बिजनौर के एक सरकारी स्कूल में एक मुस्लिम प्रिंसिपल पर हिंदू छात्रों के साथ भेदभाव और उन्हें शौचालय साफ करवाने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। यह मामला बिजनौर जिले के चांदपुर कस्बे के कंपोजिट प्राथमिक स्कूल पतियापाड़ा का बताया जा रहा है।
क्या है पूरा मामला?
स्कूल की एक शिक्षामित्र, नुसरत जहां, ने प्रिंसिपल आयशा खातून पर आरोप लगाए हैं। नुसरत जहां का कहना है कि:
भेदभाव और प्रताड़ना: प्रिंसिपल आयशा खातून स्कूल में पढ़ने वाले हिंदू बच्चों के साथ खुलेआम भेदभाव करती हैं।
एडमिशन में रोक: प्रिंसिपल पर आरोप है कि वह हिंदू बच्चों को स्कूल में एडमिशन तक नहीं लेने देतीं।
सफाई करवाना: जो बच्चे पहले से पढ़ रहे हैं, उनसे शौचालय और क्लासरूम की सफाई कराई जाती है।
शिक्षामित्र पर हमला: जब नुसरत जहां ने प्रिंसिपल के इस व्यवहार का विरोध किया, तो आयशा खातून ने उनके साथ गाली-गलौज और मारपीट की। नुसरत जहां ने प्रिंसिपल पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप भी लगाया है।
प्रशासन की कार्रवाई:
इन गंभीर आरोपों के सामने आने के बाद, शिक्षा विभाग की टीम ने स्कूल में जांच-पड़ताल की है। शुरुआती जांच के बाद, सहायक अध्यापिका आयशा खातून को सस्पेंड कर दिया गया है और शिक्षामित्र नुसरत जहां का एक महीने का वेतन रोक दिया गया है। दोनों को अलग-अलग स्कूलों में भी संबद्ध कर दिया गया है।
यह घटना शिक्षा के मंदिर में इस तरह के भेदभावपूर्ण व्यवहार पर गंभीर सवाल खड़े करती है और प्रशासन इस मामले की गहराई से जांच कर रहा है।