तेलंगाना सरकार ने हैदराबाद के कांचा गाचीबोवली क्षेत्र में 2,000 एकड़ भूमि पर एक विशाल इको पार्क विकसित करने का प्रस्ताव रखा है, जिसमें हैदराबाद विश्वविद्यालय (UoH) की वर्तमान भूमि भी शामिल है। इस योजना के अनुसार, विश्वविद्यालय को हैदराबाद के बाहरी इलाके में एक नए "फ्यूचर सिटी" में स्थानांतरित किया जाएगा, जहां उसे 100 एकड़ भूमि और नए परिसर के विकास के लिए 1,000 करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे।
हालांकि, इस प्रस्ताव का छात्रों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध किया जा रहा है, जो विश्वविद्यालय को वर्तमान स्थान पर बनाए रखने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने भूमि की नीलामी और पेड़ों की कटाई के खिलाफ प्रदर्शन किए हैं, जिसके परिणामस्वरूप सर्वोच्च न्यायालय ने इन गतिविधियों पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है।
तेलंगाना उच्च न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई 24 अप्रैल तक स्थगित कर दी है और राज्य सरकार, राजस्व, वन, और पुलिस विभागों को अपने जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। The Times of India
इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार ने आरोप लगाया है कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) से बनाई गई झूठी तस्वीरें प्रसारित कर रहे हैं, जिसमें पेड़ों की कटाई और वन्यजीवों के विस्थापन को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया है। सरकार ने इन झूठी तस्वीरों की जांच के लिए पुलिस से अनुरोध किया है।
इस बीच, विपक्षी दलों ने सरकार के इस कदम की आलोचना की है और कांचा गाचीबोवली क्षेत्र की भूमि को भविष्य की पीढ़ियों के लिए संरक्षित करने की मांग की है। The New Indian Express
इस मामले की अगली सुनवाई 24 अप्रैल को निर्धारित है, जिसमें आगे की कानूनी प्रक्रियाएं तय की जाएंगी।