प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की मालदीव यात्रा और मालदीव के चीन, तुर्की और पाकिस्तान के साथ बढ़ते संबंधों पर भारत की रणनीतिक प्रतिक्रिया के बारे में "Pm Modi का काफिला उतरा समंदर में, मचा हड़कंप! Bitra Island | China On Modi Maldives Visit |" वीडियो का सारांश यहाँ दिया गया है:
वीडियो के मुख्य बिंदु:
पीएम मोदी का समुद्री काफिला: वीडियो की शुरुआत में मालदीव की राजधानी माले में पीएम मोदी का अनोखा समुद्री काफिला दिखाया गया है, जिसमें उनकी नौका सुरक्षा जहाजों से घिरी हुई है। वह मालदीव के स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि थे।
मालदीव-भारत संबंधों में बदलाव: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के "इंडिया आउट" अभियान के बावजूद, उन्होंने पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया, और दोनों देशों के बीच आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
मालदीव का रणनीतिक महत्व: वीडियो में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि मालदीव का स्थान रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है और अगर यह पाकिस्तान और चीन के साथ बहुत करीब से जुड़ता है तो भारत के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
बिट्रा द्वीप के लिए भारत की योजना: भारत कथित तौर पर अपने लक्षद्वीप द्वीपसमूह में बिट्रा द्वीप को एक बड़ा नौसैनिक अड्डा स्थापित करने की योजना बना रहा है।
बिट्रा द्वीप का महत्व: बिट्रा लक्षद्वीप के 10 बसे हुए द्वीपों में सबसे छोटा है लेकिन रणनीतिक रूप से स्थित है।
नौसैनिक अड्डे का विकास: भारत सरकार बिट्रा द्वीप पर युद्धपोतों, फ्रिगेट्स और विध्वंसकों के लिए एक महत्वपूर्ण नौसैनिक अड्डा बनाने की तैयारी कर रही है।
मौजूदा नौसैनिक स्टेशन: लक्षद्वीप में भारत के पहले से ही दो नौसैनिक स्टेशन हैं, और बिट्रा पर एक तीसरा आधार होगा।
रणनीतिक लाभ: यह आधार प्रमुख तेल और गैस आपूर्ति मार्गों की निगरानी और नियंत्रण के लिए और चीन, पाकिस्तान, तुर्की और मालदीव पर नज़र रखने के लिए महत्वपूर्ण होगा।
मालदीव नेतृत्व के बारे में चिंताएं: वीडियो में मालदीव के राष्ट्रपति के भारत के साथ दीर्घकालिक संबंधों के बारे में चिंता व्यक्त की गई है, क्योंकि उनके राष्ट्रपति बनने के बाद से मालदीव में चीन, पाकिस्तान और तुर्की का प्रभाव बढ़ गया है। बिट्रा द्वीप आधार को इन देशों की निगरानी के लिए भारत के लिए आवश्यक माना जाता है।