नोएडा पुलिस ने हाल ही में एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है, जिसमें दो आरोपियों—मुहम्मद उमेर (26) और मुजफ्फर जमाल (27)—ने खुद को उबर ऐप पर ड्राइवर और सवारी दोनों के रूप में रजिस्टर कर कंपनी को लाखों रुपये का चूना लगाया।आज तक
🚨 कैसे हुआ घोटाले का खुलासा?
9 अप्रैल 2025 को यमुना एक्सप्रेसवे के घरबरा अंडरपास के पास पुलिस ने एक संदिग्ध कार को रोका। जांच के दौरान कार से 500 फर्जी आधार कार्ड की फोटोकॉपी, 21 मोबाइल फोन, एक छोटा प्रिंटर और एक हुंडई i10 कार बरामद हुई।आज तक+1The Times of India+1
🕵️♂️ फर्जीवाड़े की कार्यप्रणाली
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फर्जी दस्तावेज़: आरोपियों ने एडिटिंग ऐप्स और गूगल लेंस की मदद से असली दस्तावेजों में चेहरा बदलकर कई फर्जी आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस बनाए।आज तक
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ड्राइवर और राइडर दोनों: उबर ऐप पर खुद को ड्राइवर और सवारी दोनों के रूप में रजिस्टर किया।आज तक
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फर्जी राइड्स: शुरुआत में छोटी-छोटी राइड्स पूरी कर कंपनी का भरोसा जीता। फिर लंबी राइड्स को एडवांस में बुक कर, खुद ही ड्राइवर और राइडर बनकर बिना ट्रैवल किए 20-30 किलोमीटर की फर्जी राइड दिखाकर पेमेंट लिया।आज तक
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आईडी ब्लॉक और पुनः रजिस्ट्रेशन: पकड़े जाने पर आईडी ब्लॉक हो जाती थी, जिसके बाद नई फर्जी आईडी बनाकर वही प्रक्रिया दोहराई जाती थी।आज तक
👮♂️ पुलिस की कार्रवाई
थाना ईकोटेक-1 की पुलिस ने इंटेलिजेंस की मदद से इस गिरोह को पकड़ा और भंडाफोड़ किया है। एडीसीपी सुधीर कुमार के अनुसार, यह एक संगठित साइबर क्राइम गैंग का हिस्सा हो सकता है और मामले की जांच आगे बढ़ाई जा रही है। दोनों आरोपियों पर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।आज तक
📺 संबंधित वीडियो रिपोर्ट
इस घोटाले से संबंधित विस्तृत जानकारी के लिए आप नीचे दिए गए वीडियो रिपोर्ट देख सकते हैं:
यह घटना दर्शाती है कि कैसे तकनीकी साधनों का दुरुपयोग कर कुछ लोग कंपनियों को धोखा देने की कोशिश करते हैं। इसलिए, कंपनियों को अपने वेरिफिकेशन प्रोसेस को और मजबूत करने की आवश्यकता है, ताकि ऐसे फर्जीवाड़ों को रोका जा सके।