23 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत और 17 घायल होने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। इस हमले की जिम्मेदारी 'कश्मीर रेजिस्टेंस' नामक आतंकी समूह ने ली है, जिसे पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा का मोर्चा माना जा रहा है। Latest news & breaking headlines
भारत की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में भारत ने निम्नलिखित कड़े कदम उठाए:
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इंडस जल संधि का निलंबन: भारत ने 1960 की इस संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है, जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करना बंद नहीं करता। The New Indian Express
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वाघा-अटारी सीमा बंद: भारत ने पाकिस्तान के साथ एकमात्र सड़क मार्ग को बंद कर दिया है।
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पाकिस्तानी नागरिकों को निष्कासन: SAARC वीजा धारक सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है।The New Indian Express
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राजनयिक संबंधों में कटौती: पाकिस्तानी राजनयिकों को निष्कासित किया गया है और भारतीय सैन्य सलाहकारों को इस्लामाबाद से वापस बुलाया गया है।
सीमा पर सुरक्षा कड़ी
भारत सरकार ने पहलगाम और आसपास के क्षेत्रों में स्थायी सेना और अर्धसैनिक बलों की तैनाती पर विचार किया है, विशेषकर आगामी अमरनाथ यात्रा को ध्यान में रखते हुए। बिसरन घाटी जैसे दुर्गम क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई जा रही है।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान ने भारत के कदमों को "गैर-जिम्मेदाराना" बताते हुए निम्नलिखित जवाबी कार्रवाई की है:
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सभी द्विपक्षीय संधियों का निलंबन: पाकिस्तान ने सभी द्विपक्षीय संधियों, जिसमें 1972 की शिमला समझौता भी शामिल है, को निलंबित कर दिया है।Financial Times
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हवाई क्षेत्र बंद: पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है।
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व्यापार और वीजा सेवाओं का निलंबन: पाकिस्तान ने भारत के साथ व्यापार और वीजा सेवाओं को निलंबित कर दिया है।
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इंडस जल संधि पर चेतावनी: पाकिस्तान ने चेतावनी दी है कि यदि भारत ने सिंधु नदी के जल प्रवाह को बाधित किया, तो इसे युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा।
निष्कर्ष
पहलगाम हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और अधिक बिगाड़ दिया है। दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच बढ़ते तनाव से क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता पर खतरा मंडरा रहा है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें अब इस पर टिकी हैं कि दोनों देश इस संकट को कैसे संभालते हैं।

