाला था। FTA का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देना है, जिसका लक्ष्य 2030 तक इसे दोगुना कर $112-$120 बिलियन तक पहुंचाना है।


भारत-यूके FTA के मुख्य बिंदु:

  • भारतीय निर्यात के लिए शुल्क-मुक्त पहुँच: यूके को भारत के लगभग 99% निर्यात पर अब शुल्क-मुक्त पहुँच मिलेगी। इसमें कपड़ा, चमड़ा, जूते, रत्न और आभूषण, इंजीनियरिंग उत्पाद, और हल्दी, इलायची, काली मिर्च, आम का गूदा और दालें जैसे कृषि उत्पाद शामिल हैं। इससे भारत के श्रम-प्रधान क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण अवसर खुलने की उम्मीद है।

  • यूके के आयात पर भारत में कम टैरिफ: यूके के सामान पर भारत में औसतन टैरिफ 15% से घटाकर 3% किया जाएगा। इससे ब्रिटिश उत्पाद जैसे सॉफ्ट ड्रिंक, सौंदर्य प्रसाधन, चिकित्सा उपकरण और कुछ ऑटोमोबाइल भारतीय उपभोक्ताओं के लिए सस्ते हो जाएंगे।

  • स्कॉच व्हिस्की और ऑटोमोबाइल पर कम शुल्क: ब्रिटिश व्हिस्की पर आयात शुल्क तुरंत 150% से घटाकर 75% किया जाएगा, और एक दशक में इसे और घटाकर 40% कर दिया जाएगा। ऑटोमोबाइल पर टैरिफ भी निर्दिष्ट कोटे के तहत 100% से अधिक से घटाकर 10% तक किया जाएगा।

  • पेशेवरों के लिए लाभ: यह समझौता पेशेवरों की आवाजाही को आसान बनाता है, जिसमें स्वतंत्र पेशेवर, व्यावसायिक आगंतुक और इंट्रा-कॉर्पोरेट हस्तांतरित शामिल हैं। एक बड़ी सफलता डबल कॉन्ट्रिब्यूशन कन्वेंशन एग्रीमेंट (सामाजिक सुरक्षा समझौता) है, जो यूके में अस्थायी रूप से (तीन साल तक) काम करने वाले भारतीय पेशेवरों को दोहरा सामाजिक सुरक्षा योगदान देने से छूट देगा।

  • सेवाओं के लिए बढ़ी हुई बाजार पहुँच: यह समझौता भारतीय फर्मों और फ्रीलांसरों के लिए आर्थिक आवश्यकता परीक्षण के बिना 36 सेवा क्षेत्रों तक पहुँच प्रदान करता है, और भारतीय पेशेवरों को स्थानीय कार्यालय की आवश्यकता के बिना दो साल तक 35 यूके क्षेत्रों में काम करने की अनुमति देता है।

बिल्कुल, आइए भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के कुछ और महत्वपूर्ण पहलुओं और यह भारतीय व्यवसायों को कैसे प्रभावित करेगा, इस पर गहराई से नज़र डालते हैं:


FTA के प्रमुख लाभ और प्रभाव

यह समझौता केवल टैरिफ कटौती तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह व्यापार और निवेश के लिए एक व्यापक ढांचा तैयार करता है।

1. निर्यातकों के लिए नए अवसर

  • श्रम-गहन क्षेत्र: भारतीय कपड़ा, चमड़ा, जूते, रत्न और आभूषण जैसे श्रम-गहन क्षेत्रों को यूके में शुल्क-मुक्त पहुंच मिलने से भारी बढ़ावा मिलेगा। इससे इन उद्योगों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

  • कृषि और समुद्री उत्पाद: भारतीय झींगा, टूना, मछली का भोजन और चारा जैसे समुद्री उत्पादों पर यूके में शुल्क समाप्त होने से मछुआरों और तटीय राज्यों को बहुत फायदा होगा। इसी तरह, हल्दी, इलायची, काली मिर्च, आम का गूदा, दालें, बाजरा, जैविक जड़ी-बूटियां, चाय और कॉफी जैसे कृषि उत्पादों के लिए भी नए बाजार खुलेंगे। अनुमान है कि अगले 3 साल में कृषि निर्यात में 20-50% तक की बढ़ोतरी हो सकती है।

  • विनिर्माण और इंजीनियरिंग: भारत के इंजीनियरिंग सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्यूटिकल्स, रसायन, प्लास्टिक और खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जो भारत के विनिर्माण भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।

  • जेनेरिक दवाएं: भारतीय जेनेरिक दवाओं की प्रतिस्पर्धात्मकता में एफटीए के तहत शून्य शुल्क प्रावधानों से यूके के बाजार में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है, जो यूरोप में भारत का सबसे बड़ा दवा निर्यात गंतव्य बना हुआ है।

2. उपभोक्ताओं के लिए सस्ते उत्पाद

  • भारत में ब्रिटिश व्हिस्की, कारें, सॉफ्ट ड्रिंक्स, सौंदर्य प्रसाधन, और चिकित्सा उपकरण जैसे उत्पादों पर आयात शुल्क में कमी आएगी, जिससे ये भारतीय उपभोक्ताओं के लिए सस्ते हो जाएंगे।

  • ब्रिटेन में निर्मित मोबाइल, लैपटॉप और अन्य गैजेट्स पर भी कर कम होने की संभावना है, जिससे वे भारत में अधिक किफायती हो सकते हैं।

3. पेशेवरों और सेवाओं के लिए अवसर

  • आसान आवाजाही: यह समझौता भारतीय पेशेवरों, योग प्रशिक्षकों, शास्त्रीय संगीतकारों और बावर्ची जैसे कुशल व्यक्तियों के लिए यूके में अपनी सेवाएं प्रदान करना आसान बनाएगा।

  • सामाजिक सुरक्षा समझौता: डबल कॉन्ट्रिब्यूशन कन्वेंशन एग्रीमेंट भारतीय पेशेवरों को यूके में अस्थायी रूप से काम करते समय (तीन साल तक) दोहरा सामाजिक सुरक्षा योगदान देने से छूट देगा, जो एक बड़ा वित्तीय लाभ है।

  • सेवा क्षेत्र में पहुँच: भारतीय आईटी, वित्तीय सेवाओं, शिक्षा और कानूनी सेवाओं को ब्रिटिश बाजारों तक बेहतर पहुंच से लाभ होगा, जिससे इस क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

4. निवेश और भू-राजनीतिक लाभ

  • विदेशी निवेश में वृद्धि: ब्रिटिश कंपनियों के लिए भारत में व्यापार करना आसान होने से विनिर्माण, खुदरा, शिक्षा और वित्तीय सेवा क्षेत्रों में निवेश बढ़ेगा। इससे 'मेक इन इंडिया' पहल को भी बढ़ावा मिलेगा।

  • आपूर्ति श्रृंखला का लचीलापन: यह समझौता गैर-टैरिफ बाधाओं को समाप्त करने का लक्ष्य रखता है, जिससे वस्तुओं और सेवाओं का मुक्त प्रवाह हो सके। यह आपूर्ति श्रृंखला के लचीलेपन को बढ़ाने और दोनों देशों के बीच व्यापार दक्षता में सुधार के लिए महत्वपूर्ण है।

  • कूटनीतिक संबंध: FTA के बाद भारत और ब्रिटेन के बीच भू-राजनीतिक और कूटनीतिक संबंध बढ़ने की संभावनाएं हैं। दोनों ही देश आगे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ा सकते हैं।

5. संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा

  • भारत ने डेयरी उत्पाद, सेब, जई और खाद्य तेलों जैसे कुछ संवेदनशील क्षेत्रों पर कोई शुल्क रियायत नहीं दी है, जिससे घरेलू किसानों और उद्योगों के हितों की रक्षा होगी।


चुनौतियां और आगे की राह

हालांकि यह समझौता बड़े पैमाने पर लाभप्रद है, फिर भी कुछ चुनौतियाँ मौजूद हैं:

  • अंतिम अनुमोदन: समझौते को पूरी तरह से लागू होने से पहले ब्रिटिश संसद द्वारा अनुमोदित किया जाना बाकी है, जिसमें कुछ समय लग सकता है।

  • प्रतियोगिता: कुछ भारतीय उद्योगों को ब्रिटिश उत्पादों से बढ़ती प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां टैरिफ में महत्वपूर्ण कमी आई है।

  • क्रियान्वयन: समझौते के प्रावधानों का सुचारू और प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण होगा।

कुल मिलाकर, भारत-यूके FTA दोनों देशों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की अपार संभावनाएं रखता है।