दिल्ली की तिस हजारी कोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण मामले में फैसला सुनाया, जिसमें तृषा खान (उर्फ तृषा राठौर, निशा खान) पर 13 युवकों के खिलाफ झूठे बलात्कार और छेड़छाड़ के मामले दर्ज कराने का आरोप था।
मामले का विवरण:
-
नामों में बदलाव: तृषा खान ने सात बार अपना नाम बदला और पांच फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाए।
-
झूठे आरोप: उन्होंने 10 पुरुषों पर बलात्कार और 3 पर छेड़छाड़ के झूठे आरोप लगाए।
-
संदीप दहिया का मामला: संदीप दहिया, जो इन आरोपों में से एक के शिकार थे, 105 दिन जेल में रहे और छह साल तक मुकदमा झेला।
-
कोर्ट की टिप्पणी: जज अनुज अग्रवाल ने कहा कि "झूठे आरोपों से किसी की प्रतिष्ठा नष्ट हो सकती है, और केवल बरी होना उस पीड़ा की भरपाई नहीं कर सकता।" उन्होंने यह भी कहा कि तृषा खान को वही सजा मिलनी चाहिए जो झूठे आरोपों के तहत अभियुक्तों को मिलती। Bhaskar English
कानूनी कार्रवाई:
कोर्ट ने मामले को न्यायिक मजिस्ट्रेट को भेजने और तृषा खान के खिलाफ झूठी गवाही देने के आरोप में मुकदमा चलाने का आदेश दिया है।
व्यापक प्रभाव:
यह मामला झूठे बलात्कार के आरोपों की गंभीरता और उनके दुरुपयोग पर प्रकाश डालता है, जिससे निर्दोष लोगों की ज़िंदगियाँ प्रभावित होती हैं।
इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए, आप यह वीडियो देख सकते हैं।YouTube
यदि आप इस विषय पर और जानकारी या विश्लेषण चाहते हैं, तो कृपया बताएं।