22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद, घाटी में गहरा शोक और आक्रोश का माहौल है। इस हमले में 26 पर्यटकों की जान गई और 17 अन्य घायल हुए, जिससे यह हाल के वर्षों में नागरिकों पर हुआ सबसे घातक हमला बन गया है।
🕌 धर्मगुरुओं की प्रतिक्रिया
देश के प्रमुख मुस्लिम संगठनों और धर्मगुरुओं ने इस हमले की कड़ी निंदा की है:
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जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा, "निर्दोष लोगों की हत्या करने वाले इंसान नहीं, बल्कि दरिंदे हैं। इस्लाम में आतंकवाद के लिए कोई स्थान नहीं है।"
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ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने इस हमले की निंदा करते हुए अपने वक्फ कानून के खिलाफ चल रहे विरोध कार्यक्रमों को तीन दिनों के लिए स्थगित कर दिया है, ताकि पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की जा सके।
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ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन के प्रमुख इमाम उमर अहमद इलियासी ने घोषणा की कि देशभर की 5.5 लाख मस्जिदों में शुक्रवार की नमाज़ के दौरान आतंकवाद के खिलाफ संदेश दिया जाएगा और पीड़ितों के लिए दुआ की जाएगी।
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जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद सादतुल्लाह हुसैनी ने इस हमले को "अमानवीय" और "नैतिकता के हर सिद्धांत के खिलाफ" बताया, और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की।
🛑 घाटी में बंद और जन प्रतिक्रिया
हमले के बाद, कश्मीर घाटी में स्वतःस्फूर्त बंद देखा गया। श्रीनगर, अनंतनाग, और पहलगाम जैसे क्षेत्रों में दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान, और ईंधन स्टेशन बंद रहे। स्थानीय लोगों ने इस हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए और शांति की अपील की।
🇮🇳 सरकार की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा की और दोषियों को सजा दिलाने का संकल्प लिया। भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ मुख्य भूमि सीमा को बंद कर दिया है, सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है, और पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीज़ा छूट योजना को रद्द कर दिया है।